चेतावनी : नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता नहीं तो मिशन रिपीट भी नहीं
फर्स्ट वर्डिक्ट. शिमला
नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता मांग रहे कर्मचारी सरकार के आगे गुहार लगा कर थक चुके है मगर सरकार की तरफ से अब तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिल पाया। 27 नवंबर 2021 को हुई जेसीसी की बैठक में इन कर्मचारियों से ये वादा किया गया था कि उनकी मांगों को पूरा करने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा और फिर कर्मचारियों की ये मांग पूरी की जाएगी। न अब तक मांग पूरी हुई और न ही कमेटी का गठन। ये वादों का सिलसिला नया नहीं है, काफी पुराना है। ये वो ही कर्मचारी है जिनसे कहा गया था कि जाती हुई सरकार की बात मत सुनो आती हुई सरकार की मानो। ये शब्द पूर्व मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल ने 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान कहे थे। इन कर्मचारियों से वादा किया गया था कि भाजपा के सत्ता में आते ही मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया जाएगा और अनुबंध कर्मचारियों को नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान करने हेतु कार्य किया जाएगा। खैर ये बात काफी पुरानी हो गई है मगर इसके बाद हाल ही में मुख्यमंत्री द्वारा किया गया वादा भी पूरा नहीं हुआ है। जाहिर है ऐसे में कर्मचारियों में रोष है। इनका कहना है कि जहां हर कर्मचारी वर्ग की मांगें पूरी की जा रही तो फिर इन्हें अनदेखा क्यों किया जा रहा है। हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन का एक प्रतिनिधि मंडल संगठन बीते दिनों प्रदेश महामंत्री अनिल सेन की अध्यक्षता और अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा की अगुवाई में अपनी प्रमुख मांग यानी नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता व अनुबंध काल को कुल सेवा काल में जोड़ने के संदर्भ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला l मुख्यमंत्री से आग्रह किया गया कि कमेटी का गठन करके अतिशीघ्र उनकी मांग को पूरा किया जाए l
हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन का कहना है कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर वर्तमान सरकार अनुबंध से नियमित कर्मचारियों को हल्के में ना लें, क्योंकि उनकी संख्या 70 हजार के करीब है और यदि उनके परिवार के सदस्यों की संख्या को भी गिन लिया जाए तो यह 3 लाख के करीब हो जाती है यह संख्या मिशन रिपीट में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है l यदि सरकार अनुबंध से नियमित कर्मचारियों को वरिष्ठता देती है व अनुबंध काल को कुल सेवाकाल में जोड़ती है तभी मिशन रिपीट होगा l नियुक्ति तिथि से वरिष्ठता नहीं तो मिशन रिपीट भी नहीं । अतः सरकार अति शीघ्र अनुबंध से नियमित कर्मचारियों को वरिष्ठता व अनुबंध काल को कुल सेवाकाल में जोड़ने की घोषणा करें ।
डिमांड चार्टर में नंबर चार पर थी मांग :
27 नवंबर 2021 को शिमला में हुई संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के डिमांड चार्टर में नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग को नंबर चार पर रखा गया था l बैठक में इस हेतु मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन करने व संगठन के पदाधिकारियों को भी इसमें शामिल किये जाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन ढाई महीने बीत जाने पर भी कमेटी का गठन नहीं हो पाया है l हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन का कहना है कि सरकार ने अनुबंध कर्मचारियों का कार्यकाल 3 से 2 वर्ष तो कर दिया परंतु उन कर्मचारियों का क्या कसूर जिन्होंने 8 वर्ष,6 वर्ष,5 वर्ष और 3 वर्ष का लंबा कार्यकाल अनुबंध पर काटा है l
कमीशन पास करके क्या कोई गुनाह किया है : सेन
हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के प्रदेश महामंत्री अनिल सेन ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रदेश के विभिन्न विभागों में कार्यरत आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक स्थाई नीति बनाने जा रही है जो कि एक स्वागत योग्य कदम है, परंतु दूसरी तरफ प्रदेश के विभिन्न विभागों में संवैधानिक तरीके से कमीशन पास करके व बैच वाइज आधार पर भर्ती अनुबंध से नियमित कर्मचारियों की इस जायज मांग को लगातार दरकिनार कर रही है l प्रदेश सरकार यह बताएं कि अनुबंध से नियमित कर्मचारियों के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों? उन्होंने कमीशन पास करके कोई गुनाह किया है क्या? नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता न मिलने के कारण अनुबंध से नियमित कर्मचारी मानसिक पीड़ा और कुंठा में हैं l एक ही विभाग में एक ही पद पर 5 वर्षों से कार्यरत कर्मचारी जूनियर हो गया है,और सिर्फ 5 महीने तक रहने वाला कर्मचारी सीनियर हो गया है, यह कहां का न्याय है l
जूनियर हुए सीनियर :
वर्ष 2008 में बैचवाइज और कमीशन आधार पर लोकसभा आयोग और अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग द्वारा कर्मचारियों की नियुक्तियां अनुबंध के तौर पर की जाने लगी l पहले अनुबन्ध काल 8 साल का हुआ करता था जो बाद में कम होकर 6 फिर 5 और फिर 3 साल हो गया और हाल ही में ये दो साल हो गया है। ये अनुबन्ध काल पूरा करने के बाद यह कर्मचारी नियमित होते है। अनुबंध से नियमित होने के बाद इन कर्मचारियों की अनुबंधकाल की सेवा को उनके कुल सेवा काल में नही जोड़ा जाता, इसी को लेकर संगठन को आपत्ति है। इनका कहना है कि अनुबंध काल अधिक होने से पुराने कर्मचारियों को वित्तीय नुक्सान के साथ प्रमोशन भी समय पर नहीं मिल पाती l अब मांग है कि उनको नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता प्रदान की जाए ताकि उन्हें समय रहते प्रमोशन का लाभ मिल सके। अनुबंध काल की सेवा का वरिष्ठता लाभ ना मिलने के कारण उनके जूनियर साथी सीनियर होते जा रहे हैं।