चेतावनी : प्रोमोशन में प्रवक्ताओं की नज़र अंदाजी नहीं चलेगी
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदोन्नतियों में प्रवक्ताओं को नजरअंदाज न करने की मांग की है। संघ के अध्यक्ष केसर सिंह ठाकुर ने बताया कि अगर इस बार प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदोन्नतियों में प्रवक्ताओं को नजरअंदाज किया जाता है, तो प्रवक्ता संघ इसका कड़ा विरोध करेगा। संघ के अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदोन्नति में प्रवक्ताओं को उनकी संख्या के अनुपात में बहुत कम अवसर प्राप्त हो रहे हैं। बड़े लंबे समय से प्रवक्ता संघ प्रवक्ताओं का पदोन्नति कोटा बढ़ाने की लगातार मांग कर रहे हैं। वे चाहते है की प्रधानाचार्य के पदोन्नति कोटे का अनुपात 95:5 किया जाए।
प्रवक्ताओं का तर्क है कि प्रधानाचार्यों की पदोन्नति के लिए दो ही फीडिंग काडर हैं। इनमें स्कूली प्रवक्ता और उच्च विद्यालयों में कार्यरत मुख्याध्यापक शामिल हैं। इनका कहना है कि प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति के लिए इन दोनों फीडिंग काडर की वास्तविक संख्या के आधार पर पदों का बंटवारा होना चाहिए। संघ के पदाधिकारियों के अनुसार प्रवक्ताओं को पदोन्नति में हमेशा नजरअंदाज किया जाता है। प्रधानाचार्य के रूप में होने वाली पदोन्नतियों सूचियों में मुख्य अध्यापकों की संख्या बहुत अधिक रहती है जबकि प्रवक्ताओं को पदोन्नति सूचियों में बहुत कम स्थान प्राप्त होते है। 27 मार्च को जारी सूची में 96 मुख्य अध्यापकों को प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत किया गया था जबकि केवल 45 प्रवक्ताओं को ही पदोन्नत किया गया था।
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ ने चेतावनी दी है कि अगर इस बार प्रधानाचार्य के रूप में होने वाले प्रमोशन में प्रवक्ताओं को नजरअंदाज किया जाता है या विभाग द्वारा सिर्फ मुख्य अध्यापकों को ही प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत किया जाता है और प्रवक्ताओं को प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत करने के लिए सूची नहीं निकाली जाती है, तो संघ इसका कड़ा विरोध करेगा। संघ इस संबंध में संघर्ष करने में किसी भी तरह का कोई गुरेज नहीं करेगा जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी विभाग की होगी।
सीएम की घोषणा तीन साल बाद भी लागू नहीं हुई
हिमाचल प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के अनुसार मुख्यमंत्री द्वारा प्रवक्ताओं का पदोन्नति कोटा बढ़ाने की घोषणा के बावजूद विभाग की ओर से उस पर कार्रवाई नहीं की गई है। संघ के अनुसार 23 नवंबर 2018 को पालमपुर में आयोजित प्रदेश स्कूल प्रवक्ता संघ के राज्यस्तरीय सम्मेलन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने 10 प्रतिशत कोटा बढ़ाने की घोषणा की थी। लेकिन, घोषणा के तीन वर्ष बाद भी यह लागू नहीं हो पाई है, जो प्रवक्ता वर्ग के साथ बहुत बड़ा धोखा है। इनका आरोप है कि प्रदेश की नौकरशाही लगातार इसके बारे में भेदभाव कर रही है।