कब गठित होगी कमेटी, आखिर विलम्ब क्यों
27 नवंबर 2021 को हुई जेसीसी की बैठक में कई घोषणाएं हुई। कर्मचारियों के खिले हुए चेहरे ये स्पष्ट दर्शा रहे थे कि अर्से बाद एक बड़ी राहत उन्हें मिली है। मगर कुछ चेहरे तब भी मायूस थे क्यूंकि उनकी मांगें अब भी अधूरी थी। इन कई अधूरी मांगों में से एक मांग है नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता की मांग। ये मांग तो जेसीसी की बैठक में पूरी नहीं हो पाई थी मगर इसे पूरा करने के लिए कमेटी के गठन का आश्वासन ज़रूर कर्मचारियों को दिया गया था। ये आश्वासन अब तक आश्वासन ही है, हकीकत नहीं बन पाया। इस बेरुखी से कर्मचारी वर्ग में खासी नाराज़गी है। हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने सेनिओरिटी के विषय में कमेटी का शीघ्र गठन करने और उसमें हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के सदस्यों को शामिल करने का आग्रह किया। संघ के प्रदेशाध्यक्ष मुनीष गर्ग,का कहना है कि जेसीसी की बैठक में सेनिओरिटी के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी के गठन की घोषणा हुई थी, लेकिन जेसीसी की मीटिंग के एक महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी कमेटी का गठन नहीं हुआ है।
हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन ने सरकार से सवाल किया है कि कमेटी गठन में एक महीने से अधिक समय लगने का क्या कारण है। कब इसकी बैठक होगी और कब यह कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी। संघ का कहना है कि सरकार को तुरंत कमेटी का गठन करना चाहिए ताकि समय रहते इसकी सिफारिशों पर अमल हो सके। संगठन के पदाधिकारियों के अनुसार 2008 में पहली बार लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ चयन बोर्ड द्वारा भर्ती एवम पदोनित नियमों के अंतर्गत नियुक्त कर्मचारियों को अनुबंध आधार पर नियुक्त किया गया। कमीशन और बैच के आधार पर नियुक्त यह कर्मचारी सभी नियमों और सेवा शर्तों को पूरा करके नियुक्त हुए हैं। इसलिए इनकी सर्विसेज को प्रोमोशन और अन्य सेवालाभों के लिए नियुक्ति की तिथि से गिना जाए, ना कि नियमितीकरण की तिथि से। पूर्व में भी सरकार ने एडहॉक और टेन्योर बेसिस पर नियुक्त कर्मचारियों की सेवाओं को प्रोमोशन के लिए योग्य माना है तो अनुबंध पर दी गई सेवाओं को क्यों योग्य नही माना जा रहा ? संघ का कहना है नियुक्ति की तिथि से वरिष्ठता ना मिलने से जूनियर कर्मचारी सीनियर होते जा रहे हैं जो कि अन्याय है। कर्मचारियों ने कहा कि उनका चयन भर्ती एवम पदोनती नियमों के अनुसार हुआ है इसलिए उनके अनुबंध की सेवा को उनके कुल सेवाकाल में जोड़ा जाना तर्कसंगत है। हम पूरे नियमों के अंतर्गत नियुक्त हुए हैं, तो सरकार हमे पहले दिन से सरकारी कर्मचारी माने नाकि नियमितीकरण की तिथि से। उन्होंने कहा कि यह प्रदेश के 70 हजार कर्मचारियों के मान सम्मान से जुड़ा विषय है इसलिए सरकार जल्द इस मांग को पूरा करे।
कमेटी में संगठन के सदस्यों को करें शामिल
हिमाचल अनुबंध नियमित कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मुनीष गर्ग, प्रदेश महासचिव अनिल सेन, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष संजय कुमार, प्रदेश प्रवक्ता विजय राणा, सचिव सुशील चंदेल, मोहन ठाकुर, प्रेस सचिव राकेश चौहान, प्रेमपाल पठानिया, आईटी सेल हेड संदीप चंदेल, जिला कांगड़ा अध्यक्ष सुनील पराशर, हमीरपुर जिलाध्यक्ष डॉ सुरेश कुमार, चम्बा जिलाध्यक्ष राजेंदर पॉल, मंडी जिला अध्यक्ष कृष्ण यादव, ऊना जिलाध्यक्ष संजीव बग्गा, शिमला जिलाध्यक्ष नंद लाल ने सामुहिक रूप से मांग की है कि सेनिओरिटी के लिए बनाई जा रही कमेटी में संगठन के सदस्यों को भी शामिल किया जाए ताकि वे अपनी मांग के समर्थन में उपयुक्त तथ्य प्रस्तुत कर सकें।