करसोग महाविद्यालय में किया गया भूकंप आपदा से बचने के लिए मॉक ड्रिल का आयोजन
बुधवार को राजकीय महाविद्यालय करसोग में हिमाचल प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार सब डिविजनल मजिस्ट्रेट की अध्यक्षता में भूकंप आपदा आने की परिस्थिति और उससे निपटने के लिए एक मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। हिमाचल प्रदेश में 4 जिलों में आज इस प्रकार की मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया जिसमें जिला मंडी के अंतर्गत आने वाले इस महाविद्यालय को मॉक ड्रिल के लिए चुना गया था। इस "मॉक ड्रिल" के दौरान लगभग 11:00 बजे सायरन की आवाज से ही महाविद्यालय की सभी कक्षाओं से बच्चे इस प्रकार बाहर निकले, मानो सचमुच ही भूकंप बिल्डिंग को झकझोर रहा हो। इस प्रक्रिया के दौरान रोवर रेंजर इकाई, एनएसएस व एनसीसी की कुछ विद्यार्थियों ने घायल छात्रों के रोल को निभाया जिसमें की रोवर रेंजर यूनिट से राधिका, अमृता, शीशराम, चमन, हितेश, दीपक, एनएसएस इकाई से प्रिया, शेफाली, राज, निखिल शर्मा, कुमार सोनू, आशीष, डोली राज, रविकांत तथा एनसीसी यूनिट से नेहा, पूजा ठाकुर, सुरेश ,सुशील ,दिनेश, गंगेश, ओमप्रकाश, सुरेंद्र आदि सम्मिलित रहे। मॉक ड्रिल के दौरान स्थानीय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए पुलिस विभाग, फायर डिपार्टमेंट, स्थानीय मेडिकल विभाग तथा बिजली विभाग को तुरंत सूचना दी और सभी ने कार्रवाई करते हुए समय के भीतर आवश्यक साजो सामान के साथ कॉलेज में उपस्थिति दर्ज की। पुलिस विभाग और फायर डिपार्टमेंट के साथ मिलते हुए रोवर रेंजर एनसीसी व एनएसएस इकाई के विद्यार्थियों ने भी रेस्क्यू ऑपरेशन में भाग लिया।रोवर रेंजर इकाई से ज्योति, आरती, पूनम, सुनील, प्रमोद, मुनीश तथा एनसीसी से मीनाक्षी, प्रतीक्षा, ज्योति, वर्णिका, विजय कुमारी, रोहित, हेमचंद, रोहित तथा एनएसएस इकाई से पूजा ठाकुर, मुस्कान, साक्षी ने भाग लिया। इन विद्यार्थियों ने आपातकालीन की स्थिति में घायलों को विभिन्न 14 प्रकार विभिन्न तरीकों को अपनाते हुए घायलों को बाहर निकाला। बाद में उन्हें तुरंत हॉस्पिटल के लिए एंबुलेंस में स्थानीय प्रशासन की मदद से रवाना करने में सहयोग दिया। आपको बता दें कि विभिन्न प्रकार के मेथड्स को स्थानीय प्रशासन के सहयोग से विभिन्न कार्यशाला के दौरान सीखा है। महाविद्यालय की त्रिवेणी इकाई ऐसी आपातकालीन स्थिति में महत्वपूर्ण रोल निभा सकती है। इस मॉक ड्रिल के दौरान स्थानीय प्रकाश प्रशासन की विभिन्न इकाइयों में सहयोग तथा कमियां देखने को उजागर हुई। इसी कड़ी में महाविद्यालय ने भी इस मॉक ड्रिल अभ्यास के दौरान अपनी कमियों को ढूंढा तथा भविष्य में से सीख लेने के लिए उचित कार्रवाई करने का मन बनाया है। इस प्रकार की मॉक ड्रिल महाविद्यालय ही नहीं अपितु महाविद्यालय में पड़ने वाले विभिन्न छात्रों के माध्यम से करसोग के विभिन्न क्षेत्रों तक यह जानकारी को पहुंचाएगा, जिसके माध्यम से ऐसी आपदा वाली स्थिति से निपटने के लिए लोग जागरूक होंगे। महाविद्यालय के कार्यकारी प्राचार्य डॉक्टर गुलशन महाजन ने बताया कि महाविद्यालय अपने स्तर पर भी आने वाले समय में ऐसी परिस्थितियों से निपटने के लिए अपनी टास्क फोर्स मजबूत करने के लिए कदम उठाएगा। इसके साथ-साथ उन्होंने विद्यार्थियों से भी आह्वान किया कि वह आपदा निष्पादन की यह प्रक्रिया सीखें और समय आने में समाज में अपना बहुमूल्य सहयोग दें। साथ ही साथ उन्होंने सब डिविजनल मजिस्ट्रेट सनी शर्मा का भी आभार प्रकट किया जिनके माध्यम से इस मॉक ड्रिल का आयोजन जागरूकता के लिए महाविद्यालय में किया गया।