करसोग की बेटी अंजना कुमारी ने लिया अपनी पूरे शरीर के अंगदान करने का निर्णय
दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहां, कैसे ढूंढे कोई उनको, नहीं कदमों के भी निशा...इस कहावत को करसोग के कशोहल से सबन्ध रखने वाली अंजना कुमारी गलत साबित किया है। अंजना कुमारी ने अपने पूरे शरीर के अंगदान करने का निर्णय लेकर आई डोनेशन सेन्टर जनरल अस्पताल पंचकूला में अपना फूल बॉडी अंगदान करने का निर्णय लिया है जो कि बहुत ही सराहनीय है। अंग अमूल्य हैं, उसे जलाकर राख करने के बजाय दान कर दुनिया से जाने के बाद भी दुनिया में रहकर मिसाल कायम करने की सोचिए, क्योंकि अंगदान के माध्यम से दुनिया से जाने के बाद भी कोई किसी के सीने में दिल बनकर धड़क रहा है तो कोई दूसरों की आंखों से दुनिया से जाने के बाद भी दुनिया देख रहा है। देश में अंगदान की स्थिति बेहद निराशाजनक है फिर भी हमारे बीच चंद ऐसे लोग हैं जो अपनों को खोने के गम भूलकर दूसरों को जीवनदान देने का निर्णय ले रहे है। अंजना कुमारी पंचकुला में एक एनजीओ के साथ मिलकर कार्य करती है और ऐसे बच्चों को शिक्षा प्रदान कर रही है। जो बच्चें कभी स्कूल नही जा सकते अंजना समाज सेवा में दिन रात अपना समय दे रही है। समाज सेवा की सेवा भावना से ही अंजना कुमारी ने गत दिन पंचकूला के सेक्टर 06 जनरल आई डोनेशन केन्द्र में अपना पूरे शरीर का अंगना फॉर्म भरकर अंगदान करने का निर्णय लिया है जिसकी सभी सराहना कर रहे हैं। अंगदान में करसोग के लोग भी आगे आ रहे है। कई जीवित रहते भी अपने परिवार के लोगो को कुछ एक अंगदान कर जिन्दगी बचा रहे हैं ।