समृद्ध कला शैली का परिचायक है चम्बा थाल
हिमाचल प्रदेश का प्राकृतिक सौंदर्य ही नहीं अपितु यहाँ की समृद्ध कला शैली भी प्रदेश को एक अलग पहचान दिलाती है। जिला चम्बा के थाल ने प्रदेश को विश्व भर में एक अलग ही पहचान दिलाई है। कहते है रियासत काल में राजाओं के समय में राजा को भेंट के रूप में चंबा थाल दिया जाता था। जो परंपरा उस समय शुरू हुई थी वह आज भी चल रही है। आज भी जब शादी विवाह या किसी मुख्य अतिथि को कोई चीज भेंट करनी होती है, तो चंबा थाल को सबसे पहले प्राथमिकता दी जाती है। देवी-देवताओं की जीवंत छवियों वाले चम्बा थाल का उपयोग मंदिरों, विवाहों या किसी अन्य पवित्र अवसर पर "पूजा" करने जैसे अनुष्ठानों में किया जाता है। बीत कुछ समय से अब इस चम्बा थाल की डिमांड अधिक हो गई है। खासतौर से जब से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने ओलंपिक विजेताओं को चंबा थाल देने की शुरुआत की है, उसके बाद से चंबा थाल की डिमांड कई गुना बढ़ गई है और इसके बाद से चंबा की धातु शिल्प कला की दुनिया दीवानी हो रही है।
इस तरह बनाया जाता है चम्बा थाल
पीतल पर हाथों से कलाकृतियां उकेर कर तैयार किया जाने वाला चंबा थाल अपने आप में खास है। इस पर पहले हिंदू देवी-देवताओं की कलाकृतियां उकेरी जाती थीं। समय के साथ इसमें देवी-देवताओं के अलावा गद्दी समुदाय सहित हिमाचली संस्कृति से जुड़ी कलाकृतियां उकेरी जाने लगी। चम्बा थाल को बनाने के लिए कारीगर पहले कागज पर देवता का एक चित्र बनाते हैं, जिसे एक धातु की शीट पर चिपकाया जाता है। वे फिर इन छवियों को प्लेट पर तराशते हैं। बताया जाता है कि अब तक सबसे अधिक उभरा हुआ चित्र भगवान विष्णु के10 अवतार, देवी दुर्गा के नौ अवतार, राधा-कृष्ण और गणेश हैं।
तीन आकार में बनता है चम्बा थाल
यह थाल तीन आकार में उपलब्ध होता है। सबसे छोटा आकार 11 इंच और वजन चार सौ ग्राम तक होता है। मध्यम थाल 15 इंच तथा करीब आठ सौ ग्राम का होता है। सबसे बड़ा थाल 23 इंच और पौने दो किलो तक का होता है। छोटे थाल की कीमत करीब 1400, मध्यम आकार की कीमत दो हजार तथा बड़े थाल की कीमत करीब तीन हजार रुपये तक होती है।
पीएम नरेंद्र मोदी के साथ तेंदुलकर को भी कर चुके है भेंट
दिसंबर 2021 में मंडी पहुंचने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने चंबा थाल भेंट किया था। क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर को भी जिले के शिल्पकार प्रकाश चंद चंबा थाल पर उनका पोट्रेट उकेरकर भेंट कर चुके हैं। कलाकारों की मानें तो चंबा थाल की पहले इतनी डिमांड नहीं हुआ करती थी, लेकिन अब चम्बा थाल की दुनिया दीवानी हो रही है।