कुल्लू दशहरा : शाही अंदाज में निकली भगवान नरसिंह की चौथी जलेब
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव की मुख्य आकर्षण भगवान नरसिंह की चौथी भव्य जलेब आज पूरे लाव लश्कर व गाजे-बाजे के साथ निकली। ढालपुर स्थित दशहरा मैदान में राजा की चाननी से शुरू हुई जलेब में बाह्य सराज के देवताओं ने भाग लिया। शाम करीब 4 बजे शुरू हुई जलेब उपायुक्त कार्यालय कुल्लू से होकर जिला अस्पताल और कलाकेंद्र होकर शाही अंदाज में ढालपुर से वापस अपने स्थान पर पहुंची। अलौकिक, अदभुत व भव्य जेलब में जिला कुल्लू के बाह्य सराज आनी के देवताओं ने भाग लेते हुए जलेब को आकर्षक बनाया। ढोल-नगाड़ों, करनाल, नरसिंगों व शहनाई की स्वरलहरियों की धुनों के साथ देवता के कारकूनों, हरियानों तथा देवलुओं ने देव रथों के संग नृत्य किया।
इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं व युवतियां भी शामिल रहीं। जलेब यात्रा में सबसे आगे भगवान नरसिंह की घोड़ी, उसके पीछे देवता और साथ में भगवान रघुनाथ के मुख्य छड़ीबरदार महेश्वर सिंह पालकी में सवार होकर आगे बढ़े। जलेब में सोने-चांदी के मुख मोहरों से सजे अधिष्ठाता खुडीजल, व्यास ऋषि, कोट पझारी, टकरासी नाग, चोतरू नाग व बिशलूनाग ने भाग लिया। जलेब के अलौकिक नजारे को देखने के लिए भवनों की छतों व रास्तों में लोगों व पर्यटकों के कदम ठहर गए। दशहरा उत्सव की अंतिम जलेब छठे दिन मोहल्ला पर्व के बाद निकलेगी। देवता खुडीजल के कारदार शेर सिंह, व्यास ऋषि के कारदार इंद्र सिंह, देवता कोट पझारी के कारदार भागे राम राणा तथा टकरासी नाग के कारदार अमर सिंह व पुजारी पूर्ण शर्मा ने कहा कि देवता सैकड़ों सालों से जलेब में भाग लेकर परंपरा को निभा रहे हैं।