कुल्लू : देवसदन में तीन दिवसीय कुल्लू साहित्य उत्सव का शुभारंभ
हिमतरु प्रकाशन समिति तथा भाषा एवं संस्कृति विभाग के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय कुल्लू साहित्य उत्सव का शुभारंभ देवसदन कुल्लू में हुआ। इसकी अध्यक्षता करते उपायुक्त तोरूल एस रवीश ने कहा कि साहित्य की प्रासंगिकता आज भी उतनी ही, जितनी पूर्वकाल में थी। समय के साथ इसमें बदलाव आते रहे। साहित्य देश, विश्व की हर कड़ी को जोड़ता है। काल व इतिहास को संकलित करता है। इन्होंने आधुनिक सूचना तकनीक के युग में साहित्य पठन पाठन के महत्व पर बल दिया तथा बच्चों में बाल्यकाल से ही पाठ्यक्रम पुस्तकों के पढ़ने के साथ अन्य पुस्तकें पढ़ने पर बल दिया।
उन्होंने समाज में साहित्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि निरन्तर अध्ययनरत रहना न केवल हमारे बौद्धिक विकास को बढ़ाता है, बल्कि हमें समाज के प्रति संवेदनशील भी बनाता है। आधुनिक युग में जब पाठक डिजिटल माध्यम के प्रति अधिक आकृष्ट हो रहें हैं ऐसे में भी पुस्तक पाठन लेखन की प्रासंगिकता ओर बढ़ गई है। डॉ. शेखर पाठक ने पहाड़ की चिंताए व हिमालय विषय पर अपने शोधपूर्वक विचार रखे। बजरंग बिहारी तिवारी ने दलित विमर्श पर अपने विचार व्यक्त किए।