कुल्लू : संविधान की रक्षा का संकल्प लेकर मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
आज पूरा देश आज़ादी की 75वीं बर्षगांठ मना रहा है। जनवादी महिला समिति पूरे देश में आज़ादी के इस दिन को संविधान की रक्षा का संकल्प लेकर मना रही है। जिला कुल्लू में जनवादी महिला समिति ने राष्ट्रीय ध्वज को लहराकर सेमीनार किया। सेमीनार को सीटू के जिला महासचिव राजेश ठाकुर ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज देश को आज़ाद होकर 75 बर्ष हो गये है। फिर भी देश की जनता रोटी कपड़ा और मकान के लिए तरस रही है। देश में लोग भूखे पेट सोने को मज़बूर हो रहे हैं। बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है। मंहगाई इतनी बढ़ गई है की आम जनता दो वक्त की रोटी के लिए तरस रही है। मंहगा इलाज़ व शिक्षा के कारण आम जनता इलाज़ व शिक्षा से मरहूम हो रही है। 1990 के बाद केन्द्र मे रही सरकारों ने देश में नवउदारवादी नीतियों को बडे पैमाने पर लागू किया है। जिससे इस देश में गरीबी, भूखमरी, मंहगाई व बरोज़गारी लगातार बढ़ रही है। आज देश आर्थिक रूप से गुलाम हो रहा है। नवउदारवादी नीतियों को लागू करके बडे पूंजिपतियों की तिजोरियां भरने का काम किया है।
2014 में केन्द्र में भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी है तब से देश में संवैधानिक संस्थाओं को पंगु बना दिया है। देश में भाजपा की केन्द्र सरकार ने देश में पूंजिपतियों के फायदे के लिए देश की सार्वजनिक संपतियों को बेचना शुरू किया है। देश में साम्प्रदायिकता का जंहर फैलाने का काम किया जा रहा है। देश को धर्म जात के नाम से तोडने का काम किया जा रहा है। देश में अल्पसंख्यकों, दलित समुदायों और महिलाओं पर लगातार हमले किये जा रहें। देश का किसान पिछले 9 महीने से कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहा है। लेकिन मोदी सरकार अपनी हठ पर अडी है। देश के मज़दूरों के श्रम कानूनों को समाप्त किया गया। देश की जनता पर महगाई का बोझ बढाया जा रहा है। पैट्रोल डीजल, खाद्य तेल व रसोई गैस के दाम आसमान छू रहे हैं। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की संयोजक कान्ता महन्त व ममता ने कहा कि आज पूरे देश में जनवादी महिला समिति मांग कर रही है कि डिपुओं में सभी को 10 किलो प्रतिव्यक्ति राशन दिया जाए और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाए ताकि सभी को भरपेट पौष्टिक भोजन मिल सके। सभी गैर आयकर दाता परिवार को 7500 रूपये नकद दिए जाऐं। आवश्यक वस्तु अधिनियम के माध्यम से मूल्य नियंत्रण सुनिश्चित हो और अनाज की जमाखोरी व कालाबाज़ारी पर रोक लगे। महिलाओं की सुरक्षा के लिए कडे कानून बनाऐं जाऐं। सेमिनार में लगभग 90 महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया।