कुल्लू : प्रदेश भर में किसान सभा व सीटू के आह्वान पर किसान-मज़दूरों ने मांगों को लेकर किए प्रदर्शन
पूरे देश व प्रदेश में संयुक्त रूप से किसान सभा व सीटू के आह्वान पर किसान-मज़दूर व आम जनता की मांगों को लेकर व बढ़ती मंहगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया गया। जिला कुल्लू के पांचों ब्लॉकों में हिमाचल किसान सभा, सीटू,महिला समिति ने प्रदर्शन किया । जिला मुख्यालय कुल्लू में सोमवार को सैंकड़ों किसान-मज़दूर-महिलाओं ने सरवरी नेहरू पार्क से रैली निकालकर जिला उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। सीटू के राज्य महासचिव प्रेम गौतम ने सम्बोधित करते हुए कहा कि आज 9 अगस्त 1942 को भारत छोड़ो आन्दोलन का आगाज़ हुआ था। आज 9 अगस्त को देश का मज़दूर-किसान मिलकर मोदी गद्दी छोडो और अम्बानी अडानी देश छोडो का आह्वान करेगा। जब से मोदी सरकार सता में आई है तब से देसी व विदेशी पूंजिपतियों के मुनाफे को बढ़ाने का काम किया गया है। देश में भजपा सरकार बड़ी तेज़ी से नवउदारवादी नीतियों को लागू कर रही है। इन नीतियों के लागू करने से सिर्फ पूंजिपतियों को ही लाभ हो रहा है। आम आदमी, किसान, मज़दूर की स्थिति बद से बदतर हो रही है। मज़दूरों की कमाई की अधिक लूट करने के लिए मोदी सरकार ने देश के 44 श्रम कानूनों को बदल कर 4 श्रम कोड बना दिए है। श्रम कानून मजदूरों के शोषण व लूट को रोकने की एक महत्वपूर्ण कड़ी थे। श्रम कानून को बदल कर सारी शक्तियां पूंजिपतियों के हाथ में दे दी गई हैं ताकि ये मज़दूरों की मनमानी लूट कर सकें। श्रम कोड मज़दूर विरोधी है। श्रम कानूनों को बहाल करने के लिए संघर्ष को तेज़ किया जायेगा। हिमाचल किसान सभा के राज्य सह सचिव होतम सिंह सौंखला ने सम्बोधित करते हुए कहा कि देश का किसान पिछले 8 महीनों से तीनों कृषि कानूनों को वापिस करवाने और सभी फसलों के न्यूनतक समर्थन मुल्य पर कानून बनाने के लिए आन्दोलन कर रहा है। 600 से ज्यादा किसानों ने आन्दोलन में अपनी शहादत दी है। लेकिन मोदी सरकार अपनी ज़िद पर अड़ी है। केंद्र की मोदी सरकार ने देश के किसानों की जमीन, कृषि बाजार व मंडियों को पूंजिपतियों के हवाले करने के लिए देश में तीन कृषि कानून आनन-फानन में गैर संवैधानिक व अलोकतांत्रिक तरीके से पारित किये है। केन्द्र की मोदी सरकार पूंजिपतियों की दलाल बनी हुई है। देश के किसान तब तक आन्दोलन करेगें जब तक तीन काले कृषि कानून वापिस नही करती और फसलों का न्यूनतम मुल्य पर कानून नही बनाती। होतम सिंह सौंखला ने कहा कि आम जनता की आर्थिक स्थिति निरन्तर कमजोर हो रही है। जनता को सरकार की तरफ से सहायता की जरूरत थी परन्तु यह सरकार जनता की जेब से और पैसा निकाल रही है। यह काम वह पेट्रोल, डीज़ल व गैस के उपर एक्साईज़ कर बढा रही है। जिसके कारण महंगाई आसमान छू रही है। खाने पीने की आवश्यक वस्तुएं आम आदमी की पहुंच से बाहर हो रही है। डिपूओं में भी राशन महंगा हो गया है। आज के प्रदर्शन के माध्यम से सरकार से मांग की जा रही है कि तीन काले कृषि कानूनो को वापिस लिया जायें। न्यूनतम समर्थन मुल्य पर कानून बनाया जाए। श्रम कानूनो को बहाल किया जाए व श्रम कोडों को निरस्त किया जाये। मज़दूरों का न्यूनतम वेतन 21 हज़ार किया जाये। बढती मंहगाई पर रोक लगाई जाये, पेट्रोल, डीज़ल व गैस पर एक्साइज़ कर कम किया जाए। डिपूओं में सभी को सस्ता राशन दिया जाये। प्रदर्शन को सीटू जिला अध्यक्ष सर चन्द ठाकुर, महासचिव राजेश ठाकुर, गोविन्द भण्डारी, महिला समिति जिला सह संयोजक ममता नेेगी, किसान सभा कुल्लू ब्लॉक अध्यक्ष गुरजीत सिंह गिल, सचिव खेम चन्द, सीटू जिला उपाध्यक्ष चमन ठाकुर ने भी सम्बोधित किया।