कुनिहार: दुर्गामाता मंदिर पट्टाबरावरी में 9 दिवसीय रामकथा को दिया गया विराम
पिछले नौ दिनों से पट्टाबरावरी के प्राचीन दुर्गामाता मंदिर में चल रही श्री रामकथा को बुधवार को विधिवत विराम दिया गया। नौ दिनों तक आयोजित इस श्री राम कथा में दूर दूर के क्षेत्रों से आकर लोगों ने श्री राम कथा का भरपूर आनंद लिया। आयोजन समिति के सदस्य डी डी कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि प्रसिद्ध कथा वाचक हितेंद्र शर्मा ने श्री राम कथा का अपने मुखारबिंद बड़ा सुन्दर वर्णन किया।
आचार्य ने रामचरित मानस की अनेकों चौपाइयों व प्रसंगों का विस्तार से वर्णन किया। कथा विराम के अंतिम दिन आचार्य ने श्रोताओं को बताया कि किस तरह भगवान श्री राम ने रावण के छोटे भाई भविष्ण के सहयोग से लंका पर चढ़ाई कर रावण ,मेघनाथ व कुंभकरण का बध कर लंका पर विजय पाई। तथा भविषण को लंका का राजा बनाया। उसके उपरांत 14 वर्षो के बनवास के बाद भगवान श्री राम माता सीता,भाई लक्ष्मण व हनुमान सहित अयोध्या लौटे ,जहां अयोध्या वासियों ने श्री राम प्रभु के आगमन पर दिवाली मनाकर खुशियां मनाई। जिसकी गूंज चारो दिशाओं में गूंजी व भगवान राम ने राम राज्य की स्थापना की।
आज हवन व पूर्णाहुति के साथ कथा को विराम दिया गया। उसके उपरांत आयोजन समिति द्वारा आयोजित विशाल भंडारे का प्रसाद सभी ने ग्रहण किया। मंदिर कमेटी के प्रधान श्री राम कौशल ने कहा कि इस श्री राम कथा के लिए समस्त मंदिर कमेटी सदस्यों ,स्थानीय पंचायत व लोगो का भरपूर सहयोग रहा। जिसके लिए सभी का आभार व्यक्त किया । इस अवसर पार पूर्व पंचायत प्रधान प्रोमिला कौशल,देवेंद्र शर्मा,हेमराज शर्मा, हंसराज शर्मा,जीतराम कोंडल, डी डी कश्यप,दीनानाथ गर्ग, रामचंद शर्मा,किरापाराम कोंडल,कृष्णदास शर्मा,मदन लाल शर्मा,यदुनाथ शर्मा, शिवदत शास्त्री,नरेश ठाकुर,ओम प्रकाश ठाकुर,कृष्ण चंद ठाकुर आदि मौजूद रहे।