कुनिहार: माननीयों को भत्ते बढ़ाने को फंड है लेकिन पेंशनरों के लिए वित्तीय संकट, पेंशनरों का फूटा गुस्सा

कुनिहार: हिमाचल प्रदेश के पेंशनरों में सरकार के प्रति गहरा असंतोष बढ़ता जा रहा है। पेंशनर एसोसिएशन कुनिहार की मासिक बैठक में यह मुद्दा ज़ोर-शोर से उठाया गया कि जब माननीयों को अपने भत्तों में बढ़ोतरी करने के लिए कोई वित्तीय संकट आड़े नहीं आता, तो कर्मचारियों और पेंशनरों के मामले में यही संकट सामने क्यों आ जाता है। पेंशनर भवन तालाब कुनिहार में प्रधान विनोद जोशी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में कार्यकारिणी सदस्यों द्वारा कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। पेंशनरों ने एक स्वर में मुख्यमंत्री से मांग की कि संशोधित वेतनमान का एरियर भुगतान और महंगाई भत्ते की बकाया किस्तों का भुगतान तुरंत किया जाए, अन्यथा वे संघर्ष का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। पेंशनरों ने मुख्यमंत्री के उस बयान पर भी सवाल उठाए, जिसमें उन्होंने कहा था कि संशोधित वेतनमान का एरियर भुगतान चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मार्च 2024 के बाद से एरियर का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। पेंशनरों ने कहा कि जुलाई 2022 से मार्च 2024 तक के महंगाई भत्ते की किस्त का एरियर अभी तक नहीं दिया गया है इसे जल्द देने के आदेश किया जाए। सेवानिवृत कर्मचारियों की एकमुश्त की एवज में 15 वर्ष तक कटने वाली राशि को भी घटाकर 10 वर्ष 8 माह के पश्चात पेंशन के साथ समायोजित करने के आदेश दिए जाए। जबकि कुछ राज्यों ने ऐसे आदेश पारित कर दिए है। वहीं 65,70 और 75 वर्ष के सेवानिवृत कर्मचारियों को 5,10 व 15 प्रतिशत के लाभ को मूल वेतन पर देकर पेंशन में समायोजित किया जाना चाहिए। प्रदेश सरकार से यह भी अनुरोध किया गया कि एक जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2022 के बीच सेवानिवृत कर्मचारियों के वित्तीय लाभ संशोधित वेतनमान का अभी तक कोई भी भुगतान नहीं हुआ है। जबकि एक जनवरी 2022 के बाद से सेवानिवृत कर्मचारियों को सभी लाभ दिए जा चुके हैं। जो की अन्याय व पक्षपात वाला निर्णय है। वही बैठक में सरकार से अनुरोध है कि पेंशनरों की जे सी सी की बैठक भी जल्द बुलाई जाए। ताकि लम्बित मांगों पर विस्तार से चर्चा की जा सके। इस प्रकार सेवा निवृत कर्मचारियों से अन्याय न किया जाए।