रामपुर बुशहर में रिहायशी क्षेत्राें में घुमने वाला तेंदुआ पींजरे में हुआ कैद
मीनाक्षी। रामपुर बुशहर
रामपुर के रिहायशी क्षेत्राें में लगातार आतंक मचाने वाला तेंदुआ आज पिंजरे में कैद कर दिया है। बीते दिनों से लोक निर्माण विभाग की कॉलोनी के आसपास तेंदुआ दिख रहा था, जिससे क्षेत्र के लोग दहशत में थे, लेकिन सुबह के समय आज 3 बजे के करीब यह तेंदुआ पिंजरे में कैद हो चुका है, जिसके बाद मौके पर सुबह के समय वन विभाग की टीम पहुंची, जिन्होंने तेंदुए को अपने कब्जे में ले लिया है। काफी लंबे समय से तेंदुए के आसपास घूमने के कारण यहां के लोग दहशत में थे, उन्हें बाहर निकलना शाम होते ही काफी मुश्किल हो रहा था, जिसके उपरांत यहां पर 2 दिन पहले ही लोग वन विभाग की टीम द्वारा पिंजरा स्थापित कर दिया था। जिसके बाद आज यह तेंदुआ पींजरे में कैद हो चुका है, जिसको लेकर लोगों ने राहत की सांस ली है। वहीं, एनपीएस कर्मचारी महासंघ जिला शिमला के अध्यक्ष शर्मा ने बताया कि उनकी कॉलोनी में आज तेंदुआ पिंजरे में कैद हो चुका है, जिससे क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली है।
लगभग 3 बजे के करीब यह तेंदुआ पींजरे में कैद हुआ है, उसी के उपरांत वन विभाग की टीम पहुंची, जिन्होंने इसे अपने कब्जे में ले लिया है। वहीं, नगर परिषद रामपुर के वार्ड-8 में साहिल के घर में लगे सीसीटीवी में तेंदुआ कैद हुआ था, जो रात के समय सडक़ पर चलता दिखाई दिया। मंगलवार रात को लोक निर्माण विभाग कॉलोनी में भी खुलेआम रात को तेंदुआ दिखाई देने के बाद लोग सहमे हुए हैं। लोगों का घर से निकलना मुश्किल हो गया है। बताते की गत वर्ष खनेरी में तेंदुए ने एक घर के आंगन से बच्चें को उठा ले गया था। अब वैसी ही स्थिति बन रही है। तेंदुआ लोगों के आंगन में घूम रहा है। अब लोगों ने वन विभाग से इस तेंदुए को पकडऩे की मांग की है।
वन विभाग के रामपुर बीट के अजीत कुमार, फॉरेस्ट गार्ड ललित भारती, उदय, सुरजीत ने रात को 2 जगह पर कैमरे लगा दिए हैं, ताकि तेंदुए को पकड़ने की कोशिशें तेज की जा सके। वहीं, डीएफओ रामपुर विकल्प यादव ने बताया कि आज सुबह वन विभाग की टीम ने पिंजरे में कैद हुए तेंदुए को अपने कब्जे में ले लिया है। उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग की कालोनी के आसपास तेंदुआ घूम रहा था, जिसके उपरांत यहां पर वन विभाग की टीम ने दो पिंजरे स्थापित किए, जिसमें आज तेंदुआ कैद हो चुका है और इसे जंगल में छोड़ दिया जाएगा, जिसको लेकर विभाग की टीम द्वारा पहले जगह का चयन किया जाएगा, उसी के उपरांत उसे छोड़ दिया जाएगा, ताकि आगे भी वह फिर से हिरायशी क्षेत्र में न आए।