“स्पेशल एक्ट” बनाने की मांग को लेकर देहरा में सौंपा ज्ञापन
हिमाचल प्रदेश में एससी- एसटी समुदायों की विकास निधि के लिए “स्पेशल ऐक्ट” बनाने की मुहिम जोर पकड़ती जा रही है। दरअसल, सरकार द्वारा एससी- एसटी सब प्लान के प्रावधानों को धीरे धीरे लगभग समाप्त करने की बजह से एससी- एसटी समुदायों में भारी रोष है। एससी- एसटी समाज के लोग सरकार से एससी- एसटी सब प्लान के लिए आनुपातिक बजट और “स्पेशल ऐक्ट” बनाने की मांग कर रहे हैं। ताकि उनके समग्र विकास के हित सुरक्षित रह सकें।
आज, एससी- एसटी समाज से जुड़े प्रतिनिधि मंडल ने अपनी इस मांग को लेकर एसडीएम शिल्पी बेक्टा के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा। प्रतिनिधिमंडल में, “स्टेट कोलेशन फॉर लेजिसलेशन ऑफ एससी- एसटी सब प्लान”, हिमाचल प्रदेश के बैनर तले, श्री गुरु रविदास महासभा सभा, संत कबीर सभा, महर्षि वाल्मीकि सभा, ऑल इंडिया अंबेडकर महासभा, संत नाभा महासभा आदि संगठन शामिल हुए। ज्ञापन में बताया गया है कि प्रदेश में वर्ष 2011 में अनुसूचित जाति उपयोजना की राशि जनसंख्या के अनुपात में 25% के लगभग प्रस्तावित थी, लेकिन यह राशि संबंधित वर्ग के विकास की प्राथमिकताओं पर खर्च नहीं हो पाई। इसके विपरीत, पिछले पांच सालों में, इस उप योजना के तहत बजट प्रावधान मात्र 5% तक सीमित होकर रह गया, जो संबंधित वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 33% होना चाहिए था।
दुखद तथ्य यह है कि आवंटित की गई 5% राशि भी सही मायने में अनुसूचित जाति के विकास पर खर्च नहीं हो पा रही है। और इसे डिवर्ट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि समाज के हितों के साथ यह खिलवाड़ कतई मंजूर नहीं है। प्रतिनिधि मंडल ने मांग की है कि एससी- एसटी समुदायों के विकास के हितों के मद्देनजर, हिमाचल प्रदेश में तेलंगाना राज्य की तर्ज पर अनुसूचित जाति, जनजाति विकास निधि विशेष कानून बनाया जाए, और अनुसूचित जाति जनजाति की जनसंख्या के अनुपात में कुल बजट का 33% प्रावधान किया जाए, ताकि यह निर्धारित राशि संबंधित वर्गों के सामाजिक - आर्थिक तथा शैक्षणिक विकास की प्राथमिकताओं के आधार पर खर्च हो सके। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले हिमाचल प्रदेश में "अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति विकास निधि कानून" बनाने की विधिवत घोषणा की जाए। उन्होंने कहा कि यह कानून हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक मील पत्थर साबित होगा। इस मौके पर एडवोकेट विकास सिंग, एडवोकेट बेदी, सुशील सपेहिया, प्रकाश चंद, सुरेंद्र कुमार, अनूप कुमार, कुलदीप सिंह, राजेश आदि मौजूद रहे।