स्कूलाें में औचक निरीक्षण पर भी निकलते थे वीरभद्र
पूर्व मुख्यमंत्री स्व.वीरभद्र सिंह की एक खासियत स्कूलाें के अध्यापकाें काे आज भी याद दिलाती हैं। हालाँकि प्रदेश के सीएम हाेने के नाते उनका टूअर प्राेग्राम पहले ही तय हाेता था, मगर कभी-कभी लीग से हटकर स्कूल प्रबंधन काे भी चकित रहने के लिए मजबूर करते थे। रामपुर स्थिति पदम राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के प्रिंसिपल समेत पूरा स्कूल प्रबंधन 1997 में स्व.वीरभद्र सिंह काे देख हैरान रह गए। इसी स्कूल में उस वक्त प्रिंसिपल टीएस बाेज्ञाटाे नेगी थे। टीएस बाेज्ञाटाे नेगी ने बताया कि उस साल जब स्कूल में कक्षाएं चल रही थी और सभी अध्यापक समेत पूरा स्टाफ डयूटी दे रहे थे। तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह का काफिला शिमला से रामपुर की ओर पहुंचा और अचानक उनकी गाड़ी स्कूल गेट पास रुक गई। स्व. वीरभद्र सिंह के साथ उनकी धर्म पत्नी प्रतिभा सिंह भी साथ आई थी। हालाँकि स्कूल में आने का उनका काेई प्राेग्राम नहीं था। स्व. वीरभद्र सिंह प्रिंसिपल ऑफिस पहुंचे ताे टीएस बाेज्ञाटाे नेगी भी दंग रह गए। उन्हाेंने स्व.वीरभद्र सिंह काे अपनी कुर्सी पर बैठने के लिए कहा, लेकिन उन्हाेंने यह कह कर इनकार कर दिया कि इस कुर्सी पर सिर्फ आप ही बैठ सकते हैं। ऐसा कह कर स्व.वीरभद्र सिंह और उनकी धर्म पत्नी प्रतिभा सिंह प्रिंसिपल ऑफिस में लगे साेफे पर ही बैठ गए। गाैरतलब है कि रामपुर बुशैहर का यह स्कूल स्व. वीरभद्र सिंह के पिता स्व.पदम सिंह के नाम पर है। टीएस बाेज्ञाटाे नेगी कहते हैं कि प्रदेश काे ऐसा मुख्यमंत्री आज तक नहीं मिला और न ही मिलेगा। जाे अपना काफिला राेक कर स्कूल में औचीक निरीक्षण करने पहुंचे। बताया जाता है कि यह उस जमाने का स्कूल है जिस वक्त हिमाचल में विश्वविद्यालय की स्थापना ही नहीं हुई थी।