जीवन के 69वे साल में जिंदगी का साथ छोड़ गए मशहूर बॉलीवुड गायक,म्यूजिक डायरेक्टर बप्पी लेहरी ( बप्पी दा )। ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) और रीकरेंट चेस्ट इन्फेक्शन से ग्रसित थे।
भारत में डिस्को संगीत को लोकप्रिय बनाने वाले संगीतकार और गायक बप्पी लहरी का निधन मंगलवार को मुंबई के क्रिटिकेयर अस्पताल में रात करीब 11 बजे हुआ। बप्पी लहरी पिछले कुछ समय से बीमार थे
बप्पी दा का असली नाम आलोकेश लेहरी है। उन्होंने 70-80 के दशक में बॉलीवुड को एक से बढ़कर एक आइकॉनिक गाने दिए हैं। मिथुन चक्रवर्ती की फिल्म में गया गाना आई एम ए डिस्को डांसर उस समय का बेहद चर्चित रहा था। बप्पी लहरी का जन्म 1952 में पश्चिम बंगाल के कलकत्ता में शास्त्रीय संगीत में एक समृद्ध परंपरा वाले परिवार में हुआ था। उन्होंने 19 साल की छोटी उम्र में एक संगीत निर्देशक के रूप में अपना करियर शुरू किया। उनके पिता, अपरेश लाहिड़ी एक प्रसिद्ध बंगाली गायक थे और उनकी मां, बंसारी लेहरी एक संगीतकार और एक गायिका थीं, जो शास्त्रीय संगीत और श्यामा संगीत में पारंगत थीं। बप्पी लेहरी ने हिंदी फिल्मों में अपनी जगह फिल्म नन्हा शिकारी (1973) से बनाना शुरू की । ताहिर हुसैन की हिंदी फिल्म, ज़ख्मी (1975) से उन्हें बॉलीवुड में खुदको स्थापित किया और एक पार्श्व गायक के रूप में पहचान बनाई थी।
गाने के अलावा इस वजह से भी चर्चा में रहते थे बप्पी लेहरी।
बप्पी लहरी का नाम आते ही डिस्को म्यूजिक के साथ-साथ ढेर सारे सोने से लदा उनका अनोखा अंदाज याद आने लगता है। बप्पी दा सोने के काफी शौकीन थे, लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके सोना पहनने के पीछे का राज क्या था। बप्पी दा ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो अमेरिकी पॉप स्टार एल्विस प्रेस्ली से काफी प्रभावित थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया था कि अमेरिकन स्टार एल्विस प्रेस्ली को मैंने हर परफॉरमेंस के दौरान सोने की चेन पहने देखा था। तब बप्पी अपने स्ट्रगलिंग दौर में थे और उन्होंने ठान लिया था कि जब वह कामयाब होंगे तो वो भी खूब सारा सोना पहनेंगे। जब वो कामयाब हुए तो उन्होंने ऐसा ही किया और इतना सोना पहना कि उन्हें इंडिया का गोल्ड मैन कहा जाने लगा। इसके अलावा वो अपने सोना पहनने को काफी लकी भी मानते हैं।