दिल्ली: बस अड्डों पर फिर उमड़ी मजदूरों की भीड़, बढ़ा कोरोना वायरस का खतरा
दिल्ली में लॉकडाउन की पहली सुबह में रेलवे स्टेशन के बाहर की सड़कों पर प्रवासी मजदूरों की काफी भीड़ है। दिल्ली में सिर्फ 6 दिन का लॉकडाउन लगा है पर मजदूरों को भरोसा नहीं है कि सब कुछ जल्दी सही हो जाएगा। बस अड्डों पर भारी संख्या में प्रवासी मजदूर घर वापस जाने के लिए उमड़ पड़े हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के लॉकडाउन का ऐलान करने के बाद आनंद विहार बस अड्डे पर अपने-अपने शहरों की ओर लौटने वाले मजदूरों का जमघट लग गया और रात होते-होते मजदूर हज़ारों की संख्या में उमड़ पड़े। इस वजह से कोरोना के फैलने का खतरा ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में हर किसी को यह डर सताने लगा है कि यह भीड़ कोरोना के खतरे को बढ़ा सकती है क्योंकि बड़ी संख्या में लोगों ने मास्क नहीं लगाया और सोशल डिस्टेंसिंग नहीं दिखी। ऐसे में वायरस कैरियर होने का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है। लोग घर जाने के लिए प्राइवेट बसों के दफ्तरों के बाहर लंबी-लंबी लाइनों में लगे हैं।
दिल्ली में एक बार फिर कोरोना ने अपना आतंक दिखाना शुरू कर दिया है। हर रोज़ मामलों का नया आंकड़ा सामने आ रहा है। अस्पतालों में मरीज़ों के लिए बेड्स की कमी है जिसके चलते लोगों को इलाज करवाने के लिए भटकना पड़ रहा है। ऐसे हालात में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए दिल्ली सरकार को 6 दिन का लॉकडाउन लगना पड़ा। सीएम केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि लॉकडाउन सिर्फ 6 दिनों का ही है, इसके बावजूद भी मजदूर बड़ी तदाद में पलायन कर रहे हैं। यूपी बॉर्डर पर बसों में यात्री भरे पड़े हैं। ऐसे में वायरस के फैलने का खतरा पहले से ज्यादा बढ़ गया है।