किसान आंदोलन : SC ने केंद्र को लगाई फटकार, कही ये बात
आज सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन से जुड़ी याचिकाओं की सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है। अदालत ने कहा कि आंदोलन में किसानों की जान जा रही है, ऐसे में सरकार अभी इन कानूनों पर रोक लगाएगी या फिर अदालत ही आदेश जारी करे। सुप्रीम कोर्ट ने इस निर्णय को अब कमेटी के हाथ में सौंपने का फैसला लिया है, मंगलवार को कमेटी की रुप-रेखा तय की जा सकती है।
कोर्ट ने सरकार से कहा, "आपने बिना पर्याप्त राय-मशविरा किए हुए एक ऐसा क़ानून बनाया है जिसका नतीजा इस विरोध प्रदर्शन के रूप में निकला है। आप लोग सार्वजनिक जीवन में हैं, भारत सरकार को इसकी ज़िम्मेदारी लेनी होगी। अगर सरकार में ज़िम्मेदारी की कोई भावना होती तो आपको इन्हें थोड़े समय के लिए रोक लेना चाहिए था। आप क़ानून ला रहे हैं तो आप इसे बेहतर तरीक़े से कर सकते है।"
चीफ़ जस्टिस अरविंद बोबडे की अध्यक्षता में तीन जजों की बेंच ने कृषि क़ानूनों और किसानों के विरोध प्रदर्शन के मुद्दे पर दायर की गई याचिकाओं पर सुनवाई की। इनमें द्रमुक के सांसद तिरुचि शिवा और राजद के सांसद मनोज झा की याचिकाएं भी थीं। इन लोगों ने कृषि क़ानूनों की संवैधानिक वैधता को लेकर सवाल खड़े किए है।
"हमें नहीं लगता कि केंद्र सरकार इस मामले को अच्छी तरह से हैंडल कर रही है। हमें आज ही कोई क़दम उठाना होगा। ये एक गंभीर मामला है। हम इस पर एक कमेटी गठित करने का प्रस्ताव रख रहे हैं। हम ये भी विचार कर रहे हैं कि अगले आदेश तक इन क़ानूनों के अमल पर रोक लगा दी जाए।" कोर्ट ने आगे कहा।
वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार और पक्षकारों से कुछ नाम देने को कहा है, ताकि कमेटी में उन्हें शामिल किया जा सके। कोर्ट ने कहा "हमारे लिए लोगों का हित जरूरी है, अब कमेटी ही बताएगी कि कानून लोगों के हित में हैं या नहीं। अब इस मामले को कल फिर सुना जाएगा, कमेटी को लेकर भी कल ही निर्णय हो सकता है।"