RBI ने दी बड़ी राहत, नहीं बढ़ाया रेपो रेट
भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में इस बार कोई बढ़ोतरी नहीं की है और लोगों को राहत दी है। तीन दिन से चल रही आरबीआई की माॅनिटरी पाॅलिसी कमिटी के बैठक के बाद RBI गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा कि रेपो रेट में बढ़ोतरी का फैसला नहीं लिया गया है। हालांकि ग्लोबल स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं और इसके असर से भारतीय स्थितियों पर भी असर देखा गया है। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने बहुमत के साथ ये फैसला लिया है।
वित्त वर्ष 2024 के लिए आरबीआई ने आर्थिक विकास दर में इजाफा ना करते हुए इसे 6.4 फीसदी से 6.5 फीसदी कर दिया है. इस तरह आरबीआई को ग्रोथ में बढ़ोतरी का भरोसा है।
6.5 फीसदी पर रहेगा रेपो रेट
वित्त वर्ष 2023-24 के पहले मॉनिटरी पॉलिसी के तहत गर्वनर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में बढ़ोतरी नहीं करने की जानकारी दी है। अब आरबीआई रेपो रेट 6.50 फीसदी पर ही रहेगा। वित्त वर्ष 2022-23 के लिए सरकार ने रेपो रेट में आखिरी बढ़ोतरी 8 फरवरी 2023 को की थी।
पिछली आठ मॉनिटरी पॉलिसी में से छह बार हुई है बढ़ोतरी
केंद्रीय बैंक ने आठ मॉनिटरी पॉलिसी बैठकों में से छह बार रेपो रेट में इजाफा किया है। पिछले साल मई से ये सिलसिला शुरू हुआ था। तब आरबीआई रेपो रेट 4 फीसदी पर था और अब रिजर्व बैंक का रेपो रेट 6.5 फीसदी पर पहुंच चुका है। आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास का कहना है कि ग्लोबल स्तर पर बढ़ रहे संकट को ध्यान में रखते हुए भी ये फैसला लिया गया है।
खुदरा महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य के ऊपर
खुदरा महंगाई दर फरवरी में साल दर साल आधार पर 6.44 फीसदी बढ़ी थी, जो जनवरी के 6.52 प्रतिशत से कम रही है। हालांकि पिछले 12 रीडिंग में से 10 के लिए महंगाई दर केंद्रीय बैंक के अनिवार्य लक्ष्य सीमा 2 फीसदी से 6 फीसदी से ऊपर रही है।