आज से क्रिकेट वर्ल्ड कप मैचों की शुरुआत होगी। गुजरात के अहमदाबाद में दोपहर डेढ़ बजे से पहला मैच इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला जाएगा। नरेंद्र मोदी स्टेडियम में खेले जाने वाले वर्ल्ड कप के मैचों को लेकर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। स्टेडियम के अंदर और बाहर थ्री लेयर की सुरक्षा की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच को सौंपी गई है। यहां होने वाले पांचों मैचों में स्टेडियम के अंदर और बाहर तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था रहेगी। मैच से पहले क्राइम ब्रांच 3 ड्रोन से स्टेडियम और आसपास के इलाके में गश्त करेगी। क्राइम ब्रांच के डीसीपी चौतन्य मांडलिक ने बताया कि अहमदाबाद में होने वाले मैचों को लेकर आतंकी हमले की धमकी दी गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए स्टेडियम के अंदर और बाहर थ्री लेयर सुरक्षा व्यवस्था की गई है। मैचों के लिए लगभग 3500 पुलिसकर्मी होंगे। धर्मशाला में 7 को अफगानिस्तान और बांग्लादेश का मैच दुनिया के सबसे सुंदर क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में 7 अक्तूबर को अफगानिस्तान और बांग्लादेश का मैच होगा। दोनों टीमें धर्मशाला पहुंच चुकी हैं। यहां कुल पांच मैच खेले जाएंगे। भारत और न्यूजीलैंड के बीच मुकाबला 22 अक्तूबर को होगा।
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल ने उत्तराखंड के टिहरी में टीएचडीसीआईएल के 2400 मेगावाट के टिहरी हाइड्रो कॉम्प्लेक्स का दौरा किया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने अग्रवाल का गर्मजोशी से स्वागत किया और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में उनके पहली बार किए जा रहे दौरे पर उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया। जे. बेहेरा, निदेशक (वित्त), शैलेेंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) और भूपेेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने पंकज अग्रवाल को टिहरी परिसर में उनके आगमन पर अपनी शुभकामनाएं दीं। पंकज अग्रवाल ने टिहरी परियोजना के दौरे के दौरान टिहरी में स्वच्छता पखवाड़ा की शपथ दिलाई। उन्होंने टीएचडीसी प्रबंधन, अधिकारियों और भागीरथीपुरम, टिहरी के स्थानीय निवासियों के साथ भागीरथीपुरम, टिहरी के शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में स्वच्छता अभियान के अंतर्गत श्रमदान किया। पंकज अग्रवाल ने परियोजना के प्रमुख घटकों जैसे अपस्ट्रीम सर्ज शाफ्ट, बटरफ्लाई वाल्व चैंबर, पेनस्टॉक असेंबली चैंबर, विद्युत गृह और टीआरटी आउटफॉल में गहरी रुचि दिखाते हुए इनका गहन निरीक्षण किया। उन्होंने टिहरी में टिहरी जलविद्युत परियोजना के प्रबंधन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की। उनके दौरे का प्रमुख उद्देश्य 1000 मेगावाट की टिहरी एचईपी के प्रचालन और रखरखाव गतिविधियों की प्रगति के साथ-साथ 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज संयंत्र पर चल रहे कार्यों की प्रगति का विस्तृत अवलोकन करना था। उन्होंने टीएचडीसी के अधिकारियों द्वारा की जा रही उच्चतम मानकों की ओ एंड एम गतिविधियों की सराहना की। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी न केवल उत्तरी ग्रिड को सस्ती,स्वच्छ और हरित ऊर्जा प्रदान करते हुए बहुमूल्य योगदान दे रहा है, अपितु बाढ़ नियंत्रण के साथ-साथ सिंचाई से संबंधित लाभ पहुंचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इससेपूरे क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक उत्थान हो रहा है। भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) और एलपी जोशी, कार्यपालक निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) ने भारत के जल विद्युत ऊर्जा उत्पादन के बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण भाग के रूप में निर्मित की जा रही 4म250 मेगावाट टिहरी पीएसपी पर चल रहे कार्यों के बारे में बारीकी से बताया। आरके विश्नोई ने इस बात पर बल देते हुए कहा कि टिहरी पीएसपी देश में सीपीएसयू के द्वारा निर्मित किया जा रहा सबसे बड़ा पंप स्टोरेज प्लांट है और सचिव (विद्युत) का दौरा स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा समाधानों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। विश्नोई ने आगे कहा कि टीएचडीसी की टिहरी पीएसपी की पहली यूनिट फरवरी 2024 में चालू होने वाली है, इसके बाद विभिन्न चरणों में अन्य इकाइयां शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड नवाचारी और टिकाऊ बिजली समाधानों के माध्यम से भारत की ऊर्जा सुरक्षा और सामाजिक- आर्थिक विकास में योगदान देने के अपने मिशन के लिए पूरी तरह समर्पित है।
-अध्यक्ष आरके विश्नोई ने की हिंदी में काम करने की अपील टीएचडीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में हिंदी पखवाड़ा समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के अवसर पर सभी कर्मचारियों से अपना अधिकाधिक सरकारी काम-काज हिंदी में करने की अपील की। इससे पूर्व विश्नोई ने 14 सितंबर को हिंदी दिवस के अवसर पर अपील जारी कर सभी कर्मचारियों को हिंदी में कार्य करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित किया। टीएचडीसी में 14 से 29 सितंबर, 2023 तक हिंदी पखवाड़ा मनाया गया, जिसका समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह आज कॉरपोरेट कार्यालय ऋषिकेश में किया गया। इस अवसर पर निगम के निदेशक(कार्मिक), शैलेेंद्र सिंह, कार्यपालक निदेशक (वित्त), एबी गोयल, मुख्य महाप्रबंधक, वीरेेंद्र सिंह ने विजेता कर्मचारियों को पुरस्कृत किया। समापन समारोह के मुख्य अतिथि, विद्युत मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति के वरिष्ठ सदस्य जीके फरलिया ने उपस्थित कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी आधुनिक भारत की पहचान है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे उप प्रबंधक (राजभाषा), श्री पंकज कुमार शर्मा ने पूरे कार्यक्रम के बारे में मुख्य अतिथि एवं सभी उपस्थित कर्मचारियों को अवगत कराया। हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित हुई हिंदी निबंध प्रतियोगिता में किरन सिंह, भू वैज्ञानिक, नोटिंग ड्राफ्टिंग में आनंद कुमार अग्रवाल, वरि प्रबंधक, अनुवाद में वैभव विद्यांश, कार्यपालक प्रशिक्षु, सुलेख में जितेंद्र जोशी, प्रबंधक, कविता पाठ में सुरेंद्र सिंह नेगी, सहायक प्रथम रहे। अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए अलग-अलग आयोजित की गई हिंदी ई-मेल प्रतियोगिता में श्री पंकज विश्वकर्मा, वरि प्रबंधक एवं शीला देवी, उप अधिकारी प्रथम रहे। पखवाड़ा के दौरान नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति के सदस्य संस्थानों के लिए राजभाषा हिंदी एवं सामान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें बीएचईएल हरिद्वार के आशीष कुमार, अभियंता प्रथम रहे। इनके साथ ही विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के अंतर्गत भी कर्मचारियों को पुरस्कृत किया गया। हिंदी में सर्वाधिक कार्य करने विभागाध्यक्षों की श्रेणी में एके गोयल, उप मुख्य सतर्कता अधिकारी, सर्वाधिक डिक्टेशन की श्रेणी में मुकेश वर्मा, अपर महाप्रबंधक (मा.सं-भर्ती), मूल रूप से टिप्पणी लेखन में शिव प्रसाद व्यास, वरि. अधिकारी (मा.सं.) एवं हिमांशु असवाल, वरिष्ठ प्रबंधक प्रथम रहे। इस अवसर पर हिंदी नोडल अधिकारियों को भी पुरस्कृत किया गया। अनुभाग को अंतर विभागीय चल राजभाषा ट्राफी प्रदान की गई। समारोह में निदेशक (कार्मिक), शैलेंद्र सिंह ने निदेशक (कार्मिक) ने अपने संबोधन में सभी विजेता कर्मचारियों को बधाई देते हुए सभी कर्मचारियों से अपना समस्त सरकारी कामकाज हिंदी में करने के लिए राजभाषा विभाग के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह किया। समारोह में कारपोरेट कार्यालय के बड़ी संख्या में अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
13 वर्ष पुरानी शूलिनी यूनिवर्सिटी ने लगातार दूसरे वर्ष प्रतिष्ठित टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) द्वारा 2024 के लिए जारी ग्लोबल रैंकिंग में देश के सभी प्राइवेट यूनिवर्सिटीज में टॉप स्थान हासिल किया है। शूलिनी यूनिवर्सिटी ने दो पैरामीटर्स-रिसर्च क्वालिटी और इंटरनेशनल आउटलुक में भी भारत में नंबर एक स्थान हासिल किया है। इसने सब-पैरामीटर्स में से एक, यानी रिसर्च स्ट्रेंथ में भी 100 अंक हासिल किए। जबकि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी को देश में टॉप इंस्टिट्यूट घोषित किया गया था, चार इंस्टिट्यूट्स को 501-600 ग्लोबल कैटेगरी में रखा गया था, जिसमें शूलिनी यूनिवर्सिटी, सोलन, अन्ना यूनिवर्सिटी, जामा मिल्लिया इस्लामिया और महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट दूसरे स्थान पर थे। हालांकि, शूलिनी ने 44.85 अंकों का ओवरऑल स्कोर हासिल करके कैटेगरी में अन्य तीन का प्रतिनिधि किया। महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी को 44.22, जामिया को 43.49 और अन्ना यूनिवर्सिटी को 42.36 अंक मिले। यह उन सभी आईआईटी से भी आगे है जिन्होंने इस साल रैंकिंग में हिस्सा लिया था। इस वर्ष की रैंकिंग में कटौती करने वाले भारतीय विश्वविद्यालयों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, पिछले वर्ष के 75 की तुलना में 91 विश्वविद्यालयों को स्थान मिला है। चांसलर प्रो. पीके खोसला ने उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए फैकल्टी मेंबर्स और रिसर्चर्स की सराहना करते हुए, उनसे अगली बार और भी बेहतर स्कोर के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए कहा। प्रो. चांसलर विशाल आनंद ने कहा कि रैंकिंग निरंतर गुणवत्ता का एक स्पष्ट संकेतक है जो शूलिनी लर्निंग, रिसर्च और इन्नोवेशन के विभिन्न पैरामीटर्स पर कम्युनिटी को प्रदान करने में सक्षम है। मेरा दृढ़ विश्वास है कि आने वाले वर्षों में ग्लोबल टॉप 200 यूनिवर्सिटी बनाने का हमारा लक्ष्य हासिल हो जाएगा। वाईस चांसलर प्रो. अतुल खोसला ने फैकल्टी और रिसर्चर्स को बधाई दी और कहा कि शूलिनी यूनिवर्सिटी सभी आईआईटी से आगे गर्व से खड़ा है, जो अग्रणी अनुसंधान के प्रति हमारे अटूट समर्पण को रेखांकित करता है। उन्होंने यह भी बताया कि यूनिवर्सिटी ने रिसर्च, क्वालिटी और इंटरनेशनल आउटलुक के पैरामीटर्स में भारत में नंबर 1 स्थान हासिल किया है। हाल ही में टीएचई ने सर्वश्रेष्ठ लघु विश्वविद्यालयों की रैंकिंग, 2023 के तहत शूलिनी यूनिवर्सिटी को विश्व स्तर पर 19वां और भारत का नंबर 1 निजी विश्वविद्यालय का दर्जा दिया था। कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी को दुनिया में शीर्ष स्थान दिया गया था, जबकि आईआईएससी बैंगलोर को विश्व स्तर पर 10वां और भारत में नंबर एक स्थान दिया गया था।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश, बाढ़ एवं भूस्खलन से आई आपदा से निपटने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा गठित आपदा राहत कोष-2023 में असम सरकार ने 10 करोड़ रुपये की सहायता राशि का अंशदान किया है। इस राशि का एक चेक आज यहां असम के वन मंत्री चन्द्र मोहन पटोवारी ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को भेंट किया। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने असम सरकार का इस सहायता राशि के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आपदा की इस घड़ी में प्रभावितों को मदद प्रदान करने में यह सहायता राशि कारगर साबित होगी। उन्होंने स्वयंसेवी संस्थाओं एवं आम जनता से इस कोष में अधिक से अधिक अंशदान का भी आग्रह किया है, ताकि प्रभावितों को यथासंभव सहायता प्रदान की जा सके।
कहा, बीबीएमबी निदेशक मंडल में हिमाचल को मिले पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि पड़ोसी राज्यों के साथ हिमाचल के हितों से संबंधित विभिन्न मामलों को त्वरित सुलझाया जाए और आपदा से प्रभावित हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज उपलब्ध करवाया जाए। मुख्यमंत्री आज अमृतसर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद की 31वीं बैठक को संबोधित कर रहे थे। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस वर्ष भारी बारिश से राज्य में 12000 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हुआ है। इस अकल्पनीय आपदा में 441 से अधिक लोग काल का ग्रास बन गए और लगभग 13000 घर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेशवासियों के सहयोग से तत्काल राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया। प्रभावितों के लिए आपदा राहत कोष-2023 स्थापित किया गया। उन्होंने कहा कि ऐसी आपदा के समय देश के प्रत्येक राज्य को राहत राशि प्रदान करने में कोई कमी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि हिमाचल को शीघ्र विशेष राहत पैकेज प्रदान किया जाए ताकि हिमाचल के पुनर्निर्माण में उचित सहायता प्राप्त हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय तथा राज्य स्तर पर आपदा राहत कोष के प्रचलित मानदंड वर्तमान में हिमाचल जैसे पहाड़ी राज्य की पुनर्निर्माण प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं क्योंकि प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति के मद्देनजर राज्य को अधिक सहायता राशि की आवश्यकता है। उन्होंने इन मानदंडों में व्यवहारिक संशोधन की मांग भी की। उन्होंने आपदा राहत कोष में सहायता के लिए हरियाणा एवं राजस्थान सरकार का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने हिमाचल में स्थापित 100 मेगावाट की शानन जलविद्युत परियोजना को मार्च, 2024 में लीज की अवधि समाप्त होने पर हिमाचल को सौंपने में पंजाब सरकार से सहयोग मांगा। इस विषय में केंद्र सरकार से भी आग्रह किया गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में हिमाचल ने सदैव अपना पूर्ण योगदान दिया है और जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण से राज्य के लोगों को अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है। उन्होंने कहा कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) की परियोजनाओं में हिमाचल की 7.19 प्रतिशत हिस्सेदारी के दृष्टिगत प्रदेश को बीबीएमबी निदेशक मंडल में पूर्णकालिक सदस्य का दर्जा प्रदान किया जाना आवश्यक है। उन्होंने बीबीएमबी परियोजनाओं में हिमाचल के लिए 12 प्रतिशत नि:शुल्क ऊर्जा रॉयल्टी प्रदान करने तथा राष्ट्रीय जल विद्युत निगम, राष्ट्रीय ताप ऊर्जा निगम और सतलुज जल विद्युत निगम जैसे केंद्रीय उपक्रमों की जल विद्युत परियोजनाओं में हिमाचल की वर्तमान 12 प्रतिशत रॉयल्टी को बढ़ाकर 30 प्रतिशत करने का आग्रह किया। उन्होंने हिमाचल को सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुरूप बीबीएमबी से बकाया लगभग 4000 करोड़ रुपए अविलंब दिलवाने का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में स्थापित विभिन्न बांध प्रबंधनों द्वारा जल छोड़ने से पहले उचित पूर्व चेतावनी प्रणाली का उपयोग करने और जलप्लावन मान चित्रण (पदनदकंजपवद उंचचपदह) करवाने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रदेश में हाल ही में आपदा के समय पौंग बांध, पंडोह डैम और पार्वती-3 बांध से अचानक भारी मात्रा में पानी छोड़ने से व्यापक स्तर पर तबाही हुई है। उन्होंने कहा कि इस नुकसान की भरपाई करना और पुनर्वास कार्यों में स्वेच्छा से सहभागिता सुनिश्चित बनाना इन बांध प्रबंधनों का नैतिक उत्तरदायित्व है। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के साथ सीमा विवादों को शीघ्र सुलझाने की केंद्रीय गृह मंत्री से मांग की। उन्होंने कहा कि मोहाल ठेका धार पधरी में प्रदेश के जिला चम्बा और जम्मू-कश्मीर तथा सरचू में हिमाचल और लद्दाख के मध्य सीमा विवाद लंबित हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि परिषद की पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों पर हिमाचल सरकार ने ठोस कार्य किया है। नशा रोकथाम अभियान, पर्यटन विकास, पर्यावरण संरक्षण और नदियों को प्रदूषण मुक्त करने जैसे क्षेत्रों में अनेक महत्वपूर्ण पहल की हैं। मुख्यमंत्री ने आशा जताई कि परिषद की यह बैठक सदस्य राज्यों के आपसी तालमेल एवं सहयोग को और मजबूत कर आर्थिक एवं सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देगी। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, केंद्रशासित चंढीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित, दिल्ली के उप राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रशासित लद्दाख के उप-राज्यपाल बीडी मिश्रा सहित अन्य सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा सहित अन्य राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी इस बैठक में उपस्थित थे
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अमृतसर में निवास कर रहे हिमाचल के हमीरपुर जिला के नादौन विधानसभा क्षेत्र सहित प्रदेश के अन्य लोगों से भेंट की। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि हिमाचल की अपनी विशिष्ट संस्कृति है और सभी प्रदेशवासियों को अपनी परंपराओं एवं लोकाचार का सदैव पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल के लोग पूरे विश्व में अपने सरल व सहज व्यवहार एवं कार्यकुशलता के लिए जाने जाते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री को हिमाचली कल्याण सभा के तत्वावधान में अमृतसर में निवास कर रहे नादौन विधानसभा क्षेत्र एवं हिमाचल के अन्य निवासियों की ओर से सभा के सदस्य गौरव शर्मा ने मुख्यमंत्री राहत कोष के लिए 2 लाख 21 हजार रुपए के चेक भेंट किए। मुख्यमंत्री ने इस पुण्य कार्य के लिए हिमाचल कल्याण सभा के अमृतसर के सभी सदस्यों एवं अन्य दानी सज्जनों का आभार प्रकट करते हुए आशा व्यक्त की कि इससे अन्यों को भी आपदा की इस घड़ी में प्रदेश की सहायता करने की प्रेरणा मिलेगी। सभा के सदस्यों की ओर से इस अवसर पर मुख्यमंत्री को सम्मानित किया गया और ऐतिहासिक दुर्गियाना मंदिर की प्रतिकृति भेंट की गई।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अमृतसर के जलियांवाला बाग में देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले असंख्य सेनानियों को कृतज्ञ प्रदेशवासियों की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में रॉलेट अधिनियम के विरोध में तथा स्वतंत्रता सेनानियों सैफुदीन किचलू और सत्यपाल की रिहाई के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हजारों लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाने की तत्कालीन ब्रिटिश सरकार की नृशंस कार्रवाई के जख्म आज भी नहीं भरे हैं। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को ऐसे अमानवीय कृत्यों को सदैव स्मरण रखना होगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जलियांवाला बाग से जुड़ी प्रत्येक निशानी का सूक्ष्म अवलोकन भी किया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज पंजाब के सीमांत जिला अमृतसर के सुप्रसिद्ध एवं जन-जन की आस्था के प्रतीक दुर्गियाना मंदिर में प्रदेशवासियों के उज्जवल भविष्य, सुख और समृद्धि की कामना की। मां दुर्गा को समर्पित यह मंदिर देश-विदेश के भक्तों की आस्था का प्रतीक है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय जीवन पद्धति में मां का स्थान सर्वोच्च है और मां के प्रति समर्पण, सफलता एवं आरोग्य की कुंजी है। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज अमृतसर में ऐतिहासिक एवं विश्व प्रसिद्ध स्वर्ण मंदिर में शीश नवाया और सभी के सुखमय जीवन, अच्छे स्वास्थ्य और बेहतर भविष्य की प्रार्थना की। स्वर्ण मंदिर समूचे विश्व में हरमंदिर साहिब तथा श्री दरबार साहिब के नाम से विख्यात है और यहां देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु शीश नवाने पहुंचते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्ण मंदिर हमारी आस्था और समर्पण का प्रतीक है तथा यहां मनुष्य को कर्म की प्रधानता और भारतीय संस्कृति की विशालता का बोध होता है। उन्होंने कहा कि गुरुओं की शिक्षाओं की प्रासंगिकता आज पहले से कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि हम सभी गुरुओं के दिखाए मार्ग पर चलकर जीवन के वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की ओर से मुख्यमंत्री का हरमंदिर साहब में स्वागत किया गया और उन्हें स्वर्ण मंदिर के इतिहास की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। समिति द्वारा मुख्यमंत्री को स्वर्ण मंदिर की प्रतिकृति और धार्मिक पुस्तकों का सेट भी भेंट किया गया। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्य्मंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज पंजाब के अमृतसर में ऐतिहासिक वाघा बॉर्डर पर भव्य बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का अवलोकन किया। वाघा बॉर्डर पर प्रत्येक दिन भारतीय सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान के सुरक्षा बल द्वारा बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी का आयोजन किया जाता है। मुख्यमंत्री ने देश के कोन-कोने से आए लोगों के साथ इस सेरेमनी का आनंद उठाया। उन्होंने बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी में हिस्सा लेने वाले जवानों को मिठाइयां बांटी और उनके शौर्य और समर्पण की सराहना की। मुख्यमंत्री अटारी-वाघा बॉर्डर में जीरो पॉइंट पर भी गए। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना और अर्धसैनिक बलों ने आवश्यकता पड़ने पर हर बार अपने प्राणों की आहुति देकर देश की अखंडता और संप्रभुता को अक्षुण्ण रखा है। उन्होंने कहा कि अपने सैनिकों पर हम सभी को गर्व है। आईजी जालंधर रेंज बीएसएफ व हिमाचल काडर के आईपीएस अधिकारी डॉ. अतुल फुलझेले ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत किया और उन्हें एक पौधा भेंट किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर विनय कुमार सक्सेना, हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, अन्य गणमान्य व्यक्ति तथा बड़ी संख्या में देश विदेश के नागरिक उपस्थित थे।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह ने वेल्हम गर्ल्स स्कूल देहरादून में उदयन शालिनी फेलोशिप के 16वें इंडक्शन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। शैलेंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने अपने संबोधन में उदयन केयर ट्रस्ट की दूरदर्शी संस्थापक डॉ. किरण मोदी के 'मेकिंग यंग लाइवस शाइनÓ के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के उल्लेखनीय प्रयासों की सराहना की। उदयन केयर का लक्ष्य समाज के उन वंचित वर्गों के जीवन में रोशनी लाना है, जिन्हें सहारे की आवश्यकता है। सन 1994 में सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत, उदयन केयर भारत के 15 राज्यों के 36 शहरों में कमजोर बच्चों, महिलाओं और युवाओं को सशक्त बनाने के लिए काम करता है। इंडक्शन समारोह के दौरान शैलंद्र सिंह ने उदयन शालिनी फेलोशिप कार्यक्रम के लिए चयनित 40 युवा शालिनी को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर, शिक्षा और सशक्तिकरण के सर्वोपरि महत्व पर प्रकाश डालते हुए शैलेेंद्र सिंह ने एक महत्वपूर्ण उद्धरण साझा किया कि एक महिला को शिक्षित करना, एक पीढ़ी को शिक्षित करना है। शैलेंद्र सिंह के इन प्रेरक शब्दों ने भविष्य को आकार देने में महिलाओं द्वारा निभाई जाने वाली महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। निदेशक ने भारत में चल रहे एक उल्लेखनीय परिवर्तन पर भी प्रकाश डाला, जहां युवा महिलाएं साहसपूर्वक लैंगिक पूर्वाग्रहों को खत्म कर रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धि के नये नये आयाम हासिल कर रही हैं। उनका प्रेरक संदेश एकदम स्पष्ट था कि खुद पर विश्वास करो। अपने सपनों पर विश्वास करो। आपका भाग्य स्वयं आपके हाथ में है। उन्होंने कहा कि आपसी सहयोग और सशक्तिकरण की पेशकश करके, हम सामूहिक रूप से एक ऐसी दुनिया का निर्माण कर सकते हैं जहां प्रत्येक व्यक्ति को अपनी पूरी क्षमता के साथ अपना विकास करने के अवसर मिल सके।
युवा वैज्ञानिक पंकज अत्रि की एक और बड़ी उपलब्धि **अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर फिर चमकाया प्रदेश का नाम, Young Resercher Award के लिए चयनित **नैना टिककर से संबंध रखते है पंकज ** कई अंतरराष्ट्रीय शोध पत्र हो चुके है प्रकाशित ** हिमाचल के छोटे से गांव से निकलकर वैश्विक पटल पर बनाई पहचान
आज गणेश चतुर्थी के दिन नए संसद भवन में कामकाज शुरू होगा। पुरानी संसद में सोमवार 18 सितंबर को कार्यवाही का अंतिम दिन था। स्पेशल सेशन के बाद कल शाम 6:30 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग हुई। वहीँ बीती शाम महिला आरक्षण बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट करके बिल को मंजूरी मिलने की बात कही। हालांकि, कुछ देर बाद उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया। चर्चा इस बात की भी है कि केंद्र सरकार लोकसभा में 180 सीटें बढ़ा सकती है। फिलहाल लोकसभा में 543 सीटें हैं। अगर सरकार सीटें बढ़ाने का फैसला लेती है तो यह आंकड़ा बढ़कर 743 हो जाएगा। इस बीच महिला आरक्षण बिल पर अब पार्टियों के बीच क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। सोनिया गांधी मंगलवार को संसद भवन पहुंचीं और मीडिया से बातचीत में कहा कि महिला आरक्षण बिल कांग्रेस का दिया हुआ है। भाजपा सांसदों का कहना है कि मोदी है तो मुमकिन है। संसद में महिलाओं के आरक्षण का प्रस्ताव करीब 3 दशक से पेंडिंग है। यह मुद्दा पहली बार 1974 में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने वाली समिति ने उठाया था। 2010 में मनमोहन सरकार ने राज्यसभा में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण बिल को बहुमत से पारित करा लिया था। किन्तु तब सपा और राजद ने बिल का विरोध करते हुए तत्कालीन सरकार से समर्थन वापस लेने की धमकी दे दी थी। इसके बाद बिल को लोकसभा में पेश नहीं किया गया। बहरहाल यह बिल पास हुआ तो अगले लोकसभा चुनाव के बाद सदन में हर तीसरी सदस्य महिला होगी।
मिनर्वा कॉलेज ऑफ एजुकेशन इंदौरा के वी.एड तृतीय सत्र के प्रशिक्षु अध्यापकों ने शिक्षण प्रक्रिया के दौरान विभिन्न गवर्नमेंट स्कूलों में 16 सितंबर अंतर्राष्ट्रीय ओजोन परत संरक्षण दिवस के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं कोआयोजित किया।जिसमें पौधारोपण,भाषण,प्रतियोगिता, पोस्टर, ,मेकिंग इत्यादि प्रतियोगिताओं को कराया गया।कार्यक्रम का उद्देश्य ओजोन परत सुरक्षा के प्रति जागरूकता लाना है।इस दौरान स्कूलोे के प्रिंसिपल्स ने पर्यावरण और ओजोन संरक्षण के बारे में बताया।इस कार्यक्रम में कई छात्रों व शिक्षकों ने "ओजोन परत रिक्तीकरण एवं उसका प्रभाव" विषय पर व्याख्यान दिया।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सौरव चौहान ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने पूरे देश के समक्ष एक मिसाल पेश करते हुए भारी बारिश एवं भूस्खलन से आई आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश के लिए अपनी समस्त जमा पूंजी की 51 लाख रुपये की धनराशि आपदा राहत कोष-2023 में दान कर दी है। सौरव चौहान ने कहा कि ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू देश और प्रदेश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बने गए हैं जो अपनी नहीं, बल्कि जनता को सुखी देखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि सुखविंदर सिंह सुक्खू संभवतया देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बन गए हैं, जिन्होंने पद पर रहते हुए अपनी निजी जमा पूंजी सरकार को आपदा से निपटने के लिए दान में दी है। सौरव चौहान ने कहा कि इससे पहले भी सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सामाजिक सरोकार को अधिमान देते हुए धन दान किया है। कोरोना काल में विधायक के तौर पर उन्होंने एक साल का वेतन और अपनी एफडीआर तोड़कर भी 11 लाख रुपये की धनराशि राज्य सरकार को महामारी से लड़ने के लिए दान में दी थी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के बाद मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू अपनी टीम के साथ प्रदेश को रिस्टोर करने में जुटे हैं। सौरव चौहान ने मुख्यमंत्री की इस मिसाल से खुशी जाहिर करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से धन्यवाद किया।
-उत्तराखंड सरकार के मंत्री सुबोध उनियाल ने किया चैंपियनशिप का शुभारंभ -टिहरी में 17 सितंबर तक चलेगी बहुप्रतीक्षित चार दिवसीय प्रतियोगिता टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, अनुसूची-ए, मिनी-रत्न, सार्वजनिक क्षेत्र अंडरटेकिंग के तत्वावधान में बहुप्रतीक्षित चार दिवसीय आयोजन टिहरी वाटर स्पोर्ट्स कप 2023 का आगाज 14 सितंबर को हुआ। प्रतियोगिता 17 सितंबर तक टेहरी में आयोजित की जा रही है। इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप का उद्घाटन उत्तराखंड सरकार में वन, भाषा, चुनाव और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने किया। किशोर उपाध्याय, विधायक टेहरी-गढ़वाल सोना सजवान, चेयरमैन, जिला पंचायत टेहरी-गढ़वाल, मयूर दीक्षित, जिलाधिकारी टेहरी-गढ़वाल,नवनीत सिंह, एसएसपी टेहरी-गढ़वाल, भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) टीएचडीसीआईएल, एलपी जोशी, ईडी (टेहरी कॉम्प्लेक्स), प्रशांत कुशवाहा, अध्यक्ष, भारतीय कायाकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन, एसबी शर्मा, आईजी आईटीबीपी, डॉ. डीके उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव सिंह सहित अन्य प्रतिष्ठित गणमान्यों ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई। सुबोध उनियाल ने अपने संबोधन में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को इस उल्लेखनीय राष्ट्रीय स्तर के खेल आयोजन के लिए हार्दिक प्रशंसा की, उन्होंने यह भी कहा कि टीएचडीसी भारत का एक अग्रणी पावर जनरेटर है, जो देश को शक्ति प्रदान करने और खेल की उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर दिया कि ये खेल के प्रयास केवल प्रतियोगिताएं नहीं, बल्कि अमूल्य मंच हैं जो खिलाड़ी कौशल को बढ़ावा देते हैं और प्रतिभागियों के बीच सहनशक्ति को बढ़ावा देते हैं। अपने संबोधन के दौरान भूपंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने पूरे भारत में समग्र सामाजिक विकास और समावेशीता के लिए टीएचडीसी की अथक प्रतिबद्धता को निरस्त किया। उन्होंने प्रकाश डाला कि यह समर्पण टेहरी वाटर स्पोर्ट्स कप-2023 जैसे प्रतिष्ठित राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल कार्यक्रमों के आयोजन में बढ़ता है। उन्होंने और जानकारी दी कि यह प्रतियोगिता महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आगामी राष्ट्रीय वरिष्ठ वर्ग पुरुष और महिला कायाकिंग और कैनोइंग चैम्पियनशिप के लिए क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के रूप में काम करती है, जो इस वर्ष अक्टूबर के अंत में गोवा में आयोजित की जाएगी। टीएचडीसीआईएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक विश्नोई के गतिशील मार्गदर्शन के तहत, टीएचडीसीआईएल सामरिक रूप से विभिन्न ऊर्जा क्षेत्रों में विस्तार और विविधीकरण के लिए स्थित है, जिसमें सौर, पवन, थर्मल, पम्पड स्टोरेज पावर (पीएसपी), और हाइड्रो शामिल हैं। यह रणनीतिक दृष्टिकोण सतत सामाजिक विकास को सर्वोपरि महत्व देते हुए राष्ट्र की ऊर्जा की आवश्यकताओं को पूरा करने में टीएचडीसीआईएल की प्रमुख भूमिका को अंडरस्कोर करता है। गुप्ता ने यह भी उल्लेख किया कि राष्ट्रीय खेल 2023 के लिए उत्तीर्ण होने के उद्देश्य से 28 राज्यों और सेवाओं के लगभग 450 पुरुष और महिला एथलीट इस प्रतियोगिता में अपनी उत्कृष्ट प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। यह कार्यक्रम आईटीबीपी के तकनीकी सहयोग से टीएचडीसीआईएल द्वारा आयोजित किया जा रहा है, खेल और पर्यटन विभाग, सरकार के सहयोग से। भारतीय कायाकिंग एंड कैनोइंग एसोसिएशन और उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन के मार्गदर्शन के साथ उत्तराखंड की स्थानीय पुलिस और प्रशासन। इस अवसर पर बोलते हुए आरके टीएचडीसीआईएल के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक विश्नोई ने बताया कि कोटी कॉलोनी, टेहरी में एक हाई-परफॉर्मेंस अकादमी की स्थापना लगभग चार करोड़ रुपये की लागत से की जा रही है। यह अकादमी उत्तराखंड में 13 से 17 वर्ष के प्रतिभाशाली एथलीटों को मुफ्त भोजन, कपड़े, प्रशिक्षण, आवास, चिकित्सा सुविधाएं और स्कूल सेवाएं प्रदान करेगी, जिससे वे खेल क्षेत्र में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्टता प्राप्त करने में सक्षम होंगे। इसके अलावा कोटेश्वर बांध परिसर में इन एथलीटों के लिए 10त्न कोटा आरक्षित किया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि अकादमी का निर्माण पूरा होने के करीब है, और उम्मीद है कि इन प्रस्तावों पर समझौतों पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। उच्च प्रदर्शन अकादमी क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभाशाली एथलीटों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कोचों और वैज्ञानिक सुविधाओं के साथ प्रशिक्षण प्रदान करेगी, जिसमें उन्होंने कहा कि एक अनुमानित वार्षिक खर्च चार करोड़ रुपये (रु.) के साथ। विश्नोई ने यह भी जानकारी दी कि एक अंतर्राष्ट्रीय खेल विनिमय कार्यक्रम लागू किया जाएगा, जिससे हमारे एथलीटों और विदेशी एथलीटों को आपसी प्रशिक्षण और तकनीकी विशेषज्ञता से लाभ मिल सके। यह पहल न केवल हमारे राज्य और राष्ट्रीय एथलीटों को अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार करेगी बल्कि स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर और पर्यटन लाभ भी प्रदान करेगी। अकादमी शुरू में 15 पुरुष और 15 महिला प्रशिक्षुओं को उनके प्रदर्शन के आधार पर भर्ती करेगी, जिसमें अकादमी की खेल विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रदान किए गए प्रशिक्षण के लिए अधिक सिफारिशों के साथ। ये प्रशिक्षण केंद्र विश्व स्तरीय खेल उपकरणों, वैज्ञानिक तकनीकों, कोच और आरामदायक जीवन व्यवस्थाओं से सुसज्जित होंगे ताकि विश्व स्तर पर भारत की प्रतिष्ठा चमकाने और बढ़ाने के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ एथलीटों को तैयार किया जा सके। आर के. टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक विश्नोई ने कहा कि ये पहल खेल प्रतिभाओं को पोषण, सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खेल मंच पर उत्तराखंड की उपस्थिति को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कदम है। महत्वपूर्ण तौर पर, ये प्रयास खेल और आर्थिक परिदृश्य दोनों को मजबूत करते हुए रोजगार के अवसर उत्पन्न करने और क्षेत्र में पर्यटन को उत्तेजित करने का वादा करते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ये पहल न केवल राज्य के एथलीटों को बढ़ाने के लिए बल्कि स्थानीय समुदाय के लिए अवसर पैदा करने के लिए वादा करती है, जो क्षेत्र में खेल और पर्यटन दोनों को बढ़ावा देती है।
भोपाल में हुई बैठक में विदिशा के चुनाव प्रभारी ने पार्टी नेतृत्व को दिलाया भरोसा मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के भोपाल स्थित निजी आवास पर आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर रणनीतिक बैठक का आयोजन हुआ। इस बैठक में मध्य प्रदेश के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला, केसी वेणुगोपाल, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ हिमाचल प्रदेश के कांग्रेस कमेटी के कोषाध्यक्ष व विदिशा के प्रभारी डॉक्टर राजेश शर्मा भी उपस्थित रहे। इस बैठक में आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की जीत के लिए आवश्यक पग उठाने के साथ बूथ लेवल से लेकर सोशल मीडिया तक पार्टी की मजबूती के लिए मंथन किया गया। साथ ही आम जनमानस तक कांग्रेस पार्टी के विचारों व नीतियों को पहुंचाने का खाका तैयार किया गया। अैठक में डॉक्टर राजेश शर्मा ने अपने विचार रखे व कांग्रेस पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रण लिया। डॉक्टर राजेश शर्मा ने कांग्रेस नेतृत्व को आश्वस्त किया कि आगामी चुनावों में विदिशा ही नहीं, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश में कांग्रेस पार्टी विजय होकर सत्ता पर काबिज होगी। राजेश शर्मा ने विदिशा के प्रत्येक बूथ पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए तैयार की गई रूपरेखा के बारे में भी केंद्रीय व प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व को जानकारी दी।
टीएचडीसीआईएल ने 4 सितंबर को अपने सम्मानित व्यवस्थापकों और निवेशकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें कंपनी के द्वारा इमीनेंट बांड जारी करने की तैयारी में पारदर्शिता और सहयोग के प्रति प्रतिबद्धता जारी की गई। बैठक के दौरान कंपनी ने अपनी विकास संभावनाओं और वित्तीय स्थिति का व्यापक प्रस्तुतीकरण किया। इस बैठक के माध्यम से कंपनी के मूल्यवान व्यवस्थापकों और निवेशकों के साथ सार्थक बातचीत में शामिल होने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान किया गया, जिससे कंपनी की रणनीतिक दिशा की गहरी समझ को बढ़ावा मिला। इस बैठक में मुख्य सत्र जे बेहेरा, निदेशक (वित्त) के नेतत्ृव में टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड टीम का व्यापक एवं उपयोगी विचार-विमर्श रहा। बेहेरा ने अपने संबोधन से टीएचडीसीआईएल की विस्तार रणनीतियों और क्रेडिट रेटिंग से संबंधित अनेक प्रश्नों का उत्तर दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रकार की बातचीत कंपनी के बारे में अपने हितधारकों को पूर्ण रूप से संसूचित करने एवं कंपनी की वित्तीय रणनीतियों में उनके विश्वास को प्रोत्साहित करने की हमारी प्रतिबद्धता का उदाहरण प्रस्तुत करती है। बेहेरा ने बताया कि हमारी आगामी परियोजनाओं के चालू होने से कंपनी की क्रेडिट रेटिंग में उल्लखेनीय वृद्धि होने की आशा है। यह विकास हमारी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और हमारे निवेशकों को बेहतर मूल्य प्रदान करने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। इन चर्चाओं के अलावा, बैठक में आगामी बांड बोली प्रक्रिया के लिए शीघ्र तिथि निश्चित करने पर भी ध्यान केंद्रित किया गया। यह बैठक उत्पादनपरक बातचीत को बढ़ावा देने और कंपनी के वित्तीय दृष्टिकोण स्पष्टता जाहिर करने के लिए हमारे सक्रिय दृष्टिकोण र्का प्रतीक है। वहीं, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने बैठक की उपयोगिता पर बल देते हुए कहा कि अपनी कमीशन की गई परियोजनाओं के उत्कृष्ट अनुरक्षण के साथ-साथ विद्युत परियोजना का विकास हमारी मुख्य शर्त है।
महिला मोर्चा ने केंद्र की नीतियों व पार्टी विचार को लेकर दिया प्रशिक्षण भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने राष्ट्रीय स्तर महिला मोर्चा को सोशल मीडिया की तकनीक में माहिर बनाने के लिए राष्ट्रीय बैठक का आयोजन पार्टी के मुख्यालय दिल्ली में किया गया। इसका शुभारंभ भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष वानथी श्रीनिवासन ने किया। इस बैठक में महिला मोर्चा की देश भर से महिला प्रतिनिधियों ने भाग लिया। वहीं, हिमाचल से भाजपा महिला मोर्चा आईटी व सोशल मीडिया की संयोजक वर्षा ठाकुर, कांगड़ा चंबा क्षेत्र की संयोजक सीमा चंदेल व शिमला क्षेत्र से रचना शर्मा ने हिमाचल के प्रतिनिधित्व करते हुए भाग लिया। बैठक में महिला मोर्चा की सोशल मीडिया की गतिविधियों को लेकर जहां जानकारी दी गई, किस प्रकार से पार्टी के प्रचार व विचार को आगे रखना है, सोशल मिडिया का सकारात्मक प्रयोग करते हुए लोगों तक बात पहुंचानी है,वहीं केंद्र सरकार ने किस प्रकार से महिला सशक्तिकरण के लिए काम किया है, महिलाओं के लिए क्या-क्या नीतियां बनाई है ,किस प्रकार से उन नीतियों को घर-घर तक पहुंचना है, उसको लेकर के भी विशेष जानकारी दी गई। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा बेहतर रूप से इस कार्यशाला बैठक में प्रशिक्षण दिया गया, निश्चित रूप से इस प्रशिक्षण का आने वाले समय में भाजपा महिला मोर्चा को हिमाचल में अपने कार्य व नीतियों को आगे बढ़ने व प्रचार में मदद मिलेगी। बैठक में भाग लेने गई भाजपा महिला मोर्चा की प्रतिनिधि वर्षा ठाकुर,रचना शर्मा व सीमा चंदेल ने कहा कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व का एक सराहनीय प्रयास रहा है, राष्ट्रीय स्तर की इस बैठक में अनेक महत्वपूर्ण जानकारियां दी गई हैं, जिसका लाभ हिमाचल प्रदेश को भी मिलेगा। उन्होंने कहा कि हिमाचल महिला मोर्चा की अध्यक्ष वंदना योगी के नेतृत्व में संगठन को मजबूत बनाने में सोशल मीडिया की यह बैठक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
भारी बारिश के कारण प्रदेश में जारी आपदा की स्थिति से प्रभावशाली तरीके से निपटने में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा आगे बढ़कर सक्रिय नेतृत्व प्रदान करने की नीति आयोग ने सराहना की है। विश्व बैंक के बाद अब नीति आयोग ने आपदा की इस घड़ी में मुख्यमंत्री के कुशल प्रबन्धन की प्रशंसा की है। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के. बेरी ने एक पत्र के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों की सराहना की। पत्र में कहा गया है कि हिमाचल प्रदेश सरकार, आपदा प्रबंधन टीमों सहित अन्य सभी हितधारक, जरूरतमंदों को राहत प्रदान करने के लिए सराहनीय कार्य कर रहे हैं। नीति आयोग इस चुनौतीपूर्ण समय में राज्य को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। सुमन के. बेरी ने कहा है कि राज्य में भीषण त्रासदी की घटनाएं चौंकाने वाली हैं। इस कारण राज्य में कृषि, समग्र आजीविका और आधारभूत अधोसंरचना को भारी क्षति हुई है। आपदा की गंभीरता को देखते हुए नीति आयोग संकट के इस समय में हिमाचल प्रदेश के लोगों के साथ दृढ़ता के साथ खड़ा है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने नीति आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आयोग के प्रोत्साहन से राज्य सरकार को और अधिक तत्परता के साथ राहत एवं बचाव कार्य करने की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य को इस वर्ष बरसात के दौरान अभी तक 12000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। प्रदेश सरकार सभी प्रभावितों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि सामूहिक प्रयासों से प्रदेश एक बार पुन: इस चुनौतिपूर्ण स्थिति से पार पाते हुए एकजुट होकर उभरेगा।
ऐसा करने वाला भारत पहला देश, यान ने मैसेज भेजा 'मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया' 23 अगस्त की शाम को चांद पर जैसे ही सूरज उगा, इसरो के चंद्रयान-3 ने उसके साउथ पोल पर लैंडिंग कर इतिहास रच दिया। इसी के साथ भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कामयाब लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। चंद्रयान-3 ने बुधवार शाम 5 बजकर 44 मिनट पर लैंडिंग प्रोसेस शुरू की। इसके बाद अगले 20 मिनट में चंद्रमा की अंतिम कक्षा से 25 किमी का सफर पूरा किया। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रयान-3 के लैंडर ने चांद पर पहला कदम रखा। ढ्ढस्क्रह्र के डायरेक्टर एस. सोमनाथ ने कहा- अगले 14 दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। प्रज्ञान रोवर को बाहर आने में एक दिन का समय भी लग सकता है। चांद पर पहुंचकर चंद्रयान-3 ने मैसेज भेजा- मैं अपनी मंजिल पर पहुंच गया हूं। चांद पर लैंडिग करने वाला भारत चौथा देश इस कामयाबी के साथ भारत चांद के किसी भी हिस्से में मिशन लैंड कराने वाला चौथा देश बन गया है। इससे पहले अमेरिका, सोवियत संघ और चीन ही ऐसा कर सके हैं।पीएम बोले- यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का मेरे प्यारे परिवारजनों! जब हम अपनी आंखों के सामने ऐसा इतिहास बनते हुए देखते हैं तो गर्व होता है। ऐसी ऐतिहासिक घटनाएं राष्ट्र जीवन की चेतना बन जाती हैं। यह पल अविस्मरणीय है। यह क्षण अभूतपूर्व है। यह क्षण विकसित भारत के शंखनाद का है। यह क्षण नए भारत के जयघोष का है। यह क्षण मुश्किलों के महासागर को पार करने का है। यह क्षण जीत के चंद्रपथ पर चलने का है। वैज्ञानिकों को बधाई मोदी ने कहा, आज हम अंतरिक्ष में नए भारत की नई उड़ान के साक्षी बने हैं। हर घर में उत्सव शुरू हो गया है। हृदय से मैं भी अपने देशवासियों के साथ अपने परिवारजनों के साथ इस उमंग और उल्लास से जुड़ा हुआ हूं। मैं टीम चंद्रयान को, इसरो को और देश के सभी वैज्ञानिकों को जी-जान से बहुत-बहुत बधाई देता हूं। हमारे वैज्ञानिकों के परिश्रम से भारत उस दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा है, जहां आज तक दुनिया का कोई भी देश नहीं पहुंच सका है।
हिमाचल कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल में राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और प्रदेश सरकार को तुरंत 10 हजार करोड़ की राहत राशि प्रदान की जाए। राजीव शुक्ला ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से आग्रह किया कि वे संसद के दोनों सदनों में सभी सांसदों को पहाड़ी राज्य को सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि से बाहर राहत प्रदान करने की अनुमति दें। राजीव शुक्ला ने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल में हुई तबाही की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रही है। प्रदेश ने अपने इतिहास में आज तक ऐसी आपदा कभी नहीं झेली है। राज्य में अब तक 330 लोगों की मौत हो चुकी है, 35 लापता हैं, जबकि 12 हजार घर तबाह हो गए हैं। शुक्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राज्य को 13 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। नेशनल हाईवे बह गए हैं। भारी बारिश के कारण पूरे हिमाचल के ऊपरी और निचले इलाकों को नुकसान हुआ है। पहाड़ी राज्य में 7 से 15 जुलाई के बीच, फिर 10 से 14 अगस्त के बीच और अब फिर से बारिश से तबाही हो रही है। 7 से 15 जुलाई के बीच प्रदेश सरकार ने 48 घंटों में 75 हजार पर्यटकों और 17 हजार गाड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाला। केंद्र सरकार उत्तराखंड की तर्ज पर हिमाचल प्रदेश को विशेष पैकेज प्रदान करे। अभी तक केंद्र सरकार ने हिमाचल को सिर्फ 200 करोड़ रुपये जारी किए हैं। राजीव शुक्ला ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा सभापति से भी आग्रह करूंगा कि वे सांसदों को अपने सांसद विकास निधि से हिमाचल प्रदेश सरकार को राहत कोष में दान देने की अनुमति दें। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू दिल्ली का दौरा कर पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को प्रदेश में हुए नुकसान से अवगत भी करवा चुके हैं। इसलिए केंद्र सरकार जल्द से जल्द हिमाचल को 10 हजार करोड़ की राहत राशि जारी करे।
झीलों की नगरी तथा मेवाड़ की ऐतिहासिक वीर भूमि उदयपुर, राजस्थान में चल रहे 9वें राष्ट्र मंडल संसदीय संघ सम्मेलन भारत क्षेत्र के दूसरे दिन के सत्र संचालन का हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को गौरव प्राप्त हुआ। पठानिया को यह अवसर उनकी उत्कृष्ठ संचालन क्षमता तथा प्रखर वक्ता होने के कारण मिला है। हालांकि इस सम्मेलन में लगभग 27 राज्यविधान सभाओं के अध्यक्ष तथा तीन विधान मंडलों के पीठासीन अधिकारी भी भाग ले रहे हैं। उनमें से पिछले कल उत्तर प्रदेश विधानसभा तथा आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष को सत्र संचालन का अवसर प्रदान किया गया है। बाद में समापन समारोह से पूर्व श्री पठानियां ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा है कि यदि हमें अपने राष्ट्र को समृद्ध और शक्तिशाली देखना चाहते हैं तो हमें लोकतांत्रिक संस्थानों को जीवंत और मजबूत बनाना होगा। गौरतलब है कि पठानिया आज के लिए निर्धारित विषय लोकतांत्रिक संस्थानों के माध्यम से राष्ट्र को सुदढ़ बनाने में जन प्रतिनिधियों की भूमिका पर अपना संबोधन दे रहे थे। आज सम्मेलन का समापन कार्यक्रम था। भारत के माननीय उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे। राजस्थान के माननीय राज्यपाल कलराज मिश्र, लोक सभा के माननीय अध्यक्ष ओम बिरला, राजस्थान के माननीय अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी, लंदन स्थित सीपीए मुख्यालय के चेयरमैन ईयान लिंडल ग्रेंगर तथा राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राठौर भी मौजूद थे। पठानिया ने अपने संबोधन में कहा कि उदयपुर झीलों की नगरी है तथा यहां का इतिहास हमें गौरवान्वित करता है। पठानियां ने कहा कि मोवाड़ की माटी वीरों की भूमि रही है तथा महाराणा प्रताप इसका ज्वलंत उदाहरण है तथा सही मायने में अगर स्वतंत्रता संग्राम यदि किसी ने शुरू किया और अपनी भूमि की रक्षा के लिए यदि किसी ने अपने प्राण न्यौछावर किए वह महाराणा प्रताप थे, जिनकी कहानियों से आज भी हमें देश भक्ति की सीख मिलती है। लोकतांत्रिक संस्थानों के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पठानिया ने कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाएं उन तंत्रों को शामिल करती हैं जिनके माध्यम से नागरिक निर्णय लेने और शासन में भाग लेते हैं तथा वे व्यक्तियों को सामूहिक रूप से अपने भविष्य को आकार देने, अपने अधिकारों को सुनिश्चित करने और अपने राष्ट्र की दिशा को प्रभावित करने के लिए सशक्त बनाते हैं। इन संस्थानों के केंद्र में जन प्रतिनिधि होते हैं, जिन्हें अपने घटकों की ओर से प्रतिनिधित्व करने, कानून बनाने और वकालत करने का अधिकार होता है। इस अवसर पर बोलते हुए पठानिया ने कहा कि लोकतंत्र का सार प्रतिनिधित्व में निहित है और जनता सत्ता के केंद्र तक अपनी आवाज उठाने के लिए जन प्रतिनिधियों को चुनती है जिनके माध्यम से वे अपनी आशाओं व आकांक्षाओं को पूरा करना चाहती है लेकिन प्रभावी प्रतिनिधित्व ही समाज तथा समुदायों की समस्याओं का निदान कर सकता है तथा इनकी जरूरतों के हिसाब से योग्य नितियों का निर्माण तथा बदलाव कर उनकी इछापूर्ति की जा सकती है। पठानिया ने कहा कि लोकतान्त्रिक संस्थानों की मजबूती में विधान और निति निर्माण, नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देने, नियन्त्रण और संतुलन की निगरानी जैसे कारकों का विशेष महत्व है जिनकी बजह से केंद्रीय करण को रोका जा सकता है तथा संतुलित ढांचा ही इसे सुदृढ़ एवं कारगर बना सकता है। पठानिया ने बल देते हुए कहा कि लोकतांत्रिक संस्थानों के माध्यम से राष्ट्र को मजबूत करने में जन प्रतिनिधियों की भूमिका बहुआयामी और गहन है। घटकों का प्रतिनिधित्व करने, समावेशी नितियों को तैयार करने और लोकतांत्रिक मुल्यों को बनाए रखने के प्रति उनकी प्रतिबद्वता यह सुनिश्चित करती है कि हमारा राष्ट्र विकसित और विकसित होता रहे। संबोधन के अंत में पठानिया ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तथा विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को 9वें राष्ट्र मंडल संसदीय संघ सम्मेलन भारत क्षेत्र के सफल आयोजन की बधाई दी तथा सभी को उत्कृष्ठ अतिथ्य सत्कार देने के लिए भी धन्यवाद किया।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. विश्नोई ने बताया कि संगठन को जल संरक्षण और प्रबंधन पर ध्यान देने के साथ कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व पहल में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए प्रतिष्ठित सीएसआर टाइम्स अवार्ड से सम्मानित किया गया है। पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रो. एसपी. सिंह बघेल ने की। डॉ. लास्ज़लो मक्क, मिशन के उप प्रमुख, दूत असाधारण और मंत्री पूर्णाधिकारी, हंगरी दूतावास ने 21 अगस्त को सीएसआर टाइम्स द्वारा विकासशील अर्थशास्त्र में सीएसआर के माध्यम से एसडीजी हासिल करना जी20 राष्ट्रों की भूमिका विषय पर आयोजित 10वें राष्ट्रीय सीएसआर शिखर सम्मेलन में यह पुरस्कार सौंपा। जल संरक्षण और पर्यावरण प्रबंधन के क्षेत्र में टीएचडीसीआईएल के उल्लेखनीय प्रयास ने न केवल सराहना हासिल की है, बल्कि टिहरी गढ़वाल के ग्रामीण गांवों में जीवन बदल दिया है। इन प्रयासों ने पानी की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित करके ग्रामीणों के वित्तीय और शारीरिक बोझ को काफी कम कर दिया है। विश्नोई ने आगे कहा कि जूरी सदस्यों और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ने अपने परिचालन क्षेत्र में पानी की गंभीर कमी के मुद्दों को संबोधित करने के लिए टीएचडीसीआईएल की गंभीर प्रतिबद्धता की सराहना की। यूएनडीपी से जल संकट की गंभीरता के बारे में गंभीर चेतावनियों के जवाब में, टीएचडीसीआईएल ने अपनी सीएसआर-संचालित जल संरक्षण और प्रबंधन परियोजना शुरू की, जिसे अपनी प्रायोजित सोसायटी सेवा-टीएचडीसी के माध्यम से क्रियान्वित किया गया। इस अभूतपूर्व पहल के तहत, टीएचडीसीआईएल ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, जिसमें 972 वर्षा जल संचयन टैंक, 2282 जल पुनर्भरण गड्ढे, 610 जल खाइयां, 70 चेक बांध और 63 चाल-खाल संरचनाओं का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों ने न केवल खराब मौसम के दौरान पानी की कमी को कम किया है, बल्कि टिहरी जिले के प्रतापनगर और भिलंगना ब्लॉकों में भी नई जान फूंक दी है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने 15 अगस्त को अपने कॉर्पोरेट कार्यालय ऋषिकेश के साथ-साथ अपने विभिन्न परियोजनाओं और यूनिट कार्यालयों में 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाया। अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने संगठन के सभी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दीं। इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के उल्लेखनीय योगदान को याद करते हुए निगम के कर्मचारी वे प्रसन्नता और अटूट देशभक्ति की गहन भावना से ओत-प्रोत थे। इस प्रतिष्ठित दिन पर जे. बेहरा, निदेशक (वित्त) ने ऋषिकेश में कॉर्पोरेट कार्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराया, उसके बाद सभी एकत्रित कर्मचारियों को संबोधित किया। टेहरी एचपीपी में, शल्लिंदर सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने समान गर्व और उत्साह के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जबकि खुर्जा एसटीपीपी में निदेशक (तकनीकी) भूपेंद्र गुप्ता ने राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सम्मान किया। प्रबंधन द्वारा टीएचडीसीआईएल की विभिन्न परियोजनाओं/कार्यालयों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने से न केवल स्वतंत्रता दिवस की भावना बरकरार रही, बल्कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को परिभाषित करने वाली एकता और समर्पण का भी उदाहरण मिला। जे. बेहरा ने कर्मचारियों को संबोधित करते हुए स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर जोर दिया और इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानियों और शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने देश के विद्युत क्षेत्र के विकास में टीएचडीसी की भूमिका को भी रेखांकित किया। बेहरा ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली तो हमारी जीडीपी केवल 2.7 लाख करोड़ रुपये थी, जो आज बढ़कर प्रभावशाली 3.38 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है और भारत 2030 से पहले 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के अपने विकास पथ पर है। श। बेहरा ने बताया कि अद्यतन राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) के अनुरूप, भारत सरकार 2070 तक शुद्ध-शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अतिरिक्त, 2030 तक, हमारी संचयी विद्युत स्थापित क्षमता का लगभग 50त्न गैर-से आना चाहिए। जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा संसाधन। श। बेहरा ने कहा कि टीएचडीसी इंडिया भी इसी के अनुरूप नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अपने निरंतर प्रयास जारी रखे हुए है। खुर्जा एसटीपीपी परियोजना के कर्मचारियों और उनके परिवारों को संबोधित करते हुए भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) ने राष्ट्र की प्रगति में सक्रिय रूप से योगदान देने वाले समर्पित टीम के सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया और इस बात पर जोर दिया कि अब तक हासिल की गई प्रगति न केवल कर्मचारियों सहित बल्कि प्रत्येक हितधारकों के समर्पण और विशेषज्ञता का प्रमाण है। उनके परिवार भी, जिनका समर्थन अमूल्य है। इस अवसर पर टीएचडीसीआईएल की सभी परियोजनाओं और इकाई कार्यालयों में 'पंच प्राणÓ प्रतिज्ञा भी ली गई।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह से भी की भेंट, कर्तव्य पथ का किया भ्रमण हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के ऊना ज़िले के 13 जिला परिषद सदस्य केंद्रीय सूचना प्रसारण व युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री के आमंत्रण पर आज नई दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति महोदया द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान राष्ट्रपति से ज्ञानवर्धक परिचर्चा के साथ-साथ सभी सदस्यों को राष्ट्र्रपति भवन के अवलोकन का भी अवसर प्राप्त हुआ। इसके पश्चात केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने सभी सदस्यों को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह जी से मिलवाया। गिरिराज सिंह ने सभी जिला परिषद सदस्यों से वार्तालाप कर अपने निजी अनुभव साझा किए और आने वाले भविष्य हेतु शुभकामनाएं प्रेषित कीं। इसके बाद जिला परिषद सदस्य कर्तव्य पथ भ्रमण पर भी गए जहां सभी सदस्य प्रसन्न दिखे व इन अवसरों हेतु अनुराग ठाकुर का धन्यवाद किया।
हिमाचल में भारी बारिश से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी मंगलवार सुबह कुल्लू पहुंचे। भुंतर हवाई अड्डे में नितिन गडकरी के स्वागत के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इसके बाद गडकरी फोरलेन के निरीक्षण के लिए मनाली रवाना हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी उनके साथ मौजूद रहे। मनाली पहुंचकर गडकरी ने भारी बारिश व बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुए फोरलेन का निरीक्षण किया। इस दौरान वे बाढ़ प्रभावितों से भी मिले। ञ्जह्म्द्गठ्ठस्रद्बठ्ठद्द ङ्कद्बस्रद्गशह्य कुल्लू पहुंचने से पहले गडकरी ने मंडी में बाढ़ प्रभावित इलाकों और फोरलेन का हवाई निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के अलावा लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर भी मौजूद रहे। हेलिकाप्टर में विक्रमादित्य ने केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री व अन्य के साथ सेल्फी भी ली। बताया जा रहा है कि फोरलेन का निरीक्षण करने के बाद नितिन गडकरी नग्गर के बड़ागढ़ रिजॉर्ट में एनएचएआई के साथ बैठक करेंगे। बता दें, बीते दिनों में भारी बारिश, बाढ़ व बादल फटने से सबसे अधिक फोरलेन को नुकसान कुल्लू और मनाली में हुआ है। यहां पर कई स्थानों पर तो फोरलेन का नामोनिशान तक मिट गया है। बारिश और बाढ़ से कारण एनएचआई को भारी नुकसान हुआ है। इसी तरह कालका-शिमला फोरलेन को भी काफी नुकसान पहुंचा है।
संसद से संशोधित अनुसूचित जनजाति संशोधन विधेयक पारित होने के बाद हाटियों के हौसले सातवें आसमान पर है। जैसे ही राष्ट्रपति से संशोधित विधेयक पर स्वीकृति की मुहर लग जाती है वैसे ही यह मामला क्रियान्वित होने के लिए राज्य सरकार के पास आएगा। केंद्रीय हाटी समिति और हाटी विकास मंच पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर से शिमला में मुलाकात करेंगे। उन्होंने कहा कि जयराम ठाकुर ने हाटी समुदाय की भावी पीढ़ियों के हितों की ना केवल चिंता की बल्कि इस मसले को केंद्र से हल करवाने के लिए गंभीर प्रयास किए थे। शिमला में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मंच के पदाधिकारियों ने कहा की नरेंद्र मोदी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण ही हाटी मामला सिरे चढ़ा। उन्होंने संसद से विधेयक पारित करवाने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर , पूर्व विधायक बलदेव सिंह तोमर,,पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ,पूर्व सांसद वीरेंद्र कश्यप, मौजूदा सांसद सुरेश कश्यप समेत भाजपा के प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व का आभार जताया। उन्होंने जीत का श्रेय जनता के आंदोलन और आंदोलन के तमाम पुरोधा को दिया।उन्होंने कहा कि यह हाटी की जीत है, माटी की जीत है आधी आबादी महिलाओं की जीत है। यह युवाओं के जोश की जीत है और बुजुर्गों के होश की जीत है। उन्होंने केंद्रीय हाटी समिति के 1980 से लेकर रहे तमाम पदाधिकारियों मौजूदा पदाधिकारियों का भी आभार जताया। इसके अलावा शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर के प्रयासों की भी विशेष सराहना की। उन्होंने महाखुंबलियों के माध्यम से आंदोलन में आए सभी लोगों अलग-अलग वर्गों के प्रतिनिधियों नंबरदार और जेलदारों ,पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों, कर्मचारियों ,सेवानिवृत्त कर्मियों का विशेष आभार जताया। उन्होंने केंद्रीय हाटी समिति की चंडीगढ़, सोलन, शिलाई, राजगढ़ , रोनहाट , पाओंटा, नाहन, हरिपुरधार,संगड़ाह, पझोता, कफोटा समेत तमाम इकाइयों और उनके पदाधिकारियों का भी आभार जताया। दांव पर रखा रोजगार शिमला इकाई के हाटी योद्धाओं ने अपने रोजगार की भी परवाह नहीं की। आंदोलन की खातिर उन्होंने अपने रोजगार, अपने कैरियर को दांव पर रखा। आंदोलन की मशाल को तार्किक अंत तक पहुंचाने तक जलाए रखा। हाटी समुदाय इनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।हाटी विकास मंच के अध्यक्ष प्रदीप सिंह सिंगटा,मुख्य प्रवक्ता डॉ रमेश सिंगटा, महासचिव अतर सिंह तोमर प्रवक्ता जी एस तोमर, ठाकुर खजान सिंह ,मदन तोमर, कपिल चौहान, दलीप सिंगटा, काकू राम ठाकुर, मुकेश ठाकुर, नीतू चौहान, शूरवीर ठाकुर,अनुज शर्मा, दिनेश कुमार, भीम सूर्यवंशी, अमित चौहान, पिंकू बिरसांटा, विक्की ठाकुर, कपिल कपूर, विपिन पुंडीर, भीम सिंह, बलबीर राणा, दिनेश ठाकुर, दीपक नेगी, प्रताप मोहन चौहान खदराई कपिल शर्मा,,लाल सिंह, श्याम सिंह , खजान सिंह ठाकुर,सुशील, आशु चौहान, सुरजीत ठाकुर, अमन ठाकुर, राकेश शर्मा, सुरेश सिंह, जय ठाकुर ,ओमप्रकाश शर्मा, ओमप्रकाश ठाकुर, चंद्रमणि शर्मा, आत्माराम शर्मा, गोपाल ठाकुर, सचिन तोमर ,खजान ठाकुर, भरत पुंडीर ,दलीप सिंह तोमर, भीम सिंह तिलकान, कपिल शर्मा, सहित पवन शर्मा, रण सिंह ठाकुर, सतीश चौहान, दिनेश चौहान,सहित मंच के हाटी नेता उपस्थित रहे।
कहा-सेब उत्पादक क्षेत्रों में सड़क बहाली को दी जाएगी प्राथमिकता मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां लोक निर्माण विभाग की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश और भू-स्खलन के कारण क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत और शीघ्र बहाली सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने दोहराया कि सेब उत्पादक क्षेत्रों की सड़कों की बहाली को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि बागवानों की उपज को समय पर बाजार तक पहुंचाया जा सके। सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आपदा प्रभावित सड़कों की शीघ्र बहाली के लिए 23 करोड़ रुपये और स्वीकृत किए हैं। उन्होंने कहा कि इस राशि में से पांच करोड़ रुपये यशवंत नगर से छैला तक की सड़क के मरम्मत कार्य पर खर्च किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त, शिमला जिले के सेब उत्पादक क्षेत्रों के तहत लोक निर्माण विभाग के सात मण्डल में प्रत्येक को सड़कों की मरम्मत एवं बहाली के लिए एक-एक करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि उन लोक निर्माण विभाग मण्डलों को भी एक-एक करोड़ रुपये आबंटित किए गए हैं, जहां प्राकृतिक आपदा के कारण क्षति अधिक हुई है, जिनमें कुल्लू जिले के चार विकास खण्ड, सिरमौर जिले के शिलाई और राजगढ़ विकास खंड शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही वह चौपाल और जुब्बल-कोटखाई क्षेत्रों का दौरा करेंगे तथा इन क्षेत्रों में किए जा रहे मरम्मत कार्यों की समीक्षा करेंगे। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को वाहनों की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि सड़कों पर गिरा मलबा हटाने के लिए मशीनरी खरीदने से लेकर उसे प्रभावित क्षेत्रों में तैनात करने का कार्य समयबद्ध सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों की मरम्मत के लिए राज्य सरकार धन की कोई कमी नहीं आने देगी। उन्होंने अधिकारियों को अग्रिम भुगतान के साथ लोक निर्माण विभाग के विश्राम गृहों की ऑनलाइन बुकिंग प्रारम्भ करने को कहा साथ ही कहा कि जल शक्ति विभाग को भी इस प्रक्रिया का अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने निर्माण कार्यों की अनुमानित लागत में बढ़ोतरी की प्रथा को रोकने पर बल देते हुए अधिकारियों को क्लॉज 10 सीसी को हटाने के भी निर्देश दिए। बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक चंद्रशेखर और चैतन्य शर्मा, प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा, प्रधान सचिव लोक निर्माण विभाग भरत खेड़ा, सचिव वित्त अक्षय सूद, उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी, प्रमुख अभियंता लोक निर्माण विभाग अजय गुप्ता एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।
स्वास्थ्य मंत्री बोले- हर साल बनते हैं दवाइयों के लाखों बैच, कम गुणवत्ता वाली दवाओं की दर महज एक प्रतिशत हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल (रिटा.) धनी राम शांडिल ने हिमाचल में फार्मा कंपनियों द्वारा उत्पादित की जा रही दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर लगातार उठ रहे आशंकाओं को दूर करने की पहल की है। शांडिल ने कांगड़ा दौरे के दौरान जारी बयान में कहा कि महज कुछ लोगों की वजह से पूरे प्रदेश के फार्मा उद्योग को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए और जो भी लोग इस पर अनापशनाप बयानबाजी करते हैं वो तकनीकी तथ्यों से अनभिज्ञ है। ऐसे लोग तथ्यों की जानकारी बिना गलत बयानबाजी न करें क्योंकि इससे देश में हिमाचल की छवि खराब होती है। कर्नल शांडिल ने कहा कि प्रदेश में बन रही दवाइयां गुणवत्ता के सभी मानकों पर खरी उतरती हैं। हर साल प्रदेश की फार्मा कंपनियों से दवाइयों के लाखों बैच बिक्री के लिए निकलते हैं। शांडिल ने कहा कि दवाइयों की गुणवत्ता में कमी आने के कई कारण होते हैं। इनमें रखरखाव में कमी, उचित तापमान का अभाव , ट्रांसपोर्टेशन के दौरान हुई लापरवाही आदि शामिल हैं। ऐसे में हर दवाइयों की शुद्धता पर सवाल उठाना सही नहीं है। दवाओं की गुणवत्ता पर हायतौबा मचाने वाले पहले तकनीकी जानकारी हासिल करें तो बेहतर होगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राज्य ड्रग कंट्रोलर विभाग द्वारा प्रदेश में चल रही फार्मा कंपनियों में उत्पादन का नियमित निरीक्षण किया जाता है। कमी मिलने पर तुरन्त कार्रवाई होती है। कांग्रेस सरकार ने अपने सात माह के कार्यकाल में शिकायतें मिलने पर करीब 30 दवा निर्माताओं के लाइसेंस रद्द किए हैं। इतना ही नहीं, राज्य के दवा निरीक्षकों ने पहली बार अनियमितताएं बरतने वाले कई दवा निर्माताओं पर केस दर्ज करवाकर उन्हें गिरफ्तार भी करवाया है जिनकी संख्या 11 के आसपास है। शांडिल ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर एनएसक्यू दवाओं का प्रतिशत 3: के लगभग है जबकि उसके आगे हिमाचल का प्रतिशत कुछ भी नहीं है । फिर भी हम सख्त कदम उठा रहे हैं और आगे भी उठाएंगे । हिमाचल में अंतरराष्ट्रीय स्तर की दवा कंपनियां काम कर रही हैं और इनकी वजह से हिमाचल का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर है। कुछ काली भेड़ों की वजह से पूरे प्रदेश और यहां के उद्योगों को बदनाम करना सही नहीं है। शांडिल ने कहा कि वह आने वाले समय में सेहत महकमे को और सशक्त करेंगे। फील्ड में कार्यरत विशेषकर छापेमारी में संलग्न विभागीय अधिकारियों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाएगी। विभाग में किसी भी स्तर पर यदि कोई भी कमी पाई जाती है तो उसे शीघ्र दूर किया जाएगा।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने बताया कि 24 जुलाई को 1320 मेवा के खुर्जा सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश के स्टेशन ट्रांसफार्मर की सफलतापूर्वक चार्जिंग की गई। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि एचडीसीआईएल के लिए एक ऐतिहासिक है, जो परियोजना को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। विश्नोई ने इस बात पर जोर दिया कि यहचार्जिंग समग्र परियोजना कमीशनिंग के लिए विभिन्न मुख्य और सहायक उपकरणों को चालू करने के लिए निर्बाध विद्युतआपूर्ति प्रदान करने के लिए बहुतआवश्यक है। उन्होंने आगे बताया कि स्टेशन ट्रांसफार्मर-1, 400 केवी पावर ग्रिड और सहायक विद्युत आपूर्ति आवश्यकता के मध्ययएक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह 120 एमवी क्षमता थ्री फेज ट्रांसफार्मर है। यह ऑन लोड टैप चेंजर के प्रावधान के साथ 400केवी वोल्टेज को 11केवी स्तर तक कम कर रहा है। साथ ही श्री विश्नोई ने बताया कि अत्याधुनिक स्टेशन ट्रांसफार्मर की आपूर्ति मैसर्स बीएचईएल-भोपाल यूनिट द्वारा की गई है। विश्नोई ने कहा कि यह उपलब्धि एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगी, जो परियोजना को तेजी से पूरा करने के लिए आवश्यक गति को ऊर्जा प्रदान करेगी। इस चार्जिंग ने संयंत्र की अन्य महत्वपूर्ण प्रणालियों को और अधिक शीघ्रचालू करने का मार्ग प्रशस्त किया है। यह परियोजना के पूर्णहोने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और फ़रवरी 24 तक सीओडी प्राप्त करने के लिए आगे की प्रगति और सफलता के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। विश्नोई ने पूरी टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की टीम को बधाई दी कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि राष्ट्रीय थर्मल इंजीनियर दिवस के अवसर पर हुई है। यह ऐतिहासिक कार्य कुमार शरद, कार्यपालक निदेशक (परियोजना-केएसटीपीपी) एवं आरएमदुबे, महाप्रबंधक (विद्युत) तथाटीएचडीसीआईएल, एनटीपीसी और बीएचईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को प्रदेश में प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान और राज्य में चलाए जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट दी। केंद्रीय गृह मंत्री ने दूरभाष पर बातचीत में राज्यपाल से प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों, भूस्खलन से क्षतिग्रस्त सड़कों और फंसे हुए पर्यटकों की सुरक्षित निकासी प्रक्रिया के बारे में बात की। केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हिमाचल को हरसंभव सहायता प्रदान कर रही है और स्थिति सामान्य होने तक यह सहायता जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि इस विपदा में देश की जनता और केंद्र सरकार राज्य के लोगों के साथ है। उन्होंने कहा कि प्रभावितों की देखभाल हम सभी की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय वायु सेना के हेलीकॉप्टर और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल बचाव अभियान में प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन का सक्रिय सहयोग कर रहे हैं। राज्यपाल ने केन्द्र सरकार द्वारा की जा रही सहायता एवं सहयोग के लिए केन्द्रीय मंत्री का आभार व्यक्त किया।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के अंतर्गत तीन दिवसीय लेह- लद्दाख यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने लेह से 211 किलोमीटर दूर, भारत- चीन सीमा से लगे गांव करजोक में रात बिताई। मंत्री ने 14000 फुट की ऊंचाई पर पुगा आवासीय विद्यालय के अपने दौरे के दौरान युवाओं संग वॉलीबॉल भी खेला और युवाओं के आमंत्रण रात्रि में मोबाइल फ़ोन की रोशनी में टेबल टेनिस में भी हाथ आजमाया। ठाकुर ने कहा कि लेह लद्दाख के युवा प्रतिभा से भरे हैं। 2014 से पहले इनकी प्रतिभा को देखने वाला कोई नहीं था। आज मोदी जी के नेतृत्व में इनकी प्रतिभा को तराशा जा रहा है। ठाकुर ने कारजोक व पुगा में खेल उपकरण भी वितरित किए। भारत चीन सीमा से सटे गावों के विकास के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता जाहिर करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार भारत-चीन सीमा पर स्थित इलाकों में प्रसारण तथा नेटवर्क कनेक्टिविटी बढाने के लिये कृत संकल्पित हो कर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा, हम जल्द भारत-चीन सीमा पर सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वालों को दूरदर्शन फ्री डिश का कनेक्शन उपलब्ध कराएंगे। इसके अलावा बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराने हेतु भी तेज़ी से कार्य किए जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि डीडी फ्री डिश प्लेटफार्म के जरिए सीमावर्ती और सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले लोगों तक पहुंच बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिये सरकार ने सीमावर्ती इलाकों के गांवों में 1.5 लाख मुफ्त फ्री डिश वितरित करने का प्रस्ताव किया था। ठाकुर ने आगे कहा, 'हम लेह लद्दाख को विकास के मामले में बाकी भारत के समकक्ष लाने हेतु लगातार काम कर रहे हैं. फिजिकल कनेक्टिविटी जैसे सड़क, पुल, टनल इत्यादि के साथ साथ हम यहाँ डिजिटल कनेक्टिविटी भी सुनिश्चित कर रहे हैं। पर्यटन हो या खेल, मोदी सरकार लेह लद्दाख की सभी बुनियादी जरूरतों को जल्द से जल्द पूरा करेगी।
राजस्थान सरकार ने प्रदेश भर में जूनियर अकाउंटेंट के लिए 5190 और तहसील राजस्व लेखाकार के लिए 198 पदों पर भर्ती निकाली है। इसके लिए 18 से 40 साल तक की उम्र के उम्मीदवार राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ऑफिशियल वेबसाइट rsmssb.rajasthan.gov.in पर जाकर 26 जुलाई तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते है । राजस्थान आयुर्वेद डिपार्टमेंट में आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी के 652 पदों पर भर्तियां हैं। इन पदों पर 45 साल तक की उम्र के उम्मीदवार राजस्थान आयुर्वेद डिपार्टमेंट dsrrau.info की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर 10 जुलाई 2023 तक ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
बिहार के पटना में शुक्रवार को विपक्षी दलों की महाबैठक हुई। इस बैठक में 30 से अधिक विपक्षी नेताओं ने हिस्सा लिया। इस मीटिंग में आगामी लोकसभा चुनाव-2024 में बीजेपी के खिलाफ एकजुट होकर मैदान में उतरने की साझा रणनीति पर मंथन किया गया। विपक्षी दलों का ये महामंथन करीब 4 घंटे तक चला। इस बैठक के बाद ज्वाइंट पीसी में नीतीश कुमार ने कहा कि आज की विपक्ष की बैठक में देश की सभी प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया। यह एक अच्छी बैठक थी जिसमें मिलकर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया गया। इसके बाद अब मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में अगली बैठक होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि हम सभी एक साथ लड़ने के लिए एक आम एजेंडे पर आने की कोशिश कर रहे हैं। हम अगली बार 10 या 12 जुलाई को शिमला में फिर मिलेंगे। 2024 के लोकसभा चुनावों को एक साथ लड़ने के लिए साझा एजेंडे को अगली बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा. हमें हर राज्य में अलग-अलग तरह से काम करना पड़ेगा। -ये सभी नेता रहे शामिल शुक्रवार को आयोजित विपक्ष एकता की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व सांसद राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अब्दुल्ला, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी समेत कई दिग्गजों ने इस बैठक में भाग लिया।
केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी दल एकजुट हो रहे हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में पूरे देश के विपक्षी दलों के नेता आज पटना में जुट रहे हैं। इस बिच विपक्ष की एकता बैठक से पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, 'एकसाथ मिलकर हम बीजेपी को हराने जा रहे है। ' कर्नाटक में हम लोगों ने बीजेपी को हराया है। उन्होंने दावा किया कि तेलगांना, मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनेगी। राहुल गांधी ने कहा, देश में दो विचारधाराओं की लड़ाई चल रही है एक हमारी भारत जोड़ो की और एक तरफ भाजपा की भारत तोड़ो विचारधारा की। बीजेपी हिंदुस्तान को तोड़ने का काम कर रही है। नफरत और हिंसा फैलाने का काम कर रही है और कांग्रेस पार्टी जोड़ने का काम कर रही है और मोहब्बत फैलाने का काम करते हैं। नफरत को नफरत से नहीं काटा जा सकता है, नफरत को मोहब्बत से ही काटा जा सकता है। - मल्लिकार्जुन खरगे बोले अगर बिहार जीत गए तो भारत जीत जाएंगे कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी कांग्रेस कार्यालय पर कहा, इस कांग्रेस ऑफिस से जो भी नेता निकला वे देश के आजादी के लिए लड़ा। हमें गर्व है कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद इसी धरती से थे। अगर हम बिहार जीत गए तो सारे भारत में हम जीत जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन गुरुवार को दोनों देशों के बीच होने वाली उच्चस्तरीय वार्ता से पहले व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में एकांत वार्ता करेंगे। जानकारी के अनुसार यह बैठक दोनों नेताओं के बीच अधिकारियों की मौजूदगी में होने वाली वार्ता से अलग होगी। दोनों नेता इस बैठक में क्या बात करेंगे उसका एजेंडा फिलहाल साफ नहीं है। दूसरी तरफ द्विपक्षीय बैठक को लेकर व्हाइट हाउस ने एजेंडा साफ कर दिया है। बताया गया है कि उच्चस्तरीय बैठक में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों पर बात होगी। इनमें रक्षा, स्पेस, स्वच्छ ऊर्जा और अहम तकनीक को साझा करने पर चर्चा होगी। पीएम मोदी इस बैठक के बाद अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करने के लिए रवाना होंगे। यहां वे संसद के साझा सत्र को संबोधित करेंगे, जिसमें सीनेट (उच्च सदन) और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स (निचले सदन) के सांसद मौजूद होंगे। इसके अलावा भारतीय मूल के कई अमेरिकी भी इस संबोधन के गवाह बनेंगे।
*डिनर के बाद पीएम मोदी ने बाइडन दंपती को दिए ये उपहार *तोहफों में भारत के कई राज्यों की झलक पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को अमेरिका की यात्रा पर पहुंच गए है। अमेरिका पहुंचने पर हर कोई खुले मन से पीएम मोदी का स्वागत कर रहा है। पीएम से मिलने के लिए सभी उत्सुक है और जिनकी मुलाकात हो चुकी वे लोग उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे। दोनों देशों के लिए खास बताई जा रही पीएम मोदी की ये यात्रा आज अपने दूसरे दिन के चरण में है। इस दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन को बेहद ही खास उपहार दिए हैं। उन्हें दिए गए सभी उपहारों में भारत की झलक दिखी। - 7.5 कैरेट का हरा हीरा किया भेंट पीएम मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को एक हीरा दिया है। ये हीरा कोई मामूली हीरा नहीं है। दरअसल, पीएम मोदी ने जिल को एक 7.5 कैरेट का हरा हीरा दिया है। ये प्रयोगशाला में विकसित हुआ है। इस खास हीरे को ऐसे ही किसी बॉक्स में नहीं रख सकते, बल्कि एक बेहद ही सुंदर डिब्बा इसके लिए तैयार किया है। इस बॉक्स का नाम पपीयर माचे है। इसमें ही ये हरा हीरा रखा जाता है। इसे कार-ए-कलमदानी के नाम से भी जाना जाता है। - विशेष चंदन का डिब्बा किया भेंट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को एक विशेष चंदन का डिब्बा भेंट किया है। इसे जयपुर के एक शिल्पकार द्वारा हाथ से बनाया गया है। इसपर मैसूर से प्राप्त चंदन में जटिल रूप से नक्काशीदार वनस्पतियों और जीवों के पैटर्न हैं। इतना ही नहीं इस बॉक्स के अंदर काफी ऐसे सामान हैं, जो हमारी भारतीय संस्कृति के लिए काफी खास हैं। इस बॉक्स के अंदर भगवान गणेश जी की मूर्ति है, जो एक हिंदू देवता हैं, जिन्हें बाधाओं का विनाशक माना जाता है। इनकी सभी देवताओं में सबसे पहले पूजा की जाती है। मूर्ति को कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है। इतना ही नहीं, इसमें एक दीया (तेल का दीपक) भी है, जो हर हिंदू घर में एक पवित्र स्थान रखता है। इस चांदी के दीये को भी कोलकाता में पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के परिवार के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है। -चार डिब्बों में दी गई है बेहद ख़ास चीज़े इसके अलावा पीएम मोदी ने चार अलग डिब्बे भी दिए हैं। ये कोई मामूली डिब्बे नहीं हैं, बल्कि इन डिब्बों में वो खास चीज है, जो भारत के लोगों के लिए बेहद खास मानी जाती है। ये भारतीयों के बीच बेहद ही प्रसिद्ध है। इन चार डिब्बों में अलग- अलग राज्यों को देखा जा सकता है। चार खास डिब्बों में से पहले में पंजाब का घी या मक्खन है। वहीं, दूसरे में झारखंड से प्राप्त हाथ से बुना हुआ बनावट वाला टसर रेशम का कपड़ा। तीसरे में उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वाला चावल। इसके अलावा, चौथे बॉक्स में गुड़ है, जो महाराष्ट्र से मंगाया गया है। - 'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद' के पहले संस्करण की प्रति दी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन के फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित पुस्तक 'द टेन प्रिंसिपल उपनिषद' के पहले संस्करण की एक प्रति राष्ट्रपति जो बाइडन को उपहार में दी।
कांग्रेस और भाजपा के बिच पोस्टर वॉर की ये तस्वीर तेज़ी से वायरल हो रही है। दरअसल बीते दिनों कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर अभिनेता मनोज बाजपेयी की फिल्म 'सिर्फ एक बंदा काफी है' से मिलता जुलता पोस्टर बनाया, जिसमें पीएम मोदी की तस्वीर के साथ लिखा था- "देश की बर्बादी के लिए सिर्फ एक बंदा ही काफी है"। जिसके जवाब में बीजेपी ने भी उससे मिलता जुलता पोस्टर ट्वीट किया, जिसमें लिखा था "9 साल सिर्फ सेवा नहीं समर्पण भी" और नीचे कांग्रेस के तंज पर जवाब में लिखा गया है- "बर्बादी के लिए सिर्फ एक बंदा ही काफी है..... बर्बादी परिवाद की। बर्बादी भ्रष्टाचार की। बर्बादी लुटेरों की बर्बादी आतंकवादी की। बर्बादी अलगाववाद की "
* महागठबंधन में दोनों का साथ होना मुश्किल 2024 में भाजपा से मुकाबले को महागठबंधन की मुहिम चली है। पर इस मुहिम में कांग्रेस और आप का साथ आना माहिरों को 'आग और पानी' के साथ आने जैसा लग रहा है। दरअसल, अब तक कांग्रेस की सियासी जमीन छीन कर ही आप की जमीन तैयार हुई है। केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच सियासी आंखमिचौली ही दिखी है, ऐसे में दोनों का गठबंधन बेहद मुश्किल है। बाकी सियासत में कुछ भी मुमकिन है। साल 2012 के अंत में आम आदमी पार्टी अस्तित्व में आई थी और दस साल में राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा पा चुकी है। दो राज्यों में आप की सरकार है - दिल्ली और पंजाब। खास बात ये है कि इन दोनों ही राज्यों में आप ने कांग्रेस को न सिर्फ सत्ता से बेदखल किया है बल्कि एक किस्म से उसकी जमीन ही कमजोर कर दी है। दिल्ली में कांग्रेस की पतली हालत किसी से छिपी नहीं है और वहां तो मुकाबला ही अब आप और भाजपा में दिखता है। वहीं पंजाब में पिछले साल विधानसभा चुनाव जीतने के बाद आप ने लोकसभा उपचुनाव जीतकर भी कांग्रेस को झटका दिया है। हालांकि पंजाब में अब भी मुकाबला आप और कांग्रेस के बीच ही है, लेकिन कांग्रेस निसंदेह पहले से खासी कमजोर है। कैप्टन अमरिंदर सिंह का विकल्प अब तक पार्टी के पास नहीं दिखता। पर पंजाब में भाजपा और अकाली दल भी कमजोर है और ये ही कांग्रेस के लिए राहत की बात है। विशेषकर अकाली दल के एनडीए से बाहर आने के बाद समीकरण बदल चुके है। यानी मुख्य मुकाबला आप और कांग्रेस के बीच हो सकता है। जाहिर है दोनों ही दल एक दूसरे के लिए सीटें नहीं छोड़ेंगे। ऐसे में इनके बीच गठबंधन की सम्भावना मुश्किल लगती है। केजरीवाल की मुहिम को कांग्रेस का समर्थन नहीं ! केंद्र सरकार द्वारा देश की राजधानी में अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग को लेकर अध्यादेश लागू करने के बाद से दिल्ली में राजनीति चरम पर है। अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल राष्ट्रीय स्तर पर मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकता की मुहिम चला रहे हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस से सपोर्ट की भी मांग की थी, लेकिन अभी तक कांग्रेस ने उनके इस प्रस्ताव का समर्थन नहीं किया है।
*एक मंच पर आएंगे राहुल-ममता-अखिलेश *जो राज्यों में आमने-सामने, क्या केंद्र में साथ आएंगे दिन मुकर्रर हुआ है 23 जून और जगह होगी पटना, नितीश के बुलावे पर विपक्ष का जमावड़ा होगा और तय होगा संभावित महगठबंधन का स्वरूप। कांग्रेस सहित तमाम भाजपा विरोधी दलों को न्यौता भेजा गया है और अब ये देखना रोचक होगा कि विपक्षी दलों के महागठबंधन की नितीश की हसरत पूरी होती है या नहीं। राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता, इसकी झलक पटना में फिर देखने को मिल सकती है। सम्भवतः मंच पर एक-दूसरे का हाथ पकड़कर खड़े बीजेपी विरोधी नेताओं की एक तस्वीर सामने आएगी जिसमें आपसी टकराव और मनमुटाव ढककर विपक्ष की एकता दिखाने का प्रयास होगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में कांग्रेस और आप सहित देश की 15 से अधिक विपक्षी पार्टियां शिरकत करने वाली हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के शामिल होने को लेकर चल रहा सस्पेंस भी अब खत्म हो गया है और वे भी इसमें शामिल होंगे। समाजवादी पार्टी भी इसमें शामिल होगी, और तृणमूल कांग्रेस भी। बताया जा रहा है उद्धव ठाकरे, शरद पवार, केजरीवाल, हेमंत सोरेन, स्टालिन भी इसमें शामिल होंगे। बैठक में लेफ्ट के नेता भी शामिल होंगे, जिनमें सीताराम येचुरी, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य जैसे नाम शामिल हैं। हिंदुस्तान ने बहुत सारे विचित्र गठबंधन देखे हैं, लेकिन अगर ये सभी दल एक साथ आएं तो ये एक हाइब्रिड अलायंस होगा। जो दल राज्यों में एक दूसरे के शत्रु है वो लोकसभा के लिए गठबंधन करें, तो विचित्र तो होगा ही। मसलन कांग्रेस और आप का एक साथ आना हो या ममता और लेफ्ट का साथ, दोनों ही मुश्किल लगते है। फिर भी कोशिश तो हो ही रही है। हालाँकि 2019 में भी उत्तर प्रदेश में ऐसा ही विचित्र गठबंधन हुआ था जहां सपा - बसपा और कांग्रेस एक साथ आएं थे, यानी सियासत में कुछ भी मुमकिन है। बदलती रही है खुद नितीश की निष्ठा : महागठबंधन बनाने का प्रयास करने वाले नितीश कुमार खुद कई बार निष्ठा बदल चुके है। कभी भाजपा के साथ गए तो कभी भाजपा विरोधियों के साथ। ऐसे में नितीश कुमार क्या इस महागठबंधन की धुरी हो सकते है, ये बड़ा सवाल है।
*अमृता प्रीतम ने बटालवी को कहा था 'बिरह का सुल्तान' ' बिरहा बिरहा आखीए, बिरहा तू सुल्तान। जिस तन बिरहा ना उपजे, सो तन जाण मसान ...' प्रसिद्ध कवयित्री अमृता प्रीतम के शब्दों में वो ‘बिरह का सुल्तान’ था। पंजाब का एक ऐसा शायर जिसके जैसा न कोई था, न है और न कोई और होगा। वो हिंदुस्तान में भी खूब छाया और पाकिस्तान ने भी उसे जमकर चाहा. वो था पंजाब का पहला सुपरस्टार शायर शिव कुमार बटालवी। वो शायर जिसने शराब में डूबकर वो रच दिया जिसे होश वाले शायद कभी न उकेर पाते। वो शायर जो मरने की बहुत जल्दी में था। 'असां तां जोबन रुत्ते मरनां, जोबन रूत्ते जो भी मरदा फूल बने या तारा, जोबन रुत्ते आशिक़ मरदे या कोई करमा वाला'.. बटालवी का कहना था कि जवानी में जो मरता है वो या तो फूल बनता है या तारा। जवानी में या तो आशिक मरते हैं या वो जो बहुत करमों वाले होते हैं। जैसा वो कहते थे वैसा हुआ भी, महज 35 की उम्र में बटालवी दुनिया को अलविदा कह गए। पर जाने से पहले इतना खूबसूरत लिख गए कि शायरी का हर ज़िक्र उनके बगैर अधूरा है। शिव कुमार बटालवी 23 जुलाई 1936 को पंजाब के सियालकोट में पैदा हुए, जो बंटवारे के बाद से पाकिस्तान में है। उनके पिता एक तहसीलदार थे पर न जाने कैसे शिव शायर हो गए। आजादी के बाद जब देश का बंटवारा हुआ तो बटालवी का परिवार पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत में पंजाब के गुरदासपुर जिले के बटाला में आ गया। उस वक़्त शिव कुमार बटालवी की उम्र महज़ दस साल थी। नका कुछ बचपन और किशोरावस्था यहीं गुजरी। बटालवी ने इन दिनों में गांव की मिट्टी, खेतों की फसलों, त्योहारों और मेलों को भरपूर जिया, जो बाद में उनकी कविताओं में खुशबू बनकर महका। उन्होंने अपने नाम में भी बटालवी जोड़ा, जो बटाला गांव के प्रति उनका उन्मुक्त लगाव दर्शाता है। बटालवी जिंदगी के सफर में बटाला, कादियां, बैजनाथ होते हुए नाभा पहुंचे लेकिन अपने नाम में बटालवी जोड़ खुद को ताउम्र के लिए बटाला से जोड़े रखा। कुछ बड़े होने के बाद उन्हें गांव से बाहर पढ़ने भेजा गया। वो खुद तो गांव से आ गए मगर उनका दिल गांव की मिटटी पर ही अटका रहा। कहते है उनका गांव छूट जाना उन पर पहला प्रहार था, जिसका गहरा जख्म उन्हें सदैव पीड़ा देता रहा। गांव से निकलकर आगे की पढ़ाई के लिए शिव कादियां के एस. एन. कॉलेज के कला विभाग गए। पर दूसरे साल ही उन्होंने उसे बीच में छोड़ दिया। उसके बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश के बैजनाथ के एक स्कूल में इंजीनियरिंग की पढ़ाई हेतु भेजा गया। पर पिछली बार की तरह ही उन्होंने उसे भी बीच में छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने नाभा के सरकारी कॉलेज में अध्ययन किया। उनका बार-बार बीच में ही अभ्यास छोड़ देना, उनके भीतर पल रही अराजकता और अनिश्चितता का बीजारोपण था। पिता शिव को कुछ बनता हुआ देखना चाहते थे। जो पिता शिव के लिए चाहते थे वो शिव ने अपने लिए कभी नहीं चाहा, इसीलिए पिता - पुत्र में कभी नहीं बनी। बटालवी की छोटी सी जीवन यात्रा तमाम उतार चढ़ाव समेटे हुए है, किसी खूबसूरत चलचित्र की तरह जिसमें स्टारडम है, विरह का तड़का है और जिसका अंत तमाम वेदना समेटे हुए है। शिव कुमार बटालवी के गीतों में ‘बिरह की पीड़ा’ इस कदर थी कि उस दौर की प्रसिद्ध कवयित्री अमृता प्रीतम ने उन्हें ‘बिरह का सुल्तान’ नाम दे दिया। शिव कुमार बटालवी यानी पंजाब का वह शायर जिसके गीत हिंदी में न आकर भी वह बहुत लोकप्रिय हो गया। कहते है उन्हें मेले में एक लड़की से मोहब्बत हो गयी थी। मेले के बाद जब लड़की नज़रों से ओझल हुई तो उसे ढूंढने के लिए एक गीत लिख डाला। गीत क्या मानो इश्तहार लिखा हो; ‘इक कुड़ी जिहदा नाम मुहब्बत ग़ुम है’ ओ साद मुरादी, सोहनी फब्बत गुम है, गुम है, गुम है ओ सूरत ओस दी, परियां वर्गी सीरत दी ओ मरियम लगदी हस्ती है तां फूल झडदे ने तुरदी है तां ग़ज़ल है लगदी... ये वहीँ गीत है जो फिल्म उड़ता पंजाब में इस्तेमाल हुआ और इस नए दौर में भी युवाओं की जुबा पर इस कदर चढ़ा कि मानो हर कोई बटालवी की महबूबा को ढूंढ़ते के लिए गा रहा हो। कहते है बटालवी का ये लड़कपन का प्यार अधूरा रहा क्यों कि एक बीमारी के चलते उस लड़की की मौत हो गयी। खैर ज़िंदगी बढ़ने का नाम है सो बटालवी भी अवसाद से निकलकर आगे बढ़ने लगे। फिर एक लड़की मिली और फिर शिव को उनसे मोहब्बत हो गई। पर इस मर्तबा भी अंजाम विरह ही था। दरअसल, जिसे शिव दिल ओ जान से मोहब्बत करते थे उसने किसी और का घर बसाया और शादी करके विदेश चली गयी। एक बार फिर शिव तनहा हुए और विरह के समुन्दर में गोते खाने लगे। तब शराब और अवसाद में डूबे शिव ने जो लिखा वो कालजयी हो गया ........... माए नी माए मैं इक शिकरा यार बनाया चूरी कुट्टाँ ताँ ओह खाओंदा नाहीं वे असाँ दिल दा मास खवाया इक उड़ारी ऐसी मारी इक उड़ारी ऐसी मारी ओह मुड़ वतनीं ना आया, ओ माये नी! मैं इक शिकरा यार बना शिकरा पक्षी दूर से अपने शिकार को देखकर सीधे उसका मांस नोंच कर फिर उड़ जाता है। शिव ने अपनी उस बेवफा प्रेमिका को शिकरा कहा। हालांकि वो लड़की कौन थी इसे लेकर तरह तरह की बातें प्रचलित है । पर इसके बारे में आधिकारिक रुप से आज तक कोई जानकारी नहीं है और ना वो ख़ुद ही कभी लोगों के सामने आई। शिव की उस बेवफा प्रेमिका के बारे में एक किस्सा अमृता प्रीतम ने भी बयां किया है। शिव एक दिन अमृता प्रीतम के घर पहुंचे और उन्हें बताया कि जो लड़की उनसे इतनी प्यार भरी बातें किया करती थी वो उन्हें छोड़कर चली गयी है। उसने विदेश जाकर शादी कर ली है। अमृता प्रीतम ने उन्हें जिंदगी की हकीकत और फ़साने का अंतर समझाने का प्रत्यन किया पर शिव का मासूम दिल टूट चूका था। कहते है शिव उसके बाद ताउम्र उसी लड़की के ग़म में लिखते रहे। सिर्फ 24 साल की उम्र में शिव कुमार बटालवी की कविताओं का पहला संकलन "पीड़ां दा परागा" प्रकाशित हुआ, जो उन दिनों काफी चर्चित रहा। उसी दौर में शिव ने लिखा ........ अज्ज दिन चढ़ेया तेरे रंग वरगा तेरे चुम्मण पिछली संग वरगा है किरणा दे विच नशा जिहा किसे चिम्मे सप्प दे दंग वरगा आखिरकार, 1967 में बटालवी ने अरुणा से शादी कर ली और उनके साथ दो बेटियां हुई। शिव शादी के बाद चंडीगढ़ चले गये। वहां वे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में कार्यरत रहे। पर कहते है बटालवी उस लड़की को नहीं भूल नहीं सके और उसकी याद में लिखते गए। की पुछ दे ओ हाल फ़कीरां दा साडा नदियों बिछड़े नीरां दा साडा हंज दी जूने आयां दा साडा दिल जलया दिलगीरां दा धीरे-धीरे, बटालवी शराब की दुसाध्य लत के चलते 7 मई 1973 को लीवर सिरोसिस के परिणामस्वरूप जग को अलविदा कह गए। कहते है कि जीवन के अंतिम दौर में उनकी माली हालत भी ठीक नहीं थी और अपने ससुर के घर उन्होंने अंतिम सांस ली। पर बटालवी जैसे शायर तो पुरानी शराब की तरह होते है, दौर भले बदले पर नशा वक्त के साथ गाढ़ा होता जाता है। ‘लूणा’ के लिए मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार : ऐसा नहीं है कि शिव कुमार बटालवी सिर्फ विरह के शायर थे। बटालवी का नाम साहित्य के गलियारों में बड़े अदब के साथ लिया जाता है। ऐसा हो भी क्यों ना इस दुनिया को अलविदा कहने से पहले वे ‘लूणा’ जैसा महाकाव्य लिख गए। इसी के लिए उन्हें सबसे कम उम्र में यानी महज 31 वर्ष की उम्र में साहित्य अकादमी पुरूस्कार भी मिला। ये सम्मान प्राप्त करने वाले वे सबसे कम उम्र के साहित्यकार है। ‘लूणा’ को पंजाबी साहित्य में ‘मास्टरपीस’ का दर्ज़ा प्राप्त है और साहित्य जगत में इसकी आभा बरक़रार है। कहा जाता था कि कविता हिंदी में है और शायरी उर्दू में। पर शिव ने जब पंजाबी में अपनी जादूगरी दिखाई तो उस दौर के तमाम हिंदी और उर्दू के बड़े बड़े शायर कवि हैरान रह गए। नायाब गायकों ने गाये बटालवी के गीत : बटालवी की नज्मों को सबसे पहले नुसरत फतेह अली खान ने अपनी आवाज दी थी। उस्ताद नुसरत फ़तेह अली खान ने उनकी कविता 'मायें नी मायें मेरे गीतां दे नैणां विच' को गाया था । जगजीत सिंह ने उनका एक गीत 'मैंनू तेरा शबाब ले बैठा' गाया तो दुनिया को पता चला की शब्दों की जादूगरी क्या होती है। नुसरत साहब और जगजीत सिंह - चित्रा सिंह के अलावा रबी शेरगिल, हंस राज हंस, दीदार सिंह परदेसी सहित एक से बढ़कर एक नायाब गायकों ने बटालवी की कविताएं गाई। उनकी लिखी रचनाओं को गाकर न जाने कितने गायक शौहरत पा गए। बटालवी आज भी हर दिल अजीज है। बटालवी और विरह जुदा नहीं । बटालवी तो आखिर बटालवी है।
"....विपक्ष बीजेपी के खिलाफ अधिकांश एक उम्मीदवार उतारने की रणनीति बना रहा है। माना जा रहा है कि विपक्ष 475 लोकसभा सीटों पर बीजेपी के खिलाफ एक साझा उम्मीदवार उतारने की कोशिश में है। विपक्ष की मंशा साफ है कि वह अधिकांश सीटों पर एकजुट होकर भाजपा का सामना करें। हालांकि मौजूदा समय में ये ख़याली पुलाव ज्यादा है। दरअसल कांग्रेस के बिना ये संभव है नहीं और आम आदमी पार्टी जैसे दलों के साथ कांग्रेस के आने की सम्भावना कम है। जो दल राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ तलवारें खींचे खड़े है वो केंद्र में भी एकसाथ आएं, ये व्यावहारिक नहीं लगता। छोटे दलों को ये भी डर है कि कांग्रेस के साथ आने से उनका वोट बैंक फिर कांग्रेस की तरफ खिसक सकता है, जो मोटे तौर पर उन्होंने कांग्रेस से ही छिटका है..." हर पार्टी के पास चुनाव लड़ने का समान अवसर होना लोकतंत्र की बुनियादी ज़रूरत है, लेकिन मौजूदा समय में साधन और कैडर के मामले में बीजेपी सभी दलों पर भारी दिखती है। इसी अंतर को पाटने की कोशिश में विपक्षी दल एक साथ आने लगे है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बड़ी जीत से केंद्र की राजनीति में बीजेपी विरोधी दलों की हैसियत कम हुई है। तब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले एनडीए को अकेले करीब 45 प्रतिशत वोट मिले थे। तब से अब तक स्थिति में बड़ा बदलाव होता नहीं दिख रहा। ऐसे में जाहिर है विपक्ष भी जानता है कि एकजुट होकर ही भाजपा का सामना किया जा सकता है। आगामी लोकसभा चुनाव में महज़ 10 महीने का वक्त बचा है और भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए इसी विपक्ष के करीब 55 फीसदी वोट को एकजुट करने की बात हो रही है, जिसके लिए विपक्षी दलों की कोशिश जारी है। कर्नाटक के हालिया विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी एकता की कोशिशों को नया बल मिला है। इसका ताज़ा उदाहरण नए संसद भवन के उद्घाटन को छिड़े विवाद में दिखा है। इस मुद्दे पर पहली बार विपक्ष एकजुट नज़र आया और ये कवायद अब आगे भी बढ़ती दिख रही है। वहीं प्रशासनिक सेवाओं पर दिल्ली सरकार के अधिकार को नहीं मानने से जुड़े अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी दलों को लामबंद करने में भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल लगे हैं। इन दोनों मुद्दों पर जिस तरह से विपक्षी दल ने नरेंद्र मोदी सरकार को घेरा, उससे सियासी गलियारे में इस पर बहस और तेज हो गई है कि क्या 2024 में चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ मजबूत विपक्षी गठबंधन बन सकता है। जिस विपक्षी गठबंधन की संभावना है, उसमें ज्यादातर वहीं दल शामिल हो सकते हैं, जिन्होंने संसद के नए भवन के उदघाटन समारोह का सामूहिक रूप से बहिष्कार करने की घोषणा की थी। इनमें मुख्य तौर पर 19 दल हैं, जिनमें कांग्रेस के साथ ही तृणमूल कांग्रेस, डीएमके, जेडीयू, आरजेडी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, एनसीपी, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), सीपीएम और सीपीआई, राष्ट्रीय लोकदल और नेशनल कांफ्रेंस शामिल हैं। इनके अलावा इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग, केरल कांग्रेस (मणि), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, विदुथलाई चिरुथिगल काट्ची, मारुमलार्ची द्रविड मुन्नेत्र कड़गम शामिल हैं। निर्विवाद तौर पर इनमें से एकमात्र कांग्रेस ही ऐसी पार्टी है, जिसका पैन इंडिया जनाधार है और बाकी विपक्षी दलों की पकड़ मौटे तौर पर राज्य विशेष तक ही सीमित है। कांग्रेस के अलावा टीएमसी पश्चिम बंगाल में, डीएमके तमिलनाडु में जेडीयू और आरजेडी बिहार में वहीं झामुमो झारखंड में प्रभावशाली है। समाजवादी पार्टी का प्रभाव उत्तर प्रदेश, एनसीपी और शिवसेना (ठाकरे गुट) का महाराष्ट्र, और नेशनल कांफ्रेंस का जम्मू-कश्मीर और राष्ट्रीय लोकदल का सीमित प्रभाव पश्चिमी उत्तर प्रदेश में है। इनमें से आम आदमी पार्टी दो राज्यों पंजाब और दिल्ली में बेहद मजबूत स्थिति में है, वहीं गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में धीरे-धीरे जनाधार बनाने की कवायद में है। सीपीएम का प्रभाव केरल में सबसे ज्यादा रह गया है, जबकि पश्चिम बंगाल में भी उसके कैडर अभी भी मौजूद हैं। 19 दलों में से बाकी जो दल हैं उनका केरल और तमिलनाडु में छिटपुट प्रभाव है। क्या है विपक्ष का फॉर्मूला? गौरतलब है कि बीते एक माह में दो बार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है। कांग्रेस और सीएम नीतीश भी इस फार्मूला पर काम कर रहे हैं। अगले साल होने वाले चुनाव में विपक्ष साल 1974 का बिहार मॉडल लागू करना चाहता है। जिस तरह पूरा विपक्ष 1977 में कांग्रेस के खिलाफ हो गया था, वैसा ही कुछ अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में करने की कोशिश है। 1989 में राजीव गांधी की सरकार के खिलाफ वीपी सिंह मॉडल को सभी विपक्षी दलों ने अपनाया था, जिसकी मिसाल आज भी दी जाती है। इन दोनों चुनाव के दौरान विपक्ष ने एक सीट पर एक उम्मीदवार को उतारा था और सफलता हासिल हुई थी। हम इस बार के लोकसभा चुनाव में भी इसी रणनीति के तहत काम किया जा सकता है। विपक्ष की रणनीति : जिस सीट पर बीजेपी मजबूत स्थिति में दिखाई देगी, वहां पर सभी विपक्षी दल एक साथ मिलकर उसके (बीजेपी) खिलाफ उम्मीदवार उतारेंगे। अगर विपक्ष ऐसा करने में सफल रहे तो बीजेपी बेहद कम सीटों पर सिमट कर रह सकती है। इस रणनीति के तहत विपक्ष बिहार और महाराष्ट्र में मजबूत दिखाई दे रहा है। बिहार में जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस एकजुट है तो वहीं महाराष्ट्र में उद्धव वाली शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एकजुट है। इन दोनों राज्यों में बीजेपी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। बिहार और महाराष्ट्र में लोकसभा की क्रमश: 40 और 48 सीटें आती है। ऐसे में यदि विपक्ष यहां पर अपनी स्थिति मजबूत करता है तो इससे यूपी की भरपाई हो सकती है, क्योंकि यूपी में बीजेपी की स्थिति काफी ज्यादा मजबूत है। यहां लोकसभा की कुल 80 सीटें है। पश्चिम बंगाल में भी अगर ममता और कांग्रेस साथ आते है, तो कुछ लाभ स्वाभाविक है। क्या कहते हैं आंकड़े? 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करीब 38 फ़ीसदी वोट के साथ 303 सीटें मिली थीं। वहीं दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही थी, जिसे क़रीब 20 फ़ीसदी वोट और महज़ 52 सीटें मिली थी। इसमें ममता बनर्जी की टीएमसी को 4 फीसदी से ज़्यादा वोट मिले थे और उसने 22 सीटें जीती थी। जबकि एनसीपी को देश भर में क़रीब डेढ़ फीसदी वोट मिले थे और उसके 5 सांसद जीते थे। वहीं शिवसेना 18, जेडीयू 16 और समाजवादी पार्टी 5 सीटें जीत सकी थी। इन चुनावों में एनडीए को बिहार की 40 में से 39 सीटें मिली थी, लेकिन अब जेडीयू और बीजेपी के अलग होने के बाद राज्य में राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदले नजर आते हैं। इसमें बीजेपी को 24 फीसदी वोट मिले थे, जबकि उसकी प्रमुख सहयोगी जेडीयू को क़रीब 22 फ़ीसदी और एलजेपी को 8 फीसदी वोट मिले थे। इन चुनावों में एलजेपी से दोगुना वोट पाने के बाद भी आरजेडी को एक भी सीट नहीं मिली थी, जबकि कांग्रेस को क़रीब 8 फीसदी वोट मिलने के बाद महज़ एक ही सीट मिल पाई थी। इन्हीं आंकड़ों में विपक्षी एकता की ज़रूरत भी छिपी है और इसी में नीतीश कुमार को एक उम्मीद भी दिखती है। बिहार में एलजेपी और उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक जनता दल के अधिकतम वोट एनडीए के पास आने पर ये 35 फीसदी के क़रीब दिखता है। जबकि राज्य में महागठबंधन के पास 45 फीसदी से ज़्यादा वोट हैं। 1. बीजेपी बनाम कांग्रेस (161 सीटें ) 12 राज्य और 3 केंद्र शासित प्रदेश जिसमें 161 लोकसभा सीटें शामिल हैं, यहाँ बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला देखने को मिला था। 147 सीटें ऐसी जहां दोनों के बीच सीधा मुकाबला था। वहीं 12 सीटों पर क्षेत्रीय दल राष्ट्रीय दल को चुनौती देते दिखे। 2 सीटों पर क्षेत्रीय दलों के बीच ही मुकाबला था। इसमें मध्य प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, असम, छत्तीसगढ़, हरियाणा राज्य शामिल हैं। यहां बीजेपी को 147 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस को 9 और अन्य के खाते में 5 सीट गई। 2.बीजेपी बनाम क्षेत्रीय दल (198 सीटें) यूपी, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, और ओडिशा, इन 5 राज्यों की 198 सीटों पर अधिकांश में बीजेपी और रीजनल पार्टी के बीच ही मुकाबला रहा। 154 सीटों पर सीधा बीजेपी और क्षेत्रीय दलों के बीच मुकाबला था। 25 सीटों पर कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों के बीच मुकाबला था। 19 सीटों पर क्षेत्रीय दलों के बीच ही मुकाबला था। बंगाल की 42 सीटों में से 39 सीटों पर बीजेपी या तो पहले या दूसरे नंबर पर थी। पिछले चुनाव में बीजेपी को यहां 116 सीटों पर, कांग्रेस 6 और अन्य को 76 सीटों पर जीत मिली। 3.कांग्रेस बनाम क्षेत्रीय दल (25 सीटें ) 2019 के चुनाव में कांग्रेस केरल, लक्षद्वीप, नागालैंड, मेघालय और पुडुचेरी की 25 सीटों में से 20 पर पहले या दूसरे नंबर पर रही। यहां बीजेपी लड़ाई में भी नहीं दिखी। केरल की केवल एक सीट थी जहां बीजेपी को दूसरा स्थान हासिल हुआ था। यहां 17 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली। वहीं अन्य को 8 सीटें मिलीं। 4.यहां कोई भी मार सकता है बाजी (93 सीटें ) 6 राज्य ऐसे हैं जहां की 93 सीटों पर सबके बीच मुकाबला देखा गया। 93 सीटों पर बीजेपी, कांग्रेस और क्षेत्रीय दल सभी मजबूत नजर आए। महाराष्ट्र इसका उदाहरण है जहां बीजेपी और कांग्रेस दोनों गठबंधन के साथ में हैं। यहां पिछले चुनाव में बीजेपी को 40, अन्य को 41 और कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत हासिल हुई। 5.सिर्फ क्षेत्रीय पार्टी का ही दबदबा (66 सीटें ) तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मिजोरम और सिक्किम की 66 लोकसभा सीटें ऐसी हैं जहां सिर्फ क्षेत्रीय दलों का ही दबदबा है। तमिलनाडु की 39 सीटों में से सिर्फ 12 सीटों पर ही कांग्रेस या बीजेपी का थोड़ा आधार है, वह भी गठबंधन के सहारे। यहां 58 सीटों पर अन्य और 8 सीटों पर कांग्रेस को जीत मिली। बीजेपी का खाता भी नहीं खुला था। कई विपक्षी दल एकजुटता से रहेंगे बाहर ऐसे तो विपक्ष में और भी दल हैं, जिनकी पकड़ राज्य विशेष में है। इनमें बीजेडी का ओडिशा में, बसपा का यूपी में, वाईएसआर कांग्रेस का आंध्र प्रदेश में, बीआरएस का तेलंगाना में अच्छा-खासा प्रभाव है। जेडीएस का कर्नाटक के कुछ सीटों पर प्रभाव है। हालांकि नवीन पटनायक, मायावती, जगन मोहन रेड्डी, के. चंद्रशेखर राव, और एच डी कुमारस्वामी का फिलहाल जो रवैया है, उसके मुताबिक इन दलों के कांग्रेस की अगुवाई में बनने वाले किसी भी गठबंधन में शामिल होने की संभावना बेहद क्षीण है। ज्यादा से ज्यादा लोकसभा सीटों पर जीत की संभावना के नजरिए से बीजेपी के लिए सबसे निर्णायक राज्यों में उत्तर प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, हरियाणा, उत्तराखंड, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और असम शामिल हैं।
मेडिकल कोर्स में एडमिशन लेने का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों को अब नीट यूजी रिजल्ट का ज्यादा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। उम्मीदवार जल्द ही एनटीए नीट की आधिकारिक वेबसाइट neet.nta.nic.in पर अपना स्कोरकार्ड चेक कर सकेंगे। एनटीए ने परीक्षा की आंसर की पिछले सप्ताह जारी की थी जिसपर ऑब्जेक्शन प्राप्त कर लिए गए हैं. अब सभी आपत्तियों पर विचार के बाद फाइनल आंसर की तैयार होगी और रिजल्ट जारी किए जाएंगे। एनटीए आज-कल में नीट यूजी का रिजल्ट जारी करने वाला है। एनटीए यूजी का रिजल्ट जून के दूसरे सप्ताह में जारी करने वाला था लेकिन अभी तक जारी नहीं किया गया है। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि एनटीए किसी भी समय नतीजे घोषित कर सकता है। पिछले पैटर्न पर नजर डाली जाए तो एनटीए देर रात नीट के नतीजे घोषित करता है। बता दें कि इस बार 20,87,449 उम्मीदवारों ने नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट यूजी (NEET UG) -2023 की परीक्षा दी थी। परीक्षा 7 मई, 2023 को भारत के बाहर 14 शहरों समेत पूरे देश के 499 शहरों में स्थित विभिन्न 4097 विभिन्न केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 97.7 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज की गई थी
पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पेट्रोल-डीजल पर लगने वाला वैट बढ़ा दिया है। अब पंजाब के लोगों को एक लीटर पेट्रोल के बदले ज्यादा कीमत देनी होगी। वहीं डीजल के दामों में भी इजाफा हुआ है। अब राज्य में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 98.65 रुपये होगी। वहीं डीजल की कीमत 88.95 रुपये प्रति लीटर हो चुका है।
भिलाई में मैत्री बाग में सफेद शेरनी ने एक साथ तीन शावको को जन्म दिया है। सभी शावको को डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है सफेद शेरनी रोमा ने डेढ़ माह पूर्व एक नन्हे शावक को जन्म दिया था वर्तमान में मैत्री बाग में नौ सफेद शेर मौजूद हैं। मैत्री बाग उद्यान विभाग प्रबंधन के डॉ. एनके जैन द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार शेरनी रक्षा ने तीन नन्हें शावकों को जन्म दिया है। इनके पिता का नाम सुल्तान है इसके एक वर्ष पूर्व भी शेरनी रोमा ने एक नन्हें शावक को जन्म दिया गया था। जन्म के पश्चात चार माह तक नन्हें शावकों को मां के सानिध्य में डाक्टरों की विशेष निगरानी में स्तनपान एवं अन्य कारणों से डार्क रूम में रखा जाता है। मैत्री बाग में जन्मे नन्हें शावकों को भी डॉक्टर द्वारा अपनी निगरानी में रखा गया है और मेडिसिन के रूप में उन्हें विशेष प्रकार की विटामिन युक्त दवाइयां दी जा रही है।
ऑफिसर्स प्रशिक्षण अकादमी (OTA) में आयोजित 23वीं पासिंग आउट परेड में 82 जेंटलमैन कैडेट पास आउट हुए, 1वर्ष के बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण पूरा करने के बाद इंजीनियरिंग ट्रेनिंग के लिए देश के विभिन्न सैन्य इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट, मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज और 3 साल की ट्रेनिंग के बाद कमीशन पाते हैं। ओटीए ने 82 सैन्य अधिकारियों को देश के लिए किया समर्पित पासिंग आउट परेड व शपथ ग्रहण के साथ ओटीए ने 82 सैन्य अधिकारियों को देश के लिए समर्पित कर दिया। वहीं 82 जेंटलमैन कैडेट, टेक्निकल एंट्री स्कीम क्रमांक- 37 के अंतर्गत देश के विभिन्न सैन्य तकनीकी संस्थानों जैसे- मिलिट्री इंजीनियरिंग कॉलेज सिकंदाराबाद, मऊ और पुणे इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करने के लिए रवाना हुए। अन्य देशों के 11 कैडेट्स भी शामिल अन्य देशों के 11 कैडेट्स ने भी अपनी देश की सेना में कमीशन प्राप्त किया है, जिसमे भूटान के पांच कैडेट्स, श्रीलंका के तीन कैडेट्स , म्यामार के दो और नेपाल के एक कैडेट्स शामिल हैं।
बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में की गई। इस बैठक में किसान, गुरुग्राम सिटी सेंटर मेट्रो सहित कई कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। बैठक में एक बड़ा फैसला बीएसएनएल (BSNL) को लेकर लिया गया है। कैबिनेट ने बीएसएनएल के लिए 89,000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दे दी है। इस रकम का इस्तेमाल BSNL की 4G और 5G सर्विसेज को बढ़ाने के लिए किया जाएगा। BSNL को तीसरा रिवाइवल पैकेज कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी कैबिनेट ने बीएसएनएल के लिए तीसरे रिवाइवल पैकेज को मंजूरी दी है। गौरतलब है कि BSNL के लिए यह केंद्र द्वारा घोषित पहला रिवाइवल पैकेज नहीं है इससे पहले सरकार ने पिछले साल जुलाई 2022 में भी टेलीकॉम पीएसयू को अधिक लाभदायक संगठन में तब्दील करने के उद्देश्य से 4जी और 5जी सेवाएं प्रदान करने के लिए एक पैकेज की घोषणा की थी। जो बीएसएनएल की सेवाओं को बढ़ावा देना और गुणवत्ता में सुधार के साथ ही बीएसएनएल के ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के विस्तार पर केंद्रित था। MSP में बंपर इजाफा पीयूष गोयल ने बताया कि 2023-24 के लिए धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को 143 रुपये बढ़ाकर 2,183 रुपये प्रति क्विंटल करने की मंजूरी दी गई। वहीं मूंग का न्यूनतम समर्थन मूल्य सबसे अधिक बढ़ाकर 8,558 रुपये प्रति क्विंटल किया गया। मूंग दाल के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सबसे ज्यादा 10.4 फीसदी, मूंगफली पर 9%, सेसमम पर 10.3%, धान पर 7%, जवार, बाजरा, रागी, मेज, अरहर दाल, उड़द दाल, सोयाबीन और सूरजमुखी बीज पर वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए लगभग 6 से 7 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन ने झारखंड इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग ऑफिसर कांपटीटिव एग्जामिनेशन 2023 के लिए योग्य उम्ममीदवारों से आवेदन मांगे हैं। कैंडिडेट्स जो इन भर्तियों के लिए अप्लाई करना चाहते हों, वे आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर फॉर्म भर सकते हैं। इस रिक्रूटमेंट ड्राइव के माध्यम से इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग ऑफिसर के कुल 904 पद भरे जाएंगे। बता दे इन पदों के लिए केवल ऑनलाइन आवेदन कर सकते है। इसके लिए जेएसएससी की ऑफिशियल वेबसाइट jssc.nic.injssc.nic. पर आवेदन किया जा सकता है। अप्लाई करने की लास्ट डेट इन पद पर अप्लाई करने के लिए कैंडिडेट किसी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी से आईटीआई/एनसीटी/डिग्री/डिप्लोमा (इंजीनियरिंग) में होना अनिवार्य है या इसके समकक्ष योग्यता रखने वाले उम्मीदवार भी आवेदन कर सकते हैं। इन पद के लिए एज लिमिट 21 से 35 साल तय की गई है। आरक्षित श्रेणी को ऊपरी आयु सीमा में छूट मिलेगी। इन वैकेंसी के लिए अभी केवल नोटिस जारी हुआ है। इसके लिए 23 जून 2023 से रजिस्ट्रेशन शुरू होंगे और फॉर्म भरने की लास्ट डेट 22 जुलाई 2023 है। आवेदन शुल्क 100 रुपये है। आरक्षित श्रेणी को शुल्क के रूप में 50 रुपये देने हैं।