-खड़गे ने संसद सुरक्षा चूक मामले में पीएम और गृहमंत्री से मांगा जवाब इंडिया गठबंधन के 143 सांसदों के निलंबन के खिलाफ विपक्ष ने आज संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। इस दौरान खड़गे ने कहा कि सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें। वहीं, बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि संसद से विपक्ष के सांसदों का निलंबन ठीक नहीं है। हालांकि, उन्होंने उप राष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। इस बीच, लोकसभा और राज्यसभा में वीरवार को भी हंगामा हुआ। आज भी कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष का हंगामा देखने को मिला। प्रश्नकाल में ही विपक्ष के कुछ सांसद नारेबाजी करते दिखे। इंडिया के सांसदों को लोकतांत्रिक तरीके से निलंबित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने का फैसला किया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे। खड़गे ने कहा कि पीएम वाराणसी, अहमदाबाद जा रहे हैं, वे हर जगह बोल रहे हैं, संसद में सुरक्षा चूक पर नहीं बोल रहे। गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद के सिक्योरिटी लेप्स पर कुछ नहीं कहा। हम इसकी निंदा करते हैं। सरकार सदन नहीं चलने देना चाह रही है। विपक्ष की आवाज दबा रही है। संसद में बोलना हमारा अधिकार है। सभापति मामले को जातिगत रंग दे रहे हैं। शरद पवार ने कहा कि सदन में जो हुआ, वो इतिहास में कभी नहीं हुआ। जो लोग सदन में घुसे, वो किसकी मदद से आए। सुरक्षा में चूक पर चर्चा क्यों नहीं हो रही? चर्चा कराने की बजाय सांसदों को सस्पेंड कर दिया। सभापति की मिमिक्री पर पवार ने कहा कि ये सदन के अंदर का नहीं, बाहर का मामला है। संसद से अब तक 143 सांसद सस्पेंड 20 दिसंबर को लोकसभा से 2 और सांसदों को निलंबित किया गया था। अब तक 143 सांसद निलंबित किए जा चुके हैं। इनमें 109 लोकसभा और 34 राज्यसभा के हैं। इन सांसदों के संसद में दाखिल होने पर रोक है। 20 दिसंबर की कार्यवाही में लोकसभा में विपक्ष के 98 सांसदों और राज्यसभा में 94 सांसदों ने भाग लिया। विपक्ष का आरोप है कि सांसदों को सस्पेंड करके भाजपा सभी बिल बिना बहस के पास कराना चाहती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश के मामले पर बयान दिया है। फाइनेंशियल टाइम्स को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा 'छोटी-मोटी घटनाओं से भारत-अमेरिका रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।' अगर हमारे देश का कोई नागरिक दूसरे देश में अच्छा या बुरा काम करता है तो हम जिम्मेदारी लेते हैं। हमें इस बारे में बताया गया है तो हम जांच करने के लिए तैयार हैं। हम कानून का पालन करते हैं। दरअसल, अमेरिकी सरकार ने आरोप लगाया था कि न्यूयॉर्क में पन्नू पर जानलेवा हमले की साजिश रची गई थी। इसमें भारत का हाथ था। इस साजिश को नाकाम कर दिया गया। हालांकि, यह नहीं बताया गया कि हमला किस दिन होने वाला था। जून में पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के बाद ही अमेरिकी अधिकारियों ने भारत के सामने यह मुद्दा उठाया था। इस बात का खुलासा 22 नवंबर को पब्लिश हुई फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में हुआ था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने केंद्र की एनडीए सरकार पर आरोप लगाया है कि वह सोची-समझी रणनीति के तहत सदन में विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। लोकसभा व राज्यसभा से कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सांसदों को सदन से निलंबित करने की भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस लोकतंत्र की हत्या नहीं होने देगी। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर कांग्रेस देशभर में केंद्र की भाजपा सरकार की तानाशाही नीतियों व निर्णय के खिलाफ धरने प्रदर्शन करेगी। प्रतिभा सिंह ने आज जारी एक बयान में कहा कि संसद के दोनों सदनों से विपक्षी दलों के नेताओं का निलंबन बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि भाजपा संसद में विपक्ष के सवालों से बच रही है और यही वजह है कि एक सोची समझी रणनीति के तहत संसद से विपक्षी सांसदों को निलंबित किया गया है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में चुने हुए सांसदों का निलंबन लोकतंत्र की हत्या के साथ साथ उनका अपमान भी है जो कभी सहन नही हो सकता। प्रतिभा सिंह ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश में 22 दिसंबर को सभी जिलों में केंद्र सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन करेगी जिसमें पार्टी के सभी नेता, पदाधिकारी अग्रणी संगठनों व सभी विभागों के प्रमुखों सहित पार्टी के सभी कार्यकर्ता भाग लेंगे। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस भाजपा के किसी भी दुष्प्रचार का मुंह तोड़ जवाब देगी।
-'हिम महोत्सव' में 5 करोड़ से अधिक कारोबार होने का अनुमान -पहले 3 दिनों में ही लगभग 40 लाख रुपये की हुई बिक्री प्रदेश सरकार द्वारा दिल्ली हाट में 30 दिसंबर तक आयोजित किए जा रहे 'हिम महोत्सव' में हिमक्राफ्ट उत्पादों व हिमाचली व्यंजनों की भारी मांग है। इसके अंतर्गत हिमक्राफ्ट (हिमाचल प्रदेश राज्य हस्तशिल्प एवं हथकरघा निगम लिमिटेड), हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम तथा कला, भाषा एवं संस्कृति विभाग के माध्यम से प्रदेश के कारीगरों, बुनकरों, स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों और हिमाचली व्यंजनों की बिक्री के लिए एक प्रभावी मंच उपलब्ध करवाया गया है। हिमक्राफ्ट के प्रबंध निदेशक जतिन लाल ने बताया कि दिल्ली में प्रदेश के हस्तशिल्प, हथकरघा, स्वयं सहायता समूह के उत्पादों और हिमाचली व्यंजनों को काफी सराहा जा रहा है। पहले 3 दिनों में ही लगभग 40 लाख रुपये की बिक्री का अनुमान है। दूसरे और तीसरे दिन दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लोगों सहित विदेशी मेहमानों ने भी यहां जमकर खरीदारी की। उन्होंने बताया कि क्रिसमस और नववर्ष को देखते हुए विभाग को 5 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार का अनुमान है। हिम महोत्सव में कुल्लू और किन्नौरी शॉल, लाहौली मोजे और दस्ताने, चमड़े पर जरी और रेशम के धागे से महीन कारीगरी से तैयार चंबा चप्पल और धातु शिल्प का कमाल चंबा थाल, कांगड़ा पेंटिंग तथा कांगड़ा चाय और बांस व शिल्प उत्पाद, भेड़ ऊन, अंगोरा, पश्मीना, याक ऊन की हाथ से बुनी गई शॉल, सिरमौरी लोईया और स्वयं सहायता समूह द्वारा बनाए गए अचार और जैम सहित हिमाचली व्यंजनों में कांगड़ा, चंबा और मंडयाली धाम मुख्य आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। दिल्ली हाट में विभाग द्वारा हिमक्राफ्ट के 35, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के प्रदेश के 20 स्वयं सहायता समूहों, हिमकोस्टे के 5 और हिमाचली व्यंजनों की बिक्री के लिए 5 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं।
संसद के शीतकालीन सत्र के 12वें दिन लोकसभा से विपक्ष के 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। अब तक कुल 141 सांसदों को सत्र से सस्पेंड किया जा चुका है। मंगलवार यानी आज विपक्ष ने सांसदों के निलंबन को लेकर दोनों सदनों में हंगामा किया। विपक्षी सांसद ने सदन से लेकर सदन के गेट और परिसर में नारेबाजी और प्रदर्शन किया। लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही सुबह से 3 बार स्थगित की गई। इसके बाद लोकसभा से विपक्ष के 49 सांसदों को निलंबित कर दिया गया। इस तरह अब कुल 141 सांसद सदन की कार्यवाही में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। यही नहीं, लोकसभा की प्रश्नसूची से 27 सवाल भी हटा दिए गए हैं। ये सवाल निलंबित सांसदों की तरफ से पूछे गए थे। आजादी के बाद पहली बार इतने सांसदों को किया गया निलंबित सोमवार को कुल 78 सांसदों (लोकसभा-33, राज्यसभा-45) को निलंबित किया गया था। आजादी के बाद पहली बार एक ही दिन में इतने सांसद निलंबित किए गए है। इससे पहले 1989 में राजीव सरकार में 63 सांसद निलंबित किए गए थे। पिछले हफ्ते भी 14 सांसदों को निलंबित किया गया था।
- अब तक कुल 92 सांसदों को किया गया निलंबित संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन दोनों सदनों से कुल 78 सांसद सस्पेंड कर दिए गए। असल में संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ। इस पर लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने 33 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। इनमें नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कांग्रेस के 11 सांसद, तृणमूल कांग्रेस के 9, डीएमके के 9 और 4 अन्य दलों के सांसद शामिल हैं। इसके बाद राज्यसभा में भी हंगामा हुआ। इसके चलते सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए (22 दिसंबर तक) निलंबित कर दिया। इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। इनके अलावा राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन को भी 14 दिसंबर को सस्पेंड किया गया था। शीतकालीन सत्र से अब तक कुल मिलाकर 92 सांसदों को सस्पेंड किया जा चुका है।
आज नई दिल्ली के जंतर मंतर पर अखिल भारतीय महिला कांग्रेस के आह्वान पर आयोजित संसद घेराव के दौरान प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष जैनब चंदेल के नेतृत्व में प्रदेश महिला कांग्रेस ने भी भाग लिया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं सांसद प्रतिभा सिंह ने भी इस धरना प्रदर्शन में विशेष तौर पर भाग लिया। प्रतिभा सिंह ने अपने संबोधन में केंद्र की भाजपा सरकार की महिला विरोधी नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि देश की आधी आबादी को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर लड़ना होगा।
-14 दिसंबर को 13 सांसद किए थे सस्पेंड -अब तक कुल 44 सांसद निलंबित संसद के शीतकालीन सत्र के 11वां दिन संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर आज भी खूब हंगामा हुआ। लोकसभा में खराब व्यवहार के चलते विपक्षी नेता अधीर रंजन चौधरी समेत 31 सांसद को पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित कर दिए गए। इससे पहले 14 दिसंबर को लोकसभा से 13 सांसद निलंबित किए गए थे। ऐसे में अब तक कुल 44 सांसद पूरे शीतकालीन सत्र के लिए निलंबित हो चुके हैं। सदन में आज लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कार्यवाही शुरू होते ही 15 मिनट की स्पीच दी। उन्होंने कहा कि संसद में सुरक्षा चूक को लेकर राजनीति होना दुर्भाग्यपूर्ण है। हंगामा बढ़ा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित हो गई। 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई। आसंदी पर राजेंद्र अग्रवाल थे। इसी बीच कम्युनिकेशन मिनिस्टर अश्विनी ने कम्युनिकेशंस बिल 2023 पेश किया। इस दौरान विपक्षी सांसदों ने फिर नारेबाजी की और तख्तियां लहराईं। अग्रवाल ने विपक्षी सांसदों से जगह पर बैठने को कहा। वे नहीं माने तो सदन की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा में भी लोकसभा में घुसपैठ मुद्दे पर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही पहले 11.30 बजे तक स्थगित कर दी गई। इसके बाद जब कार्यवाही शुरू हुई तो विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और गृह मंत्री अमित शाह से बयान देने की मांग की।
-दुबई के एमिरेत्स हिल्स में 50 प्रवासी हिमाचलियों के साथ की बैठक -हिमाचल में 6,000 करोड़ निवेश करने के हैं इच्छुक दुबई के उद्योगपति हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू यूएई के दौरे पर हैं। वे वहां निवेशकों से हिमाचल में निवेश करने के लिए आमंत्रित करने गए हैं। उन्होंने शुक्रवार देर सायं यूएई के दुबई में हिमाचली निवेशकों को राज्य में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्यमंत्री ने दुबई के एमिरेत्स हिल्स में 50 प्रवासी हिमाचलियों के साथ बैठक की। दुबई के उद्योगपतियों ने हिमाचल प्रदेश में 6,000 करोड़ रुपये के निवेश की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री सुक्खू शनिवार को दुबई से स्वदेश लौटेंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री के दिल्ली में रुकने की संभावना है। रविवार को राजधानी शिमला पहुंचने के आसार हैं। मुख्यमंत्री के साथ सात सदस्यीय दल भी दुबई गया है। शुक्रवार सायं करीब 6 बजे प्रवासी हिमाचलियों के साथ मुख्यमंत्री की बैठक शुरू हुई। निवेशकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश आपका अपना राज्य है। ऐसे में आप सबका फर्ज बनता है कि हिमाचल के विकास में सहयोगी बनें। उन्होंने कहा कि हिमाचल में निवेश करने वाले निवेशकों को सरकार की ओर से पूरा सहयोग दिया जाएगा। विभिन्न औपचारिकताएं पूरा करने के लिए किसी भी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार सिंगल विंडो के माध्यम से स्वयं हर बाधा और औपचारिकता को पूरा करने के लिए कृतसंकल्प रहेगी। बैठक में मौजूद अधिकारियों के अनुसार कई निवेशकों ने हिमाचल प्रदेश में निवेश के लिए सकारात्मक रुख अपनाया है। संभावित है कि करीब 6,000 करोड़ का निवेश होगा।
भजन लाल शर्मा ने आज जयपुर के अल्बर्ट हॉल में राजस्थान के मुख्यमंत्री की शपथ ली। इस शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेता मौजूद रहे। भजन लाल के अलावा दीया कुमारी सिंह और प्रेमचंद बैरवा ने भी शपथ ली। दीया कुमार और प्रेमचंद बैरवा को राज्य का उप मुख्यमंत्री बनाया गया है। भजन लाल शर्मा इस बार चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने हैं। ऐसे में उनपर भरोसा जताकर भाजपा ने भविष्य की राजनीति को साधने का काम किया है। बता दें कि बीते मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक भजन लाल शर्मा को विधायक दल का नेता चुना गया था। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भजन लाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा था। भजन लाल शर्मा सांगानेर से विधायक हैं।
-कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति वाले हाईकोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप नहीं करेगा सुप्रीम कोर्ट मथुरा में श्रीकृष्ण जन्म स्थान एवं शाही ईदगाह के कमिश्ननर सर्वे पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर से सर्वे का आदेश दिया है। हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ शाही ईदगाह कमेटी की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की गई थी। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अगर सर्वे से दिक्कत है तो प्रॉपर तरीका अपनाएं। इसके बाद सुनवाई पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है कि वीरवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज मयंक जैन ने मथुरा विवाद से जुड़ी सभी 18 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए विवादित स्थल का सर्वे ज्ञानवापी की तर्ज पर कोर्ट कमिश्नर से करवाने का आदेश दिया है। मामले में अदालत 18 दिसंबर को कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति करेगी। इसी को लेकर मुस्लिम पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया था कि 18 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में कोर्ट कमिश्नर की नियुक्ति पर रोका लगाई जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा करने से मना कर दिया।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने विद्युत मंत्रालय भारत सरकार के तत्वावधान में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार हासिल करने पर सातवीं कक्षा की छात्रा आरुषि की सराहना की। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार का एक अग्रणी विद्युत उपक्रम है, जो कि उत्तराखंड राज्य की नोडल एजेंसी भी है। प्रतियोगिता के आयोजन से पहले देश भर में राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गईं, जिनमें देश के लगभग 70 लाख छात्रों द्वारा भाग लिया। देश के सभी अग्रणी विद्युत उपक्रम जैसे टीएचडीसी, एनटीपीसी, एनएचपीसी, एसजेवीएन, पावर ग्रिड आदि को प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए पूरे देश में अलग-अलग राज्य आवंटित किए गए थे। प्रत्येक राज्य के दोनों ग्रुप ए और बी के पहले तीन विजेताओं ने 11 दिसंबर 2023 को विज्ञान भवन, नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लिया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने दिनांक 14 दिसंबर को राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार दिवस पर आयोजित भव्य पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान प्रतिभाशाली छात्रा आरुषि को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया तथा अपने संबोधन के दौरान विजेताओं को बधाई दी और ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री (विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा) आरके सिंह और राज्य मंत्री (विद्युत, भारी उद्योग मंत्रालय), कृष्णपाल गुर्जर की ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। इससे ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में प्रतिभाओं को पहचानने और बढ़ावा देने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित हुई। सिंह ने उपस्थित सभी को संबोधित करते हुए ऊर्जा संरक्षण के महत्व पर जोर दिया और ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने का आग्रह किया। इस अवसर पर विद्युत मंत्रालय सचिव के पंकज अग्रवाल तथा विद्युत मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ व्यक्ति भी उपस्थित थे। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने इस प्रतिष्ठित उपलब्धि के लिए पूरे उत्तराखंड राज्य और आचार्यकुलम स्कूल हरिद्वार को हार्दिक बधाई दी और कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने राज्य में नोडल एजेंसी होने के नाते राज्य स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता उत्तराखंड के आयोजन और राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विश्नोई ने इस बात पर प्रकाश डाला कि राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में इतनी कम उम्र में इन युवा प्रतिभागियों की सफलता उनके द्वारा किए गए समर्पित प्रयासों को रेखांकित करती है। यह राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता भारत को किफाइती 24&7 बिजली प्रदान करने के लिए ऊर्जा संरक्षण के संदेश को प्रसारित करने के अपने प्रयास में ऊर्जा मंत्रालय के ऊर्जा दक्षता ब्यूरो द्वारा एक वर्ष तक चलने वाला अभियान है। उन्होंने आगे कहा कि, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड, हाइड्रो सेक्टर में नए मानक स्थापित करने के अतिरिक्त, खेल, संस्कृति, कृषि, स्वास्थ्य, स्वच्छता, कला, संस्कृति सहित विभिन्न विकासात्मक क्षेत्रों में भी अग्रणी है, विशेष रूप से उत्तराखंड में सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए यह अपनी कॉरपोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (सीएसआर) नीतियों को आधारशिला मानता है। सामाजिक मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के अनुरूप, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड ने हाल ही में भारतीय कयाकिंग और कैनोइंग एसोसिएशन, उत्तराखंड ओलंपिक एसोसिएशन और उत्तराखंड सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। उन्होंने कहा कि इस रणनीतिक साझेदारी का उद्देश्य उत्तराखंड के कोटेश्वर, टिहरी में एक अत्याधुनिक खेल प्रशिक्षण अकादमी स्थापित करना है, जो समग्र विकास और सामुदायिक उत्थान के लिए टीएचडीसी के समर्पण को और मजबूत करेगा। श्री विश्नोई ने यह भी कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड एक प्रमुख विद्युत क्षेत्र संगठन और उत्तराखंड के विकास में अग्रणी शक्ति है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड उत्कृष्टता के लिए प्रतिबद्ध, प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न विकासात्मक क्षेत्रों में सक्रिय रूप से संलग्न है। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक) शैलेंद्र सिंह ने भी इस राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए विद्युत मंत्रालय, उत्तराखंड राज्य और टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड को बधाई दी। उन्होंने कहा कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड अपनी विकास गतिविधियों और जल विद्युत के दोहन के लिए उत्तराखंड सरकार की विभिन्न पहलों में सदैव अग्रणी है। ऊर्जा संरक्षण पर प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में विजेता छात्रा को एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि प्रदान की गई और अचार्यकुलम स्कूल हरिद्वार का छात्र मास्टर सताक्षी, जिसे राष्ट्रीय स्तर की चित्रकला प्रतियोगिता में ग्रुप ए में सांत्वना पुरस्कार प्राप्त हुआ, उसे रुपये पंद्रह हजार की राशि प्रदान की गई।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि को लेकर इलाहबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद के ASI सर्वे को मंजूरी दे दी है। मथुरा की श्री कृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में विवादित परिसर का सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के जरिए कराए जाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिस पर फैसला सुनाया गया। जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने फैसला सुनाते हुए शादी ईदगाह मस्जिद के ASI सर्वे की मंजूरी दे दी। अदालत अब 18 दिसंबर को यह फैसला करेगी कि कोर्ट कमिश्नर कौन होगा और आगे की कार्रवाई कैसे होगी. हिन्दू पक्ष ने मथुरा अदालत में सबसे पहले ये मांग उठाई थी। दिसंबर 2022 को मथुरा की अदालत ने अमीन सर्वे की मंज़ूरी दी थी, लेकिन मुस्लिम पक्ष की ऊपरी अदालत में दाख़िल आपत्ति के बाद अमीन सर्वे नहीं हो सका. अब हाईकोर्ट के आदेश के बाद मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है।
टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन को संसद के शीतकालीन सत्र के शेष भाग से सस्पेंड कर दिया गया है। ओ'ब्रायन पर सदन की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप है, जिस पर कार्रवाई करते हुए उन्हें राज्यसभा से सस्पेंड कर दिया गया। लोकसभा में बुधवार दोपहर हुई सुरक्षा में चूक के बाद गुरुवार को एक बार फिर से संसद दोबारा शुरू हुई। इस दौरान ओ'ब्रायन ने राज्यसभा की कार्यवाही में बाधा डालना शुरू किया, जिस पर उन्हें सदन से जाने को कहा गया। दरअसल, डेरेक ओ'ब्रायन ने संसद की सुरक्षा में हुई चूक पर चर्चा की मांग की थी। लेकिन इस पर राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने टीएमसी सांसद का नाम लिया और उन्हें तुरंत सदन से बाहर जाने का आदेश दिया. धनखड़ ने कहा, 'डेरेक ओ'ब्रायन को तुरंत सदन छोड़ने के लिए कहा जाता है। उनका कहना है कि वह सभापति की अवहेलना करेंगे। डेरेक ओ'ब्रायन का कहना है कि वह नियमों का सम्मान नहीं करेंगे। यह एक गंभीर कदाचार है. यह एक शर्मनाक घटना है.' सभापति ने कहा कि सांसद का आचरण ठीक नहीं है।
बुधवार को देश की संसद की सुरक्षा चूक मामले को लेकर हरियाणा की महिला नीलम को गिरफ्तार किया गया है. इस मामले में महिला के समर्थन में किसान उतर आए हैं. जींद में ही गुरुवार को किसान सगंठन प्रदर्शन करेंगे. किसानों का कहना है कि अगर लड़की को जल्दी से जल्दी रिहा नहीं किया गया तो जींद की ऐतिहासिक धरती से बड़ा फैसला लेंगे. जींद के उचाना में 11 बजे के आसपास किसान इक्कठा होंगे. किसान नेता आजाद पालव का कहना है कि नीलम बेटी ने जो किया, वह सही किया है. क्योंकि लगातार देश के अंदर बेरोजगारी बढ़ रही है. जानकारी के अनुसार, हरियाणा के जींद में खाप पंचायत ने नीलम का समर्थन किया है. खापों का कहना है कि नीलम ने जो किया, वह सही किया. खापों का मांग है कि नीलम को सरकार जल्द रिहा करे. अन्यथा आज जींद में पंचायत बुलाकर मंथन किया जाएगा. पूनम पढ़ी लिखी और सभ्य लड़की है. वह तीन काले कानूनों के खिलाफ किसानों के धरने में आती रही हैं. साथ जंतर-मंतर पर खिलाडियों के धरने में भी नीलम शामिल हुई थी. अब बेरोजगारी के मुद्दे पर लड़ लड़ाई लड़ रही है.
-नई दिल्ली में इंडिया टुडे ग्रुप के 'एजेंडा आज तक-2023' कार्यक्रम में लिया भाग मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज नई दिल्ली में इंडिया टुडे ग्रुप द्वारा आयोजित 'एजेंडा आज तक-2023' कार्यक्रम में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि अगले वर्ष के लिए सरकार का मुख्य एजेंडा हिमाचल को भारत की पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदा से हुई तबाही के बाद युद्ध स्तर पर बहाली का काम किया गया और हिमाचल प्रदेश सर्दियों के मौसम में पर्यटकों के स्वागत के लिए तैयार है। उन्होंने देश-विदेश के पर्यटकों को हिमाचल आने और इसके प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए आमंत्रित किया। मुख्यमंत्री ने राज्य के लोगों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और राज्य सरकार के प्रमुख निर्णयों और नीतियों के बारे में भी विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद उनका पहला काम राज्य की वित्तीय स्थिति को सुधारना था। उन्होंने कहा कि उचित वित्तीय प्रबंधन सुनिश्चित करने के प्रयास किए गए हैं और राज्य की वित्तीय स्थिति में सुधार करते हुए जल्द ही इसमें सकारात्मक बदलाव देखा जाएगा। उन्होंने दस वर्षों के भीतर हिमाचल को देश का सबसे समृद्ध राज्य बनाने की परिकल्पना को साकार करने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने अपने पहले साल में तीन गारंटियां पूरी की हैं और बाकी गारंटियां आगामी चार सालों में चरणबद्ध तरीके से पूरी की जाएंगी। पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) मानवीय आधार पर लागू की गई, ताकि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन सुरक्षित हो सके। 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्ट-अप योजना के पहले चरण में ई-टैक्सी योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत, राज्य सरकार युवाओं को ई-टैक्सी की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रही है जिससे राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा तथा उनको एक निश्चित आय भी सुनिश्चित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए अगले सत्र से सभी सरकारी संस्थानों में अंग्रेजी माध्यम शुरू किया जाएगा। राज्य सरकार ने 4,000 अनाथ बच्चों को 'चिल्ड्रन ऑफ द स्टेटÓ के रूप में अपनाया है तथा उनके कल्याण के लिए देश में पहली बार कानूनन हक देते हुए मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना शुरू की जिसके तहत, राज्य सरकार इन बच्चों की 27 वर्ष की आयु पूरी होने तक उनकी देखभाल और उच्च शिक्षा के लिए उचित सहायता प्रदान कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाहौल-स्पीति जिला की 18 वर्ष से अधिक आयु की सभी महिलाओं को जनवरी, 2024 से 1500 रुपये प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश की सभी महिलाओं से किया गया वादा भी चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा। अगले वित्तीय वर्ष से विधवा महिलाओं के बच्चों की उच्च शिक्षा का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी। उन्होंने कहा कि राज्य ने इस मानसून के दौरान सबसे भयंकर प्राकृतिक आपदा का सामना किया। राज्य ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद 4,500 करोड़ रुपये के विशेष पैकेज की घोषणा की है ताकि प्रभावित लोगों को पर्याप्त सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि दूरदराज के इलाकों में फंसे पर्यटकों को सुरक्षित निकाला गया, सड़कों और पुलों को भी युद्ध स्तर पर बहाल किया गया।
-केंद्रीय मंत्री ने नई दिल्ली में पैरा खेलो इंडिया गेम्स का किया शुभारंभ -1350 से अधिक एथलीट 276 स्वर्ण पदकों के लिए करेंगे प्रतिस्पर्धा केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गत दिवस नई दिल्ली में आयोजित पैरा खेलो इंडिया गेम्स के उद्घाटन समारोह में कहा कि पैरा खेलो इंडिया गेम्स देश को 2030 तक एशियाई पैरा खेलों में 200 से अधिक पदक के लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगा। अनुराग सिंह ठाकुर ने उद्घाटन समारोह में औपचारिक रूप से खेलो इंडिया पैरा गेम्स 2023 की शुरुआत की घोषणा की। अनुराग ठाकुर ने खेलो इंडिया पैरा गेम्स की शुरुआत की घोषणा करने से पहले पैरा गेम्स के दिग्गज खिलाड़ियों दीपा मलिक, भाविना पटेल, सुमित अंतिल एवं अन्य के साथ मशाल रिले में भाग लिया। श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह भारतीय खेल जगत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि पहली बार खेलो इंडिया पैरा गेम्स राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित किए जा रहे हैं जो देश के खेल इकोसिस्टम में एक नए आंदोलन की शुरुआत करेंगे। यह पहल सभी एथलीटों को उनकी क्षमताओं से परे समान अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। खेलो इंडिया पैरा गेम्स नए भारत का प्रतीक है। सभी प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि यहां आकर भाग लेने के आपके प्रयासों को जानना बेहद गर्व की बात है। एथलीटों और अधिकारियों सहित 3000 से अधिक लोग इन खेलों में हिस्सा लेने के लिए यहां आए हैं और कुल 276 स्वर्ण पदक पर दांव पर होंगे। मैं प्रत्येक एथलीट को शुभकामनाएं देता हूं।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज दिल्ली विश्वविद्यालय के विधि संकाय के सौ वर्ष पूरे होने और भारतीय संविधान के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर विधि संकाय द्वारा नई दिल्ली में आयोजित 'युवा संसद कार्यक्रम' को संबोधित किया। इस अवसर पर विधि संकाय के छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए सकारात्मक सोच और रचनात्मक दृष्टिकोण विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि युवा देश का भविष्य हैं और ऐसे में युवाओं को मानसिक दृढ़ता का विकास कर देश का एक प्रबुद्ध नागरिक बनना चाहिए। राज्यपाल ने विविधता में एकता के सिद्धांत को समझने की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि यह हमारे देश की अनूठी विशेषता है। विद्यार्थी एकता के महत्व को समझें और राष्ट्र निर्माण में जुट जाएं तथा देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने में अपनी भूमिका निभाएं। उन्होंने कानून के छात्रों को किताबें पढ़ने की आदत विकसित करने का परामर्श देते हुए कहा कि यह केवल अभ्यास मात्र तक सीमिति नहीं होना चाहिए बल्कि उन्हें सामग्री के बारे में अपने विचारों एवं भावनाओं का परीक्षण कर गहरी अवधारणाओं की समझ विकसित करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में युवाओं को जागरूक होना चाहिए और निडर होकर अपनी राय भी देनी चाहिए। राज्यपाल ने संसद के महत्व और इसकी गौरवशाली परंपराओं के बारे में भी चर्चा की और कहा कि देश की प्रतिष्ठित हस्तियां और कानूनविद हमारे लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह ने भी छात्रों को संबोधित किया। विधि संकाय की डीन प्रोफेसर अंजू वली टिकू ने राज्यपाल का स्वागत किया। युवा संसद के संयोजक डॉ. विकेश राम त्रिपाठी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विधि संकाय के विद्यार्थी व शिक्षक उपस्थित थे।
इतिहास हुआ आर्टिकल 370... 4 साल, चार महीने 6 दिन बाद मोदी सरकार के एक और फैसले पर लगी 'सुप्रीम' कोर्ट की मुहर। आज सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने आर्टिकल 370 पर सुनवाई करते हुए ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आर्टिकल-370 को बेअसर कर नई व्यवस्था से जम्मू-कश्मीर को बाकी भारत के साथ जोड़ने की प्रक्रिया मजबूत हुई है। आर्टिकल 370 हटाना संवैधानिक रूप से वैध है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने सबसे अहम टिप्पणी तब की, जब अदालत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर, 2024 तक विधानसभा चुनाव करवाए जाने चाहिए. कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने का भी निर्देश दिया है। हालांकि लद्दाख केंद्र शासित क्षेत्र ही रहेगा। इस मामले में याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि आर्टिकल 370 और 35 ए के जरिए जम्मू और कश्मीर को मिले विशेष अधिकार 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने खत्म कर दिया था, इसके लिए अध्यादेश लाया गया था। 370 हटाने का विरोध कर रहे याचिकाकर्ताओं की दलील है कि 1957 के बाद बिना विधानसभा की मंजूरी के अनुच्छेद 370 को हटाया नहीं जा सकता। अब article 370 पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि आर्टिकल 370 हटाने का फैसला बरकरार रहेगा। 370 को हटाना संवैधानिक तौर पर सही है। राष्ट्रपति के पास फैसले लेने का अधिकार है।
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने पूर्वाचल के लोगों से आने वाली पीढ़ियों के लिए पूर्वाचल की समृद्ध संस्कृति को संरक्षित करने के लिए यहां परंपराओं और विरासत को संजो कर रखने का आह्वान किया। यह बात उन्होंने आज नई दिल्ली में माटी ट्रस्ट द्वारा आयोजित 7वें माटी सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। यह कार्यक्रम पूर्वाचल की कला और समृद्ध संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए आयोजित किया गया था। राज्यपाल ने पूर्वांचल की संस्कृति को प्रतिबिंबित करने वाले समृद्ध लोक गीतों को संरक्षित करने के महत्व पर प्रकाश डाला और आने वाली पीढ़ियों के लिए पौराणिक परंपराओं के साथ एक मजबूत संबंध स्थापित करने में इन लोकगीतों की भूमिका पर बल दिया। उन्होंने कहा कि हालांकि देशभर में भाषा, खान-पान, रीति-रिवाज और परंपराएं अलग-अलग हैं, लेकिन पूर्वांचल की भावना देशभर में रहने वाले सभी पूर्वांचलियों को एकजुट करती है। राज्यपाल ने सनातन संस्कृति के महत्व पर भी बल दिया तथा वर्तमान व भावी पीढ़ियों से इस सम्बंध में जागरूक होने और गर्व करने का आह्वान किया। उन्होंने पवित्र शहर काशी और देश भर के घरों में पाई जाने वाली रामायण जैसी पवित्र पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्ध गोरखपुर के गीता प्रेस जैसे स्थलों के बारे में भी बताया। राज्यपाल ने स्वतंत्रता संग्राम में क्षेत्र के नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और स्वतंत्रता संग्राम में इस धरती के नायकों की भूमिका व अन्याय के खिलाफ इनके संघर्ष की सराहना की। इस अवसर पर राज्यपाल ने लोक गायिका मालिनी अवस्थी, डॉ. एनएल खन्ना, रवि दुबे, रजनीकांत राय, चन्द्रशेखर सिंह, एन.के. यादव सहित अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाली पूर्वाचल की लोकप्रिय हस्तियों को सम्मानित किया। माटी ट्रस्ट के अध्यक्ष राम बहादुर राय ने ट्रस्ट के लक्ष्यों और उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
-सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटन गंतव्य और इको पर्यटन गंतव्य बना हिमाचल -प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने हासिल किए पुरस्कार -मुख्यमंत्री ने हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र में उदारतापूर्वक निवेश का किया आह्वान हिमाचल प्रदेश ने शुक्रवार देर सायं नई दिल्ली में आयोजित आउटलुक ट्रैवलर अवॉर्ड्स-2023 समारोह में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार जीते। इस समारोह में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे। उन्होंने विभिन्न श्रेणियों के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किये। हिमाचल प्रदेश ने कांगड़ा जिले के बीड़-बिलिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ साहसिक पर्यटक गंतव्य स्वर्ण श्रेणी और लाहौल-स्पीति जिले के स्पीति के लिए सर्वश्रेष्ठ इको-पर्यटन गंतव्य स्वर्ण श्रेणी में पुरस्कार जीते। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली ने यह पुरस्कार प्राप्त किए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने निवेशकों से हिमाचल में पर्यटन क्षेत्र में उदारतापूर्वक निवेश करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन परियोजनओं को शीघ्र स्वीकृति की सुविधा प्रदान करेगी। हिमाचल सभी मौसमों के लिए उपयुक्त पर्यटन गंतव्य है। यहां की घाटियां, बर्फ से ढकी घाटियां, हरा-भरा वन क्षेत्र, जल निकाय और शानदार होम-स्टे पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटकों के यात्रा अनुभव को और शानदार बनाने के लिए प्रयासरत है और इसके लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। ठहरने के लिए शानदार होम-स्टे भी विकसित किए जाएंगे जिससे पर्यटक नजदीक से यहां के जन-जीवन व वादियों को निहार सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नए पर्यटन गंतव्यों को विकसित कर, पर्यटन अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण कर रही है। पर्यटकों को अत्याधुनिक सुविधाएं प्रदान कर रही है ताकि वे अधिक अवधि तक यहां समय बिताएं और प्रदेश की आर्थिकी में वृद्धि हो। प्रदेश में हवाई सेवा में सुधार के दृष्टिगत कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार के साथ-साथ सभी जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट निर्मित्त किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार प्रतिवर्ष लगभग 5 करोड़ पर्यटकों का आगमन सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है और राज्य सरकार कांगड़ा जिले को पर्यटन राजधानी के रूप में विकसित कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार कांगड़ा घाटी में पर्यटक अधोसंरचना विकसित करने के लिए लगभग 3000 करोड़ रुपये व्यय करेगी। वन्य जीव पर्यटन में रुचि रखने वाले पर्यटकों को प्रोत्साहित करने के लिए कांगड़ा जिला में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का चिड़ियाघर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हिमाचल धार्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र है, प्रदेश प्रसिद्ध शक्तिपीठों की भूमि है और शीघ्र ही प्रदेश आध्यात्मिक पर्यटन का मुख्य केंद्र बन कर उभरेगा। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य में ईको-टूरिज्म को भी बड़े पैमाने पर विकसित करने पर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार मार्च, 2026 तक हिमाचल को देश के हरित राज्य के रूप में विकसित करने की दिशा में कार्य कर रही है और राज्य में हरित ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए अभिनव कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सौर ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, नवीकरण ऊर्जा के अन्य स्रोतों के दोहन पर बल दे रही है। प्रदेश सरकार डीजल वाहनों के स्थान पर इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा प्रदान कर रही है। आउटलुक ट्रैवलर की प्रकाशक मीनाक्षी मेहता ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। इस अवसर पर आउटलुक ग्रुप के सीईओ इंद्रनील राय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। विभिन्न पुरस्कार विजेता राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ संवाद-सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खौंटे, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार मीडिया नरेश चौहान, मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू, पत्रिका की संपादक आनंदिता घोष और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
-13.55 किलोमीटर लंबाई, 13 स्टेशन और 3 लाइन्स -रोपवे के निर्माण पर 1555 करोड़ रुपये होंगे खर्च -उप मुख्यमंत्री अग्निहोत्री ने पत्रकार वार्ता में दी जानकारी -बोले, अगले साल शुरू होगा निर्माण दुनिया का दूसरा सबसे लंबा और भारत का सबसे लंबा रोपवे शिमला में बनने जा रहा है। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने आज शिमला में एक पत्रकार वार्ता में दी। उन्होंने कहा कि साउथ अमेरिका में जो रोपवे बना है, उसकी लंबाई 32 किलोमीटर है, जबकि शिमला में बनने जा रहे रोपवे की लंबाई 13.55 किलोमीटर है। इसमें 13 स्टेशन और 3 लाइन्स होंगी। हमारे देश में अब यह पहला रोपवे बनने जा रहा है, जिसकी सारी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। यह रोपवे इकोफ्रेंडली प्रोजेक्ट होगा। इसके निर्माण पर 1555 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसका निर्माण टॉपेलमेयर, लाइटनर जैसी कंपनियां कर सकती हैं। तारा देवी से शुरू होकर पूरे शिमला शहर को करेगा कवर मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि यह रोपवे तारा देवी से शुरू होकर सचिवालय, आईजीएमसी सहित पूरे शिमला को कवर करेगा। रोपवे के टिकट का दाम बस के टिकट के दामों के आसपास होगा। यूं तो इसे बनने में करीब 5 वर्ष लगेंगे, लेकिन 2 सालों के बाद ही इसका पहला चरण शुरू कर दिया जाएगा। 31 मार्च, 2024 को इसकी बीड्स करने के लिए सरकार प्रयासरत है। अक्तूबर महीने के आसपास इसका निर्माण कार्य शुरू हो सकता है। प्रोजेक्ट को परवाणू से जोड़ने की होगी कोशिश डिप्टी सीएम ने कहा कि दुुनिया का सबसे बड़ा प्रोजेक्ट हिमाचल में लग जाए, इसके लिए कोशिश की जाएगी कि परवाणू से इस प्रोजेक्ट को जोड़ा जाए, जिसकी लागत 6800 करोड़ होगी। इस पर भी साथ-साथ कार्य किया जाएगा।
राम नगरी अयोध्या ...... दशकों का अतीत भूल कर एक नया इतिहास लिखने जा रही है। राम मंदिर का निर्माण अंतिम दौर में है और सम्भवतः 24 जनवरी 2024 वो ऐतिहासिक तारीख होगी जब राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, लेकिन जब भी राम मंदिर से जुड़े इतिहास की बात होती है तो एक सवाल आप सबके मन में भी ज़रूर आता होगा की राम की जन्मभूमि पर राम मंदिर बनाने को लेकर इतना विवाद क्यों ? खेर मेरा मानना है कि राम मंदिर का पूरा इतिहास शब्दों में समेटना किसी के लिए संभव नहीं है, लेकिन बाबरी ढाँचा तो आपको याद ही होगा और बाबरी विध्वंस को याद करने के लिए 6 दिसम्बर से मुनासिब तारीख और क्या होगी। बाबरी विध्वंस का जब भी होता जिक्र है तो कोठारी बंधुओं के योगदान की चर्चा अक्सर की जाती है। राम और शरद कोठारी नियमित रूप से बुराबार की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा में जाया करते थे। 22 और 20 साल की उम्र के इन दोनों भाइयों ने आरएसएस की तीन साल की होने वाली ट्रेनिंग के दो साल बहुत ही बेहतरीन तरीके से पूरे किए थे।अन्य कारसेवकों की तरह ही कोलकाता के रहने वाले कोठारी बंधुओं ने भी विश्व हिन्दु परिषद की कार सेवा में शामिल होने का निर्णय लिया था। 20 अक्टूबर 1990 को दोनों भाईयों ने अपने पिता को अयोध्या जाने के इरादे के बारे में बताया। उनके पिता उन्हें इस यात्रा में भेजने के इच्छुक नहीं थे क्योंकि उनकी बेटी पूर्णिमा का विवाह दिसंबर में था. वो चाहते थे कि कम से कम एक भाई तो शादी समारोह में शामिल रहे। उस समय दोनों ही भाई अपने फैसले पर कायम रहे और उन्होंने यात्रा में जाने का फैसला किया। 22 अक्टूबर को दोनों ने कोलकाता से ट्रेन के जरिये रवानगी भरी। अक्तूबर के तीसरे सप्ताह तक उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में कार सेवकों को जुटने से रोकने के लिए ट्रेन पर रोक लगा दी थी। करीब 200 किलोमीटर पैदल चल कर 30 अक्टूबर की सुबह दोनों भाई अयोध्या पहुंचे। ये तारीख अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के संघर्ष का महत्वपूर्ण दिन था, ये वो दिन था जब कोठारी बंधुओं ने विवादित परिसर में बने बाबरी मस्जिद पर भगवा ध्वज लहराया था। इन दोनों भाइयों ने पहली बार विवादित ढाचें पर भगवा झंडा फहराकर कारसेवकों के बीच सनसनी फैला दी थी। पुलिस प्रशासन को चुनौती देते हुए दोनों भाई बाबरी मस्जिद की गुबंद पर चढ़ गए थे और भगवा ध्वज लहराकर आराम से नीचे उतर गए थे। कोलकाता के कोठारी बंधुओं के बाबरी पर भगवा लहराने की घटना बेहद ही चर्चित है। भगवा पताका लहराकर नीचे उतरने के बाद दोनों भाइयों शरद और राजकुमार को सीआरपीएफ के जवानों ने लाठियों से पीटकर खदेड़ दिया। 30 अक्टूबर को गुंबद पर पताका लहराने के बाद शरद और रामकुमार 2 नवंबर को विनय कटियार के नेतृत्व में दिगंबर अखाड़े की तरफ से हनुमानगढ़ी की तरफ जा रहे थे। जब पुलिस ने फायरिंग शुरू की तो दोनों भाई एक घर में जा छिपे। लेकिन थोड़ी देर बाद दोनों बाहर निकले तो पुलिस की फायरिंग का शिकार हो गए। दोनों ने ही मौके पर दम तोड़ दिया।
MAHILA sashaktikaran ki aawaaz hoon; main Shivraj hoon, main Shivraj hoon Shivraj Singh Chouhan, the four-time Chief Minister of Madhya Pradesh, secured victory in the recent elections with a campaign focused on women's empowerment. Despite initial doubts within the BJP leadership about naming him as the face of the campaign, Chouhan strategically highlighted his schemes for women, including a 35% job quota announcement. He actively engaged in 'The Ladli Show,' showcasing his personal journey and commitment to women's issues. The show premiered on Chouhan's YouTube channel coinciding with the passage of the women's reservation bill in Parliament. Chouhan's emotional appeal, such as shedding tears during speeches and washing the feet of women at events, aimed to connect with voters. He presented himself as a family man, emphasizing his love for his late mother and his commitment to spending time with his wife and sons. Chouhan believed that women, constituting over 48% of the total voters in the state, would play a crucial role in his victory. The win marked a significant achievement for Chouhan, considering his uneasy relationship with the central leadership in the past.
** वसुंधरा ने शुभ मुहूर्त पर ही ली थी मुख्यमंत्री की शपथ राजपूतों की बेटी, जाटों की बहू और गुज्जरों की समधन, हम बात कर रहे है राजस्थान की महारानी वसुंधरा राजे की। वो महारानी जिसने राजस्थान की पहली महिला मुख्यमंत्री बन कर इतिहास रचा। वसुंधरा दो बार राजस्थान की सीएम बनीं, चार बार विधायक और पांच बार सांसद। राजनीति में मिली हर सफलता पर वसुंधरा पूजा-पाठ ज़रूर करती है और उनके पूजा-पाठ और शुभ मुहूर्त पर काम करने के कई किस्से भी काफी चर्चित हैं। कहा जाता है कि वसुंधरा राजे किसी भी काम से पहले विधिवत पूजा करती हैं और शुभ मुहूर्त पर ही अहम फैसले लेती हैं। पहली बार सीएम बनने के दौरान का एक ऐसा ही किस्सा बेहद चर्चित है। वो किस्सा है वसुंधरा राजे का शपथ समारोह। पहली बार राजभवन के बाहर नवनिर्मित विधानसभा भवन के सामने जनपथ पर राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री को शपथ दिलाई जा रही थी। शपथ दिलाने के लिए पहुंचे राज्यपाल और सीएम के साथ शपथ लेने वाले मनोनीत मंत्री मंच पर खड़े वसुंधरा राजे का इंतजार कर रहे थे, लेकिन वसुंधरा राजे को शपथ ग्रहण से पहले पंडित ने शुभ मुहूर्त दिन में 12:15 का बताया था। राज्यपाल शपथ दिलाने के लिए वसुंधरा की राह देख रहे थे। ठीक 12:15 बजे गले में केसरिया पटका पहने वसुंधरा राजे मंच पर पहुंचीं। ''मैं वसुंधरा राजे ईश्वर की शपथ लेती हूं कि मैं विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सच्ची श्रद्धा और निष्ठा रखूंगी...'' वैदिक मंत्रोच्चार, पूजा-अर्चना के साथ शुभ मुहूर्त में मुख्यमंत्री का शपथ समारोह संपन्न हुआ और 8 दिसंबर, 2003 को राजस्थान को पहली महिला मुख्यमंत्री मिली। शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक होनी तय मानी जा रही थी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं क्योंकि शुभ मुहूर्त के अनुसार मंत्रिमंडल की बैठक तीसरे पहर में की जानी थी। ऐसा पहली दफा ही हुआ होगा कि शपथ ग्रहण के तुरंत बाद सचिवालय में मंत्रिमंडल की बैठक नहीं हुई थी। आमतौर पर शपथ ग्रहण के बाद मंत्रिमंडल की बैठक होती है, लेकिन यहां ऐसा नहीं हुआ था। दूसरा बैठक से पहले सीएम की कुर्सी की पूजा की गई और फिर उस पर मुहूर्त के अनुसार वसुंधरा राजे बैठीं। कहते हैं कि वसुंधरा राजे जब भी झालावाड़ आती है तो यहाँ के प्रसिद्ध मंदिर परिसर में पहुंचकर बालाजी के दर्शन व् पूजा अर्चना करती है। यहां तक कि वसुंधरा राजे अपने चुनावी अभियान की शुरुआत भी मंदिर के पूजा अर्चना के बाद ही करती है। नामांकन भरने से पहले बालाजी के मंदिर पर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद लेती है और यहां पर अखंड ज्योत जलती है जो अनवरत जलती रहती है।
बात 1985 की है, मध्यप्रदेश में चुनाव चल रहे थे। उस समय भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या से उपजी सहानुभूति लहर के कारण मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता वापसी की। 320 विधानसभा सीटों में से 250 सीटों पर कांग्रेस विजयी रही। 1980 से 1985 अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री थे और ये चुनाव भी उन्ही के नेतृत्व में लड़ा गया था। अब सत्ता बरकरार रखने के बाद लाज़मी था कि अर्जुन सिंह फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेंगे। औपचारिकता पूरी करने के लिए कांग्रेस विधानमंडल दल की बैठक अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री चुनने के लिए बुलाई गई। 11 मार्च 1985 को अर्जुन सिंह ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, लेकिन अगले दिन ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। दरअसल, मुख्यमंत्री बनने के अगले दिन ही अर्जुन सिंह को पंजाब का राजयपाल नियुक्त कर दिया गया था। सवाल उठने लगे कि अगर राज्यपाल ही बनाना था तो अर्जुन सिंह को मुख्यमंत्री चुना ही क्यों गया? खुद अर्जुन सिंह भी इस फैसले से दंग थे और नाखुश भी और हो भी क्यों न, एक दिन के लिए मुख्यमंत्री पद मिलना और अगले दिन ही छीन जाना। ये अपने आप में आश्चर्यचकित कर देने वाली बात थी।सियासी गलियारों में चर्चाएं होने लगी कि आखिर इस घटनाक्रम की क्या वजह रही होगी। माहिरों का मानना था कि अर्जुन सिंह कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति का शिकार हो गए। लगातार दूसरी बार सीएम बनने से उनका बढ़ा राजनीतिक कद कांग्रेस के इनर सर्किल में पसंद नहीं था। उधर अर्जुन सिंह के पंजाब जाने के बाद मध्यप्रदेश कि सत्ता के सरदार बने मोतीलाल वोरा। अर्जुन सिंह के बाद मोतीलाल वोरा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। मोतीलाल सरकार के तीन साल का समय पूरा होने चला था, उधर अर्जुन सिंह मध्य प्रदेश में वापसी को बेताब थे। अर्जुन सिंह का इंतज़ार खत्म हुआ और वे मध्यप्रदेश लौटने में कामयाब रहे। तब कांग्रेस लीडरशिप ने मोतीलाल वोरा को केंद्र बुला लिया और 14 फरवरी 1988 को अर्जुन सिंह एक बार फिर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। अर्जुन सिंह और मुख्यमंत्री की कुर्सी का नाता ज़्यादा समय नहीं टिक पाया और ये कार्यकाल एक साल भी नहीं चला। एक चर्चित घोटाले में नाम आने के बाद अर्जुन सिंह को फिर इस्तीफा देना पड़ गया। मुख्यमंत्री की कुर्सी फिर खाली हो गई और मोतीलाल वोरा को एक बार फिर सीएम बनाया गया। कांग्रेस की उठापटक इस हद तक बढ़ी कि अगले चुनाव से पहले मोतीलाल वोरा को फिर हटाना पड़ा और उनकी जगह श्यामाचरण शुक्ल मुख्यमंत्री बने। इस तरह मध्य प्रदेश की आठवीं विधानसभा में पांच साल में पांच मुख्यमंत्री बने थे।
चार राज्यों में रुझान आने शुरू ** मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के नतीजे आज पांच राज्यों में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में से चार के नतीजे आज आ जाएंगे। मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के चुनावी परिणाम 3 दिसंबर यानी आज आएंगे, जबकि मिजोरम के परिणाम 4 दिसंबर को आएंगे। चुनावी नतीजों के रुझान आने शुरू हो गए हैं। 12:54:39 AM मध्य प्रदेश में बीजेपी 161 सीटों पर आगे, कांग्रेस ने 66 सीटों पर बनाई बढ़त 10:50 AM राजस्थान: नाथद्वारा से कांग्रेस के दिग्गज सीपी जोशी पीछे 10:38 AM Rajasthan Election Results: वसुंधरा राजे करीब 13 हजार वोटों से आगे 10:25:59 AM छत्तीसगढ़ राज्य में फिलहाल कांग्रेस और बीजेपी में कांटे की टक्कर चल रही है. इस बीच बघेल के सात मंत्री पीछे चल रहे हैं 10:18:06 AM राजस्थान में बीजेपी को बंपर बढ़त, 100 से ज्यादा सीटों पर चल रही आगे 10:01:06 AM छत्तीसगढ़ में भी भाजपा को बहुमत मिल गया है। रुझानों में BJP को 46 और कांग्रेस को 41 सीटें मिलती दिख रही है। 9:54:39 AM मध्यप्रदेश के रुझानों में 135 सीटों पर भाजपा आगे 9:46:59 AM राजस्थान के टोंक से पायलट पीछे
-प्रशासन और सार्वजनिक सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग पर बल दे रही सरकार हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में लेह में आयोजित डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन कॉन्क्लेव और अवॉर्ड्स- 2023 के 12वें संस्करण में दो प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल किए हैं। यह कार्यक्रम गोव कनेक्ट एंड इलॉग मीडिया द्वारा लद्दाख के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से सरकारी क्षेत्र में डिजिटल तकनीक के माध्यम से उत्कृष्ट योगदान के लिए आयोजित किया गया। सचिव (डिजिटल प्रौद्योगिकी और प्रशासन) और मुख्यमंत्री के सचिव डॉ. अभिषेक जैन ने राज्य की ओर से दोनों पुरस्कार प्राप्त किए। प्रशासन और सार्वजनिक सेवाओं के वितरण एवं बेहतरी के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग सुनिश्चित करने की राज्य की प्रतिबद्धता के दृष्टिगत प्रदेश को यह पुरस्कार प्रदान किए गए। डिजिटल टेक्नोलॉजीज और गवर्नेंस विभाग (डीटी एंड जी) के तहत मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 और हिम परिवार परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए यह पुरस्कार प्रदान किए गए। डिजिटल टेक्नोलॉजीज और गवर्नेंस विभाग (डीटी एंड जी) को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि ये पुरस्कार डिजिटल तकनीक को बढ़ावा देने में राज्य सरकार के प्रयासों को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि प्रशासन और जन कल्याण में प्रदेश में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग में प्रदेश देश का अग्रणी राज्य है। मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन-1100 राज्य में एक केंद्रीय सार्वजनिक शिकायत निवारण मंच है। इसके माध्यम सेे सार्वजनिक शिकायतों के निवारण को सुव्यवस्थित किया गया है। टोल फ्री नंबर, वेब एप्लिकेशन और मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से दर्ज शिकायतों के निवारण के लिए उपयोगकर्ता-अनुकूल और सुलभ प्रणाली विकसित की गई है। इसके माध्यम से अब तक 90 विभागों के 10,000 अधिकारियों द्वारा 6,04,557 शिकायतों का निपटारा किया जा चुका है। इनमें से 5,93,693 (98 प्रतिशत) शिकायतों का सफलतापूर्वक निपटान किया गया है, नागरिकों की संतुष्टि के साथ 4,25,067 (70 प्रतिशत) शिकायतों का निपटारा किया गया है। यह देश भर में चलाई जा रही ऐसी केन्द्रीय शिकायत निवारण हेल्पलाइनों में से सबसे अधिक है। इसके अतिरिक्त प्रदेश के लोगों के लिए लिए एक केन्द्रीय कॉल सेंटर बनाने के लिए मुख्यमंत्री सेवा संकल्प हेल्पलाइन को 181 महिला हेल्पलाइन, एचआरटीसी हेल्पलाइन, 1077-आपदा प्रतिक्रिया, जीएसटी हेल्पलाइन, नशामुक्ति के लिए परामर्श आदि के साथ भी एकीकृत किया जा रहा है। इस हेल्पलाइन की पहुंच को बढ़ाने के लिए एक व्हाट्सएप चैटबॉट भी आरंभ किया जा रहा है। हिम परिवार परियोजना एक पात्रता-आधारित प्रबंधन प्रणाली है, जिसे एक एकीकृत राज्य सामाजिक रजिस्ट्री के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह पहल सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के व्यापक प्रबंधन के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग में राज्य के दूरदर्शी दृष्टिकोण प्रदर्शित करती है। यह पहल पात्र नागरिकों के सामाजिक-आर्थिक डेटा का उपयोग करने, उन्हें सूचित करने और उन्हें सरकारी सेवाओं तक पहुंचाने में सहायक है। यह परियोजना भविष्य के कार्यक्रमों के लिए प्रभावी निर्णय लेने और नीति निर्माण के लिए भी डेटा उपलब्ध करवाएगी।
सीबीएसई बोर्ड ने दसवीं और बारहवीं परीक्षा की डेटशीट रिलीज करने से पहले एक अहम नोटिस जारी किया है। बोर्ड ने आगामी 10वीं और 12वीं परीक्षाओं 2024 के संबंध में जारी एक अहम सूचना में कहा है कि बोर्ड दसवीं और बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं में कोई ओवरऑल डिवीजन या डिस्टिंक्शन नहीं देगा। जारी नोटिस में कहा है कि बोर्ड परीक्षाओं में स्टूडेंट्स के मार्क्स कैलकुलेट करने के लिए क्या क्राइटेरिया रहेगा, इस संबंध में सीबीएसई को कई अनुरोध प्राप्त हो रहे थे। परीक्षा उपनियमों के अध्याय-7 के सब सेक्शन 40.1 (3) के अनुसार, कोई समग्र डिवीजन/डिस्टिंक्शन या एग्रीगेट नहीं दिया जाएगा। विदित रहे कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, सीबीएसई जल्द ही कक्षा 10वीं, 12वीं बोर्ड परीक्षा 2024 की डेट शीटजारी करेगा। संभावना है कि बोर्ड इसी महीने के आखिर में या फिर दिसंबर माह के सेकंड वीक तक टाइमटेबल जारी कर दे। सीबीएसई बोर्ड की इस बार भी फरवरी में आयोजित होनी है। बोर्ड की ओर से पहले जारी सूचना के अनुसार 15 फरवरी 2024 से परीक्षाएं शुरू होंगी। वहीं यह एग्जाम अप्रैल तक आयोजित किए जाएंगे। डेटशीट आधिकारिक वेबसाइट पर रिलीज की जाएगी। स्टूडेंट्स पोर्टल पर जाकर इसे पीडीएफ मोड में डाउनलोड कर पाएंगे।
-संजीवनी साबित हुई रैट होल माइनिंग -इस पर 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने लगा दिया था प्रतिबंध उत्तराखंड़ के उत्तरकाशी जिले में 12 नवंबर को सिल्क्यारा टनल में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे। मजदूरों को निकालने के लिए विदेशों से एक्सपर्ट बुलाए गए, बड़ी-बड़ी मशीनों से काम किया गया, लेकिन किसी न किसी वजह से ऑपरेशन रुकता रहा। जहां बड़ी-बड़ी मशीनें भी फेल हो गईं वहां काम आए इंसान के हाथ और 17 दिन में पहली बार मजदूरों तक पहुंचने में कामयाबी मिली। मजदूरों को निकालने के लिए की जा रहीं तमाम कोशिशों में रैट होल माइनिंग संजीवनी साबित हुई है। इसमें 12 माइनर्स की छोटी-छोटी टीमें अंदर भेजी गईं, एक माइनर मिट्टी खोदता गया तो दूसरा मलबा साफ करता और तीसरा मलबे को बाहर फेंकता गया। इस तरह धीरे-धीरे टनल खोद कर 41 मजदूरों तक पहुंचा गया। ये वही रैट होल माइनिंग है, जिसे 2014 में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने मजदूरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया था। दरअसल मेघालय में कोयला निकालने के लिए रैट होल माइनिंग का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता था, लेकिन माइन में नदी का पानी आने से कोल पिट में 15 माइनर्स फंसकर मर गए थे। तबसे एनजीटी ने इस प्रक्रिया को खतरनाक बताते हुए इस पर रोक लगा दी थी। आज इसी तकनीक से सिल्क्यारा टनल में रेस्क्यू ऑपरेशन सफल साबित हो पाया है।
-रेवाड़ी में भाई ने विधवा बहन के घर लगाया नोटों का ढेर -गिनते-गिनते थक गए लोग हरियाणा के रेवाड़ी शहर में एक व्यक्ति ने अपनी भांजी की शादी में हिंदू रीति रिवाज के तहत भरे जाने वाले भात (शगुन) में ऐसी मिसाल पेश की है कि उसकी चर्चा आसपास ही नहीं, बल्कि देशभर में हो रही है। विधवा बहन के घर भाई ने नोटों की गड्डियों का ढेर लगा दिया। उसने एक करोड़, 1 लाख, 11 हजार 101 रुपए कैश भात में दिए। इतना ही नहीं, करोड़ों रुपए के गहने भी दिए। इस भात में दिए गए कैश का वीडियो खूब चर्चा बटोर रहा है। दरअसल, रेवाड़ी के दिल्ली-जयपुर हाईवे से सटे गांव आसलवास निवासी सतबीर की बहन की शादी सिंदरपुर में हुई थी। वह काफी लंबे समय से गढ़ी बोलनी रोड स्थित पदैयावास के पास परिवार के साथ रहती है। सतबीर की इकलौती बहन के पति की काफी समय पहले मृत्यु हो गई थी। उसकी एक ही भांजी है। जिसकी शादी से पहले भाई की तरह भात की रस्म निभाने के लिए सतबीर अपने गांव के मौजिज लोगों के साथ बहन के घर पहुंचा। शाम को जब भात देने की रस्में निभानी शुरू की तो वहां मौजूद सभी लोग दंग रह गए। 500-500 के नोट की गड्डियों का सतबीर ने अपनी बहन के घर ढेर लगा दिया। पूरे 1 करोड़, 1 लाख, 11 हजार 101 के रुपए भात में कैश दिए गए। इसके अलावा करोड़ों रुपए के गहने और अन्य सामान भी सतबीर ने अपनी बहन और भांजी के लिए दिए। सतबीर का खुद का क्रेन का कारोबार है। वे गांव में ही परिवार के साथ रहते है।
** जहां फेल हो गईं बड़ी-बड़ी मशीनें, वहां काम आए इंसान के हाथ उत्तराखंड की सिल्क्यारा टनल में 12 नवंबर से फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने का काम शुरू हो चुका है। टनल के अंदर एम्बुलेंस के अलावा स्ट्रेचर और गद्दे पहुंचाए गए हैं। एनडीआरएफ की टीम दो घंटे के अंदर 16 दिन से फंसे 41 मजदूरों को टनल से बाहर लाएगी। टनल के पास बेस हॉस्पिटल है। यहां मजदूरों को प्राथमिक उपचार दिया जाएगा। इसके बाद इन्हें 30-35 KM दूर चिन्यालीसौड़ ले जाया जाएगा। जहां 41 बेड का स्पेशल हॉस्पिटल बनाया गया है। इस दौरान अगर किसी मजदूर की हालत खराब हुई, तो उन्हें फौरन एयरलिफ्ट कर AIIMS ऋषिकेश भेजा जाएगा। 12 नंवबर से सुरंग में फंसे थे 41 मजदूर उत्तराखंड़ के उत्तरकाशी जिले में 12 नवंबर को सिल्क्यारा टनल में काम कर रहे 41 मजदूर फंस गए थे। सुबह 5.30 बजे का समय था और मजदूर टनल में काम कर रहे थे, तभी अचानक से भूस्खलन हुआ, टनल का एक हिस्सा ढह गया। टनल ब्लॉक हो गई और 41 मजदूर इसमें फंस गए। मजदूरों को निकालने के लिए विदेशों से एक्सपर्ट बुलाए गए, बड़ी-बड़ी मशीनों से काम किया गया, लेकिन किसी न किसी वजह से ऑपरेशन रुकता रहा। जहां बड़ी-बड़ी मशीनें भी फेल हो गईं वहां काम आए इंसान के हाथ और 17 दिन में पहली बार मजदूरों तक पहुंचने में कामयाबी मिली।
-2025 की परेड में शामिल होगी हिमाचल की झांकी राजधानी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर रिपब्लिक डे की परेड में पिछले 4 सालों से हिमाचल को मौका नहीं मिला है और इस बार भी हिमाचल की झांकी देखने को नहीं मिलेगी। दरअसल ऐसे कई राज्य है जो बीते कई सालों से गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल नहीं हुए हैं। ऐसे में सभी राज्यों को बराबर का मौका मिले इसके लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को तीन वर्षों में से एक बार अपनी झांकी परेड में शामिल करने का मौका दिया है। नई व्यवस्था के तहत किसी भी राज्य की झांकी को तीन चरण में होने वाली छंटनी प्रक्रिया के दौरान बाहर नहीं किया जाएगा। राज्य जिस भी वर्ष के लिए अपनी झांकी को शामिल करने की प्राथमिकता देंगे, केंद्र सरकार उस राज्य की झांकी और बेहतर बनाने में मदद देगा। अब केंद्र सरकार ने 2024 से 2026 तक झांकी निकालने के लिए किसी एक वर्ष को चुनने का राज्यों से विकल्प मांगा थ। इसी कड़ी में हिमाचल सरकार ने वर्ष 2025 में अपनी झांकी को देने का फैसला किया है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार से समय पर सूचना न मिलने के कारण 2023 की परेड में झांकी शामिल करने का मौका हिमाचल के हाथ से चला गया था। इससे पहले 2019 में महात्मा गांधी की हिमाचल यात्रा की झांकी का प्रस्ताव भेजा गया था, रक्षा मंत्रालय ने हिमाचल की झांकी के मॉडल को भी खारिज कर दिया था फिर वर्ष 2021 में अटल टनल रोहतांग का मॉडल मंजूर नहीं हुआ और 2022 में धामी गोलीकांड विषय पर केंद्रित झांकी अंतिम चरण में बाहर हुई थी। अब हिमाचल सरकार ने 26 जनवरी 2025 की परेड में राज्य की झांकी को शामिल करने का फैसला किया है।
इंडियन प्रीमियर लीग की टीम गुजरात टाइटंस के कप्तान शुभमन गिल होंगे। फ्रेंचाइजी ने सोमवार को इसका ऐलान किया। ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या के टीम छोड़ने की वजह से यह बदलाव हुआ है। हार्दिक अगले सीजन में मुंबई इंडियंस की ओर से खेलते नजर आएंगे। मुंबई इंडियंस ने भी इसकी आधिकारिक घोषणा आज सोशल मीडिया पर की। वहीं, मुंबई इंडियंस ने कैमरून ग्रीन को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से ट्रेड कर दिया है। गिल आईपीएल 2023 में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बैटर थे। गिल ने 7 मैचों में 59.33 की औसत से 890 रन बनाए थे। 24 साल के गिल ने साल 2018 में आईपीएल डेब्यू किया था। उन्होंने अब तक कुल 91 मैचों में 2790 रन बनाए हैं। गुजरात टाइटंस की टीम आईपीएल में पहली बार 2022 सीजन में उतरी। टीम ने हार्दिक की कप्तानी में पहले सीजन में ही चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। 2023 के सीजन में भी गुजरात टीम फाइनल में पहुंची, जहां उसे चेन्नई सुपर किंग्स से हार का सामना करना पड़ा था। इतनी कामयाबी के बावजूद गुजरात की टीम और पंड्या का साथ छूटना फैंस और क्रिकेट एक्सपर्ट्स को हैरान कर रहा है।
** आज का दिन देश के लिए विशेष महत्वपूर्ण - पीएम मोदी आज पूरे देश में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। इस दिन को पहले राष्ट्रीय कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता था। 2015 में सरकार ने राष्ट्रीय कानून दिवस को बदलकर संविधान दिवस कर दिया। दरअसल, सन 1949 में 26 नवंबर के दिन ही भारत की संविधान सभा ने औपचारिक रूप से भारत के संविधान को अपनाया था। इसी दिन को हम हर साल संविधान दिवस के रूप में मनाते हैं। इस दिन हम संवैधानिक मूल्यों के प्रति नागरिकों में सम्मान की भावना को बढ़ावा देने के लिए यह दिवस मनाते हैं। साल 2015 में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष में संविधान दिवस की शुरुआत हुई। 26 नवंबर 2015 को समाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने संविधान दिवस के रूप में मनाने के केंद्र के फैसले को अधिसूचित किया था। - यह दिन हमारे लिए विशेष महत्वपूर्ण है: पीएम मोदी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 107वें संस्करण में देशवासियों को संविधान दिवस की बधाई दी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 26 नवंबर महत्वपूर्ण है। वर्ष 1949 में आज के ही दिन संविधान सभा ने भारत के संविधान को अंगीकार किया था। यह दिन हमारे लिए विशेष महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वर्ष 2015 में जब हम बाबा साहेब की 125वीं जयंती मना रहे थे, उसी समय यह विचार आया था कि 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाए और तब से हर वर्ष हम इस दिवस को संविधान दिवस के रूप में मना रहे हैं। उन्होंने देशवासियों को संविधान दिवस की बधाई दी।
** जब मुंबई के ताज पर हुआ था हमला 26 नवंबर 2008 ये वो तारीख है जिसे याद कर आज भी लोगों की आंखें भर आती है। आज भी उस दिन को याद कर रूह कांप उठती हैं। यह वो दिन था जब सपनों की नगरी मुंबई में पाकिस्तान से आए 10 आतंकियों के कदम पड़े थे। वो शाम भी हर रोज की तरह थी। हर कोई अपनी धुन में मस्त और रोज के कामों में व्यस्तस बाजारों में चहल-पहल थी। मरीन ड्राइव पर लोग समंदर से आने वाली ठंडी-ठंडी हवाओं का आनंद ले रहे थे। किसी को अंदाजा नहीं था कि, इसी समंदर के रास्ते मौत उनकी तरफ बढ़ रही है। पाकिस्तान के कराची से 10 आतंकी एक नाव के जरिए मुंबई के लिए निकले थे। समंदर के रास्ते में ही उन्होंने मुंबई में एंट्री की थी। इसके बाद जो हुआ वो मंजर लोग आज तक नहीं भूल पाए। सभी आतंकी 4-4 के समूहों में टैक्सी पकड़ी और अलग अलग जगहों पर चले गए। रात साढ़े 9 बजे छत्रपति शिवाजी टर्मिनल रेलवे स्टेशन पर आतंकियों का एक दस्ता पहुंचा। सभी के हाथों में एके-47 राइफलें थीं। उन्होंने वहां ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इन हमलावरों में अजमल कसाब भी शामिल था। जिसे सुरक्षाबलों ने जिंदा पकड़ लिया था, जिसे फांसी दी जा चुकी है। आतंकियों ने मुंबई की शाह कहे जाने वाले ताज होटल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया था। सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच तीन दिनों तक मुठभेड़ चलती रही थी। इसके बाद नएसजी कमांडोज को बुलाया गया। एनएसजी कमांडोज ने सभी आतंकियों को मार गिराया। उनकी बहादुरी के चलते भारत पर आया ये संकट टला। इस दर्दनाक घटना में कई लोगों ने अपनों को खोया था। लोग अपनों के जानें का दुख सहन नहीं कर पा रहे थे। इस घटना ने कई लोगों को आहत कर दिया था. जानकार बताते हैं कि लोग कई रात सो नहीं पाए थे। आज इस हादसे को 15 साल पूरे हो गए हैं। इस हमले में 18 सुरक्षाकर्मियों समेत 300 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मुंबई के इस हमले को पूरी दुनिया के सबसे बड़े आतंकी हमले में शामिल किया जाता है।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने आज प्रगति मैदान नई दिल्ली में आयोजित किए जा रहे इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर का दौरा किया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न स्टॉलों से फीडबैक लिया तथा हिमाचल मंडप प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के विकास, नवोन्मेषी प्रयासों, पहल तथा समृद्ध कला एवं संस्कृति को देश के सामने प्रदर्शित करने का अवसर प्राप्त हुआ है। उद्योग मंत्री ने उड़ीसा, असम, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा अन्य राज्यों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन एवं हस्तशिल्पियों से संवाद भी किया। उन्होंने विभिन्न उद्यमियों से हिमाचल में पर्यटन, उद्योग तथा अन्य क्षेत्रों में निवेश के लिए प्रोत्साहित भी किया। इस अवसर पर अवगत करवाया गया कि हिमाचल मंडप में अभी तक लगभग 80 हजार आगंतुक अपनी उपस्थिति दर्ज करवा चुके हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के ओएसडी केएस बांशटू भी उपस्थित थे। इससे पूर्व, आवासीय आयुक्त मीरा मोहन्ती, निदेशक उद्योग राकेश कुमार प्रजापति, अतिरिक्त निदेशक उद्योग सुरेन्द्र माल्टू व तिलक राज शर्मा, संयुक्त निदेशक ज्ञान सिंह चौहान और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने उद्योग मंत्री का स्वागत किया तथा ट्रेड फेयर की विस्तृत जानकारी दी।
प्रदेश सरकार के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि 16 से 31 दिसंबर तक दिल्ली में आयोजित होने वाले दिल्ली हाट में राज्य के विभिन्न उपक्रमों द्वारा 60 स्टॉल स्थापित किए जाएंगे, जिसमें से हिमक्रॉफ्ट निगम द्वारा 35 स्टॉल, हिमाचल प्रदेश विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं पर्यावरण परिषद द्वारा 5 स्टॉल और राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा 20 स्टॉल स्थापित किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त आगतुंकों को हिमाचल प्रदेश के पारंपरिक व्यंजन परोसने के लिए 5 अन्य स्टॉल भी स्थापित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि दिल्ली हाट में भाग लेने के इच्छुक कारीगरों और शिल्पियों को अपने विस्तृत विवरण, कला, हस्तशिल्प और अन्य गतिविधियों की जानकारी के साथ प्रबंध निदेशक, हिम क्राफ्ट और अन्य प्रतिभागी विभागों से संपर्क करना होगा। इसके दृष्टिगत एक कमेटी का गठन किया गया है, जो अंतिम निर्णय लेगी। हस्तशिल्पियों को रोजमर्रा के खर्च के लिए प्रति स्टॉल प्रति दो व्यक्ति 3000 रुपये की राशि प्रदान की जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि इस आयोजन का शुभारंभ 18 दिसंबर को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल करेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 30 दिसंबर को आयोजन के समापन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि शिरकत करेंगे। आयोजन के दौरान भाषा, कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश की समृद्ध संस्कृति पर आधारित सांस्कृति कार्यक्रमों की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र होगी।
** 2027 तक रोहित शर्मा 40, कोहली 39 के होंगे ** रोहित -विराट अगला वर्ल्ड कप खेलेंगे या नहीं, संशय बरकरार भारतीय फैंस के लिए क्रिकेट वर्ल्ड कप जीत पाने का सपना अब भी सपना ही रह गया। कप्तान रोहित शर्मा और अनुभवी विराट कोहली ने पूरा दम लगाया, लेकिन टीम को चैंपियन नहीं बना सके। 36 साल के रोहित और 35 साल के विराट के लिए वर्ल्ड कप जीतने का ये आखिरी मौका भी साबित हो सकता है। 2027 में अगला वर्ल्ड कप खेला जाएगा और संभव है कि तब तक रोहित और विराट क्रिकेट को अलविदा कह दें। टीम इंडिया को 12 साल बाद वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचाने वाले कप्तान रोहित शर्मा फिलहाल 36 और विराट कोहली 35 साल के हैं। 2027 का वर्ल्ड कप साउथ अफ्रीका, जिम्बाब्वे और नामीबिया में होगा। सब कुछ सही रहा तो टूर्नामेंट तय शेड्यूल के अनुसार फरवरी और मार्च महीने में खेला जाएगा। इस हिसाब अगले वर्ल्ड कप तक रोहित 39 और कोहली 38 साल के होंगे। टूर्नामेंट अगर सितंबर से नवंबर के बीच हुआ तो रोहित 40 और कोहली 39 साल के हो जाएंगे। बता दें की 21वीं सदी में भारत के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर रहे, जिन्होंने 40 साल 204 दिन की उम्र में अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच खेला था। उनके अलावा बैटर्स में राहुल द्रविड़ और महेंद्र सिंह धोनी ही ऐसे 2 भारतीय हैं, जो 38 साल से ज्यादा की उम्र पार करने के बाद भी खेलते रहे। गेंदबाजों में आशीष नेहरा और अनिल कुंबले ने 38 साल की उम्र में संन्यास लिया। 21वीं सदी में भारत के लिए 180 खिलाड़ियों ने तीनों फॉर्मेट का क्रिकेट खेला, लेकिन 5 ही खिलाड़ी 38 साल से ज्यादा की उम्र तक क्रिकेट खेल सके। अब रोहित और विराट अगला वर्ल्ड कप खेलेंगे या नहीं संशय बरकरार है।
** सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों का पहला फुटेज आया सामने आज उन 41 लोगो के परिवार वालों ने राहत की सांस ली होगी जो पिछले 10 दिनों से एक सुरंग में फंसे हुए है। पिछले 10 दिनों से ये भी नहीं मालुम था कि सुरंग के अंदर फंसे हुए ये लोग सुरक्षित है भी या नहीं। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिलक्यारा टनल में 41 मजदूरों का आज पहला वीडियो सामने आया है। यूँ तो मंगलवार सुबह 3 बजकर 52 मिनट पर टनल से मजदूरों का पहला फुटेज सामने आया गया था, लेकिन अब धीरे धीरे सोशल मीडिया पर भी ये राहत भरी वीडियो वायरल हो रही है। बीते 10 दिनों से जिन परिवार वालों कि आँखे इन्हे देखने के लिए तरस गयी थी आज उन आँखों में खुशियों के आंसू हो। सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन टीम ने सुरंग के अंदर एक छह इंच का पाइप डाला था, जिसके जरिए मजदूरों तक खाना भेजा गया. वहीं मजदूर किस हालात में हैं, उनकी तबीयत कैसी है, ये जानने के लिए इसी पाइप से एक एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरा भी भेजा गया, जिसमें सारे मजदूर दिखाई दे रहे हैं। इस टीम ने वॉकी-टॉकी के जरिए उनसे बात भी की और उनका हौसला भी बढ़ाया। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री NH पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग 12 नवंबर को सुबह लगभग 5 बजे ढह गई थी । सबसे पहले सिलक्यारा वाले मुहाने से 230 मीटर अंदर मलबा गिरा। इसके बाद 30 से 35 मीटर हिस्से में अचानक बहुत भारी मात्रा में मलबा गिरा इसके बाद से ही सुरंग के अंदर काम कर रहे 40 मजदूर अंदर फंसे हैं। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के विशाल भी फंसे हुए मजूदरों में शामिल हैं। पिछले 10 दिनों से विशाल के परिवार वालो को रो रो कर बुरा हाल है। अब ये फुटेज सामने आने के बाद विशाल के परिजनों ने भी राहत कि सांस ली होगी। उम्मीद जताई जा रही है कि अब जल्द ही इन मजदूरों को टनल से बहार निकाल लिया जायेगा।
वनडे वर्ल्ड कप 2023 का सबसे बड़ा मुकाबला यानी फाइनल आज मेजबान भारत और पांच बार की विश्व विजेता ऑस्ट्रेलिया के बीच खेला जाएगा। मैच दुनिया के सबसे बड़े क्रिकेट मैदान अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में दोपहर 2:00 बजे से शुरू होगा। टॉस 1:30 बजे होगा। इस बड़े मुकाबले के पहले और बीच में कई सारे इवेंट्स हैं। एयर शो और दुआ लीपा की परफॉर्मेंस के साथ ही और भी बहुत कुछ है। देश-विदेश की कई बड़ी शख्सियतें भी इस दौरान स्टेडियम में मौजूद रहने वाली हैं। अहमदाबाद के जिस नरेंद्र मोदी स्टेडियम में यह मुकाबला खेला जाना है, उसकी दर्शक क्षमता भी सवा लाख से ज्यादा है। ऐसे में इस मुकाबले के माहौल को शब्दों में बयां कर पाना असंभव ही होगा। अब तक हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल्स में शायद यह सबसे भव्य आयोजन साबित हो।
नई दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में हिमाचल के उत्पादों की बिक्री में वृद्धि दर्ज की जा रही है। 14 से 27 नवम्बर तक आयोजित इस ट्रेड फेयर में हिमाचल मंडप स्थापित किया गया है जिसका उद्घाटन आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती द्वारा किया गया। मंडल में 14 स्टॉल स्थापित किए गए हैं। इनमें विशुद्ध हिमाचली उत्पाद बिक्री के लिए रखे गए हैं। विशेष तौर पर हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पाद, फल उत्पाद के अलावा कांगड़ा चाय, सीबकथोर्न इत्यादि लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। आगन्तुक सिरमौर ज़िले के मैसर्ज डिलमन डेलिकेसी द्वारा तैयार चीड़ की पत्तियों पर आधारित लीवर डेटॉक्स व अन्य उत्पादों के प्रति भी खासी रूचि दिखा रहे हैं। इन उत्पादों को बढ़ते प्रदूषण से शरीर पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों को कम करने में कारगर माना जा रहा है। हिमाचली उत्पादों के लिए विदेशों से भी आपूर्ति आदेश प्राप्त हो रहे हैं। उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक व हिमाचल पैवेलियन के निदेशक ज्ञान सिंह चौहान ने बताया कि विभाग द्वारा अपने कैंप ऑफिस में इन उत्पादों की बिजनेस नेटवर्किंग की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई के दूरदर्शी मार्गदर्शन के तहत टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड द्वारा कर्नाटक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के विकास के लिए 9 नवंबर को बैंगलोर में केपीसीएल (कर्नाटक पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड) और केआरईडीएल (कर्नाटक नवीकरणीय ऊर्जा विकास लिमिटेड) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इन सहयोगात्मक प्रयासों में विभिन्न प्रकार की परियोजनाओं का विकास शामिल है, जिसमें भूमि पर मांउट करके स्थापित की जाने वाली, फ्लोटिंग सौर परियोजनाएं और पंप स्टोरेज परियोजनाओं सहित हाइब्रिड परियोजनाएं शामिल हैं, जिनकी संचयी क्षमता लगभग 3270 मेगावाट हैं। कर्नाटक सरकार ऊर्जा मंत्री केजे जॉर्ज अपनी गरिमामयी उपस्थिति के साथ समारोह की शोभा बढ़ाई। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने कहा कि यह रणनीतिक गठबंधन न केवल स्वच्छ ऊर्जा के प्रति टीएचडीसीआईएल की प्रतिबद्धता दर्शाता है, बल्कि कर्नाटक की अग्रणी विद्युत संस्थाओं के सहयोग से इस क्षेत्र के विद्युत परिदृश्य के लिए एक आशाजनक प्रगतिगामी मार्ग भी प्रशस्त करता है। केपीसीएल का प्रतिनिधित्व करते हुए, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा एवं केपीसीएल के प्रबंध निदेशक गौरव गुप्ता एवं और केआरईडीएल की ओर से केपी रुद्रप्पैया, प्रबंध निदेशक, केआरईडीएल द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की ओर से भूपेंद्र गुप्ता, निदेशक (तकनीकी) द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। इस अवसर पर विजय कुमार, विशेष अधिकारी समन्वय, संदीप सिंघल, सीजीएम (एनसीआर) और मल्लिकार्जुन, डीजीएम भी उपस्थित थे। टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड में 30 अक्टूबर से 6 नवंबर तक निगम की सभी परियोजनाओं एवं कार्यालयों में सतर्कता जागरूकता सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष के सतर्कता जागरूकता सप्ताह की थीम 'भ्रष्टाचार का विरोध करें; राष्ट्र के प्रति समर्पित' रहे है। टीएचडीसीआईएल में सतत आजीविका एवं सामुदायिक विकास केंद्र, ऋषिकेश के तक्षशिला हॉल में एसजेवीएन एवं टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए क्षमता-निर्माण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने इस कार्यक्रम के आयोजन पर अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दंी और कहा कि यह कार्यक्रम सतर्क और जवाबदेह भविष्य के लिए टीएचडीसी और एसजेवीएन की प्रतिबद्धताओं को दर्शाता है। विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल ने सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्यों को पूरा करने का भरसक प्रयास किया है और भारत में सभी को चौबीस घंटे सस्ती बिजली उपलब्ध कराने हेतु लक्ष्य में हमेशा ईमानदारी और पारदर्शिता के उच्चतम मानकों को बनाए रखा है। कार्यक्रम का उद्घाटन उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों श्री अशोक कुमार, मुख्य तकनीकी परीक्षक (इलेक्ट्रिकल विंग), सीवीसी, नई दिल्ली, श्री शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक), टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड एवं श्री प्रेम प्रकाश (आईओएफएस), सीवीओ, टीएचडीआईएल एवं एसजेवीएन के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अपने अभिभाषण के दौरान अशोक कुमार, मुख्य तकनीकी परीक्षक (इलेक्ट्रिकल विंग) ने सार्वजनिक खरीद के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में बताया। उन्होंने खरीदारी करने वाले अधिकारियों की अनिवार्य जिम्मेदारियों, सार्वजनिक खरीद में जोखिम प्रबंधन रणनीतियों और व्यापक निविदा प्रक्रिया पर भी प्रकाश डाला। कुमार ने सार्वजनिक खरीद की जटिलताओं, खरीद अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका और जोखिम कम करने के उपायों को उजागर किया। उन्होंने खरीद के क्षेत्र में इसके महत्व को रेखांकित करते हुए व्यापक निविदा प्रक्रिया में बहुमूल्य अंतर्दृष्टि प्रदान की। शैलंद्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने अपने संबोधन में खरीद प्रक्रिया में सतर्कता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि सतर्कता जागरूकता सप्ताह भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई और नैतिकता और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों को बनाए रखने की सामूहिक जिम्मेदारी है। सिंह ने कहा कि बढ़ती जटिलता और परस्पर वैश्विक निर्भरता के युग में, खरीदारी का कार्य संगठनों के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, चाहे वह सार्वजनिक या निजी क्षेत्र में हो। यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि यह प्रक्रिया नैतिकता और सत्यनिष्ठा के उच्चतम मानकों का पालन करते हुए अत्यंत परिश्रम से संचालित की जाए। टीएचडीआईएल एवं एसजेवीएन के सीवीओ प्रेम प्रकाश (आईओएफएस) ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए खरीद में सत्यनिष्ठा और जवाबदेही के उपायों को कायम रखने के सर्वोपरि महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये मूल सिद्धांत न केवल पारदर्शिता और विश्वास सुनिश्चित करते हैं बल्कि सार्वजनिक संसाधनों के जिम्मेदारी पूर्ण आवंटन में भी योगदान देते हैं, जिससे ऐसी खरीद प्रक्रिया को बढ़ावा मिलता है जो शासन और नैतिक आचरण के उच्चतम मानकों के अनुरूप होती है।
-'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम में हिमाचल की रही शानदार भागीदारी 'मेरी माटी, मेरा देश' कार्यक्रम के अंतर्गत वीरभूमि हिमाचल के गांवों की मिट्टी लेकर दिल्ली पहुंचे 143 युवाओं ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा एवं खेल मामलों के मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर के साथ कर्तव्य पथ पर विशाल कलश में अर्पित की। इसी विशाल कलश की मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान का निर्माण होगा। इस दौरान मीडिया कर्मियों से वार्तालाप करते हुए ठाकुर ने बताया कि हमारी वीरभूमि हिमाचाल वीरों की जननी है, वीरों की भूमि है। वीरभूमि हिमाचल प्रदेश बलिदानियों की भूमि है। यहां गांव के गांव हमारे वीरों के किस्सों से पटे पड़े हैं। मेरी माटी मेरा देश हमारे शहीदों, स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम नायकों को याद करने का उन्हें श्रद्धांजलि देने का प्रयास है। मेरी माटी, मेरा देश आजादी के अमृत महोत्सव का अंतिम कार्यक्रम है। पूरे देश ने पिछले दो वर्षों में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया। लाखों कार्यक्रम हुए, करोड़ों लोग इससे जुड़े। माननीय प्रधानमंत्री जी ने मेरी माटी, मेरा देश कार्यक्रम की शुरुआत करने को कहा तो पूरे देश के 6 लाख से ज्यादा गांवो और 7500 ब्लॉक्स में अमृत कलश यात्राएं निकलीं और मिट्टी इक_ा की गई और हिमाचल प्रदेश ने भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया। पूरे देश से इक_ी की गई इस मिट्टी से कर्तव्य पथ पर अमृत उद्यान बनेगा। आज विजय चौक से लेकर इंडिया गेट तक युवाओं का हुजूम देश की मिट्टी को नमन और वीरों का वंदन करने हेतु जमा है। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम का विधिवत समापन कर देशवासियों को संबोधित करेंगे। आज कर्तव्य पथ पर आपकी विशाल कलश देख सकते हैं जिसमें पूरे देश के 6 लाख गांव से आई मिट्टी रखी गई है।तमिलनाडु से लेकर जम्मू कश्मीर तक और नागालैंड से लेकर गुजरात तक संपूर्ण देश के युवाओं में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी है। आज तपती धूप में पूरे देश से युवा नई दिल्ली में एकत्रित हैं। हाथों में तिरंगा लिए युवाओं का जोश देखते ही बनता है।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार शाम एम्स पहुंचे। उन्होंने यहां उपचाराधीन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की पत्नी कमलेश ठाकुर से मुलाकात की और मुख्यमंत्री के स्वास्थ्य के बारे में जाना। गहलोत ने सुखविंदर सिंह के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है। बता दें कि मुख्यमंत्री अभी आईसीयू में हैं, स्वास्थ्य बेहतर होने के बावजूद गेस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने उन्हें निगरानी में रखा हुआ है। उनसे मिलने की किसी को इजाजत नहीं है।
विश्व हिंदू परिषद चंडीगढ़ ने आज महाजन भवन सेक्टर 37 चंडीगढ़ में सभी समाज के व्यक्तियों को एकत्रित कर समरसता युक्त हिंदू समाज अपना दृष्टिकोण संगोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें कार्यक्रम अध्यक्ष बलजीत सिंह संधू आईपीएस, पूर्व डीजीपी हरियाणा, मुख्य अथिति डॉ. देव सिंह अद्दति धर्मगुरु योगी छोटू नाथ मिया मंडल वाले, प्रेम शम्मी अध्यक्ष उत्तर भारत अनुसूचित जन जाति भलाई संगठन, मुकेश जी खांडेकर उत्तर क्षेत्रीय संगठन मंत्री, पंजाब प्रांत मंत्री सुनील, पंजाब प्रांत संगरक्षक कर्नल धर्मवीर और विनायक राय देशपांडे और केंद्रीय संगठन मंत्री विश्व हिंदू परिषद का विशेष रूप से उद्धोधन प्राप्त हुआ। इस मौके पर विश्व हिंदू परिषद जिला मंत्री अंकुश गुप्ता ने बताया कि इस पहल में सभी उपस्थिति प्रमुखों ने जुड़ाव और सभी पंथों, मठों के प्रमुखों ने यह संकल्प बढ़ाया है कि हम सभी जात बिरादरी, भेदभाव को मिटा कर एकता बनाकर सनातन का प्रचार करेंगे। इस मौके पर विभाग मंत्री प्रदीप शर्मा ने कार्यक्रम अध्यक्ष एवं मुख्य वक्ता को स्मृति चिन्ह भेंट कर धन्यवाद किया। इस कार्यक्रम में विहिप से विशेष रूप से चंडीगढ़ विभाग मंत्री प्रदीप शर्मा, जिला मंत्री अंकुश गुप्ता, उपाध्यक्ष दविंदर सिद्धू, बजरंगदल संयोजक राकेश उप्पल, गो रक्षा सहमंत्री पंजाब प्रांत अनुज कुमार सहगल, कोषाध्यक्ष राकेश चौधरी, विद्यार्थी प्रमुख संयम, राजन, सुरक्षा प्रमुख गौरव, मनदीप, सुनील बागड़ी, रविंद्र, अलका, अनूप सरीन, राकेश शर्मा, दीपक शर्मा एवं विभिन्न समाज के गणमान्य लोगों की उपस्थिति रही।
टीएचडीसीआईएल और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), रूड़की ने विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण मील के पत्थर के रूप में सहयोगात्मक पहल स्वरूप एमओयू पर हस्ताक्षर किए। यह जानकारी अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड आर. के. विश्नोई ने दी। उन्होंने बताया कि यह समझौता ज्ञापन अनुसंधान गतिविधियों को व्या पक रूप से संचालित करने में दोनों संस्थानों की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिसमें ऊर्जा संरक्षण, लायन स्टोरेज बैटरी के विकल्प, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए नैनो तकनीक, हरित हाइड्रोजन, भू-तापीय प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन, अपशिष्ट प्रबंधन और पुनर्चक्रण, जल प्रबंधन और संरक्षण, भंवर प्रेरित कंपन, सुरंग बनाने की तकनीक, जैव ईंधन, ग्रिड स्थिरता में सुधार, और विभिन्न प्रकार के अन्य संबधित क्षेत्र, जो संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास के लक्ष्यों (एसडीजी) के दायरे में आते हैं शामिल किये गये हैं। विश्नोई ने कहा कि यह सहयोग 'विकसित भारत'-विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, औद्योगिक और शैक्षणिक क्षेत्र के बीच की दूरी को कम करने के व्यापक लक्ष्य के साथ, मौलिक और ट्रांसलेशनल अनुसंधान दोनों के लिए है। इस समझौता ज्ञापन में निर्धारित किए गए सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बताते हुए, आर.के. विश्नोई ने कहा, कि "टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और आईआईटी रूड़की के बीच यह सहभागिता औद्योगिक अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण पहल का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें विभिन्न औद्योगिक और कार्यक्षेत्र के लिए अभूतपूर्व समाधान प्रदान करने की क्षमता है।" आईआईटी, रूड़की के निदेशक प्रोफेसर के.के.पंत ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन विभिन्न उद्योगों और कार्यक्षेत्र में अभूतपूर्व समाधानों को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इस सहयोग के माध्यम से, हमारा लक्ष्य शिक्षा और उद्योग के बीच की दूरी को कम करके, बुनियादी और ट्रांसलेशनल अनुसंधान दोनों को सुविधाजनक बनाना और 'विकसित भारत' - एक विकसित भारत के हमारे साझा दृष्टिकोण में योगदान देना है। आईआईटी रूड़की के डीन, प्रायोजित अनुसंधान और औद्योगिक सलाहकार प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी ने कहा कि ''सहयोगात्मक अनुसंधान और विकास के लिए टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड का सहयोगी बनना आईआईटी रूड़की के ज्ञान और नवाचार को आगे बढ़ाने की स्थायी प्रतिबद्धता का प्रमाण है। इस सहयोग के माध्यहम से हम अध्ययन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में प्रगति लाने के लिए अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अनुसंधान सुविधाओं का लाभ उठा पायेंगे। हम अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में मौजूदा अग्रणी समाधानों को सुविधाजनक बनाने एवं एक-दूसरे की ताकत को पहचानने और विकसित करने के लिए उत्साहित हैं। समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर टीएचडीसीआईएल के आर.एंड डी. विभाग के विभागाध्यक्ष एस.के.चौहान एवं आईआईटी रूड़की के डीन, प्रायोजित अनुसंधान और औद्योगिक सलाहकार प्रोफेसर अक्षय द्विवेदी द्वारा हस्तारक्षर किए गए। बता दें कि टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झाँसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।
राजस्थान में कांग्रेस ने 200 में से अब तक 76 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का एलान कर दिया है। कांग्रेस ने अपनी पहली सूची में 33 उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की थी। इसमें सीएम अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी का नाम शामिल था। वहीँ रविवार को 43 प्रत्याशियों की दूसरी सूची जारी हुई। इस सूची में 15 मंत्री भी शामिल है। पार्टी ने अब तक दो सूची में 20 मंत्रियों को टिकट दिया है, लेकिन गहलोत के खास तीन चेहरे अब तक टिकट से वंचित हैं। इनमें मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी भी शामिल हैं। दरअसल, बताया जा रहा हैं कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी पिछले साल 25 सितंबर की घटना को नहीं भूले हैं। तब राजस्थान में पार्टी विधायकों के एक गुट की बगावत के कारण पार्टी के पर्यवेक्षकों को कांग्रेस विधायक दल की बैठक किए बिना राष्ट्रीय राजधानी लौटना पड़ा था। तब मोर्चा सँभालने वालो में आगे गहलोत के ये ही ख़ास मंत्री थे। तब शांति धारीवाल ने पार्टी आलाकमान के खिलाफ विद्रोह का नेतृत्व किया था। उस दौरान सोनिया गांधी, जो उस समय पार्टी की अंतरिम प्रमुख थीं, ने खरगे और अजय माकन को पर्यवेक्षकों के रूप में राजस्थान में कांग्रेस विधायकों की बैठक आयोजित करने के लिए भेजा था, इन खबरों के बीच कि गहलोत को उनके पद से हटाकर पार्टी प्रमुख बनाया जा सकता है। हालांकि, पार्टी विधायकों की बैठक नहीं हो पाने के बाद पर्यवेक्षक दिल्ली लौट गए। बैठक से पहले, गहलोत के करीबी माने जाने वाले विधायकों ने धारीवाल के नेतृत्व में मुलाकात की, जिसे गहलोत के वफादार को उनके उत्तराधिकारी के रूप में चुनने के लिए आलाकमान को एक संदेश के रूप में देखा गया। सूत्रों की माने तो बीते दिनों हुई कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में टिकट वितरण के समय जैसे ही शांति धारीवाल का नाम चर्चा में आया, वैसे ही सोनिया गांधी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। सोनिया ने कहा कि "ये वही व्यक्ति हैं न..इनका नाम सूची में कैसे है। इनपर तो भ्रष्टाचार के आरोप हैं न?" कहते हैं मैडम सोनिया के इस सवाल पर बैठक रूम में कुछ देर तक सन्नाटा पसर गया। सीएम अशोक गहलोत ने सफाई दी लेकिन तभी राहुल गांधी ने कहा भारत जोड़ो यात्रा के दौरान इनके खिलाफ कई शिकायतें मिली थीं। राहुल गांधी ने 25 सितंबर की वह बात भी याद दिला दी और सूत्रों की मानें तो उन्होंने कहा- "ये वही शांति धारीवाल हैं न जिन्होंने कहा था...कौन आलाकमान?" इसके बाद एक बार फिर उस मीटिंग रूम में सन्नाटा पसर गया। बहरहाल मंत्री शांति धारीवाल और महेश जोशी को अब तक टिकट नहीं मिला हैं, हालाँकि इनके टिकट अब ट्रक कटे भी नहीं हैं। अब गहलोत अपने इन ख़ास सिपहसलहारों को टिकट दिलवा पाते हैं या आलाकमान के मन में टीस बरक़रार रहती हैं, ये देखना रोचक होगा।
टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशकआरके विश्नोई ने बताया कि टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), दिल्ली ने 12 अक्टूबर को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके अंतर्गत विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए सहयोगात्मक साझेदारी स्थापित की गई है। उन्होंने आगे बताया कि एमओयू के अनुसार, टीएचडीसीआईएल आईआईटी दिल्ली के संकाय सदस्यों के नेतृत्व में अनुसंधान अध्ययन, पायलट प्रोजेक्ट और परामर्श कार्य संचालित करने के लिए कार्य करेगा। एमओयू में इस सहयोगात्मक गठबंधन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर विस्तार से बताते हुए विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल, आईआईटी दिल्ली के साथ अनेक सहयोगात्मक परियोजनाएं शुरू करेगी और संस्थान में एक रिसर्च ग्रुप को इस कार्य में लगाएगी। ये सहयोगात्मक अनुसंधान क्षेत्रों के व्यापक स्पेक्ट्रम को शामिल करेंगे, जिनमें ऊर्जा संरक्षण, लिथियम-आयन भंडारण बैटरी के विकल्प, इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी के लिए नैनो टेक्नोलॉजी, हरित हाइड्रोजन, भू-तापीय प्रौद्योगिकी, जलवायु परिवर्तन के मुद्दे, अपशिष्ट प्रबंधन / रीसाइक्लिंग, पानी शामिल हैं। इनके साथ ही इसमें प्रबंधन/संरक्षण, भंवर-प्रेरित कंपन, सुरंग बनाने की तकनीक, जैव ईंधन, ग्रिड स्थिरता में सुधार और विभिन्न अन्य प्रासंगिक क्षेत्र भी शामिल होंगे। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आरके विश्नोई ने आगे कहा कि टीएचडीसीआईएल परिचालन व्यय और अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों की लागत के लिए व्यापक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह सहयोग आईआईटी दिल्ली को पारस्परिक रूप से सहमत शर्तों पर अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को निरंतर शुरू करने के लिए सशक्त बनाएगा, जिससे सहयोगात्मक अनुसंधान प्रयासों में उनके बढ़ते ज्ञान की महत्पूर्ण भूमिका रहेगी। एमओयू के अनुसार, आईआईटी दिल्ली आवश्यक बुनियादी ढांचागत सहायता और वैज्ञानिक, इंजीनियरिंग और तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगा। ये संसाधन संस्थान की शैक्षणिक गतिविधियों के साथ तालमेल बिठाते हुए अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने में सहायक होंगे। प्रोफेसर नरेश भटनागर, डीन (आर एंड डी), आईआईटी दिल्ली ने इस क्षेत्र में आईआईटी दिल्ली की वैज्ञानिक और इंजीनियरिंग क्षमताओं पर भरोसा करने और बैटरी, संचार और रोबोट एप्लिकेशन आदि के क्षेत्रों में परियोजनाओं को चालू करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने हेतु टीएचडीसीआईएल प्रबंधन को हार्दिक धन्यवाद दिया। भविष्य में, टीएचडीसीआईएल द्वारा आवश्यकता पड़ने पर आईआईटी दिल्ली कई और क्षेत्रों को भी कवर करेगा। इस साझेदारी के प्रभाव को मजबूत करने के लिए, आईआईटी दिल्ली, टीएचडीसीआईएल के सहयोग से, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ जुड़ने के लिए अपनी विशेषज्ञता का लाभ उठाएगा। इस सहभागिता का उद्देश्य बुनियादी और ट्रासंलेशनल रिसर्च सोल्यूशन दोनों हैं। इसके अतिरिक्त, संस्थान प्रासंगिक विषयों से अधिक संकाय सदस्यों को कार्य में जुटाएगा और सहयोगी गतिविधियों को प्रभावी ढंग से प्रसारित करेगा। एसके चौहान, विभागाध्यक्ष (आरएंडडी), टीएचडीसीआईएल और आईआईटी दिल्ली के डीन (आरएंडडी) प्रोफेसर नरेश भटनागर ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। यह समझौता पांच साल के लिए किया गया है। विश्नोई ने कहा कि टीएचडीसीआईएल और आईआईटी दिल्ली के बीच यह सहयोगी उद्यम अनुसंधान, नवाचार और तकनीकी उन्नति के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसमें विभिन्न उद्योगों और डोमेन के लिए अभूतपूर्व समाधान प्रदान करने की क्षमता है। टीएचडीसीआईएल 1587 मेगावाट की संस्थापित क्षमता के साथ देश के प्रमुख बिजली उत्पादकों में से एक है, जिसका श्रेय इसकी प्रचालनाधीन परियोजनाओं को जाता है जिनमें उत्तराखंड में टिहरी बांध और एचपीपी (1000 मेगावाट), कोटेश्वर एचईपी (400 मेगावाट), गुजरात के पाटन और द्वारका में क्रमश: 50 मेगावाट और 63 मेगावाट की पवन ऊर्जा परियोजनाएं और उत्तर प्रदेश के झांसी में 24 मेगावाट की ढुकवां लघु जल विद्युत परियोजना तथा केरल के कासरगोड में 50 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजना शामिल हैं।


















































