आजादी दिवस के अवसर पर प्रजातन्त्र का चौथा स्तम्भ अपमानित : बंबर ठाकुर
इस समय देश और प्रदेश में तानाशाही और हिटलरशाही चल रही है जिसका उदाहरण पिछले दिन उस समय मिला जब 15 अगस्त को आजादी के 74वें स्वतन्त्रता दिवस के अवसर पर प्रजातन्त्र का चौथा स्तम्भ माने जाने वाले पत्रकारों को आमंत्रित करके समारोह स्थल पर बैठने तक का प्रबंध न करके सार्वजनिक रूप से उन्हें अपमानित किया गया । यह शब्द आज यहाँ पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व विधायक बंबर ठाकुर ने कहे। उन्होंने कहा कि मुख्यातिथि के रूप में पधारे मंत्री के सामने पत्रकारों को समारोह स्थल पर बैठने का प्रबंध न किए जाने के कारण उन्हें सभी उपस्थित लोगों के सामने भूमि पर बैठना पड़ा जो शर्मनाक और निंदनीय है । बंबर ठाकुर ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि मंत्री के सामने पत्रकारों को अपमानित किया गया और उन्होने इस गंभीर लापरवाही और तानाशाही पूर्ण कृत्य के लिए जिला प्रशासन को पूछा तक नहीं। उन्होंने कहा कि पत्रकार ही हैं जो सरकार और सरकार की विभिन्न योजनाओं और कार्यकलापों को जन-जन तक पहुंचाते हैं और निर्धनों और अतिनिर्धनों सहित समाज के हर वर्ग से होने वाले अन्यायों के विरुद्ध जोरदार आवाज उठा कर उन्हें न्याय दिलाने में विशेष भूमिका निभाते हैं। बंबर ठाकुर ने कहा कि पत्रकारों ने निर्भीकता व निष्पक्षता से कोरोना काल में प्रदेश में हुए सेनेटाईजर और पी पी ई किट घोटाले सहित कितने ही घोटालों को उजागर किया है। अब यदि पत्रकारों द्वारा सरकार और प्रशासन की पोल जनता के सामने खुलने से वे आहत होकर उनसे इस प्रकार का व्यवहार कर रहे हैं, तो उसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जा सकता है। बंबर ठाकुर ने आरोप लगाया है कि जिला प्रशासन पत्रकारों से अपनी खुन्नस निकालने के लिए उनसे ऐसा व्यवहार कर रहा है, अन्यथा कोई कारण नहीं है कि हर बार की तरह इस समारोह में भी उनके बैठने का प्रबंध न किया होता। उन्होंने कहा कि वास्तव में पत्रकारों को डराने-धमकाने के उदेश्य से जानबूझ कर ऐसा किया गया लगता है ,ताकि भविष्य में वे सरकार और जिला प्रशासन के गलत कृत्यों के विरुद्ध अपनी कलम को न चला पाएँ। उन्होंने कहा कि इस समारोह में विरोध पक्ष के नेताओं तक को आमंत्रित नहीं किया गया था। जबकि पूर्व विधायक होने के नाते उन्हें भी इस समारोह से दूर रखने के प्रयासों में आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है और कहा है कि यदि उसने अपना रवैया न बदला और जिला में भ्रष्टाचारियों पर नुकेल नहीं कसी तो उसके गंभीर परिणाम होंगे, जिसका सारा उत्तरदाईत्व भी उन्हीं पर होगा।