सीमेंट प्लांट विवाद : तमाम प्रयासों के बावजूद नतीजा सिफर
** दो आह से अधिक समय बीता, नहीं सुलझा विवाद
हिमाचल प्रदेश में अदाणी समूह के सीमेंट प्लांट को बंद हुए दो महीने से ज़्यादा समय बीत चुका है लेकिन अब तक इस विवाद का समाधान नहीं निकला है। कई बैठकें, कई चर्चाएं अब तक हो चुकी है, मगर सब बेनतीजा रही। हिमाचल प्रदेश सरकार की तरफ से उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान दोनों पक्षों के बीच समन्वय स्थापित करने की कोशिश कर चुके है, मगर अब तक गतिरोध थम नहीं पाया है। खुद सीएम सुक्खू लगातार अपडेट ले रहे है। यानी प्रयास तो खूब हुए है लेकिन नतीजा सिफर रहा है।
सीमेंट प्लांट विवाद को लेकर ट्रक ऑपरेटर यूनियन के प्रतिनिधियों का कहना है कि अदाणी समूह अड़ियल रवैया अपनाए हुए है, तो वहीं अदाणी समूह का भी ट्रक ऑपरेटर्स के लिए कुछ ऐसा ही कहना है। इस विवाद के चलते प्रदेश के सैकड़ों ट्रक ऑपरेटरों की आमदनी बंद हो गई है। इस सीमेंट प्लांट से करीब एक लाख लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है।
बिलासपुर जिला ट्रक ऑपरेटर सहकारी सभा बरमाणा का कहना है कि वर्तमान में ऑपरेटरों पर सरकारी बैंकों और निजी फाइनेंस कंपनियों का 98 करोड़ रुपये का कर्ज है। हालात यह हैं कि ऑपरेटर जिन पेट्रोल पंपों से गाड़ियों में डीजल भरवाते थे, उनकी भी पांच करोड़ की देनदारी है। प्लांट बंद होने के बाद उम्मीद थी कि जल्द सरकार इसका समाधान करेगी, लेकिन दो माह बाद भी मुद्दे को सुलझाया नहीं गया। सरकार की मध्यस्थता के बाद भी अदाणी समूह अपनी शर्तों पर अड़ा है।
सीमेंट प्लांट विवाद की वजह से न केवल ट्रक ऑपरेटर यूनियन को नुकसान हो रहा है, बल्कि अदाणी समूह और हिमाचल प्रदेश सरकार भी नुकसान झेल रही है। सीमेंट प्लांट बंद होने की वजह से हिमाचल प्रदेश सरकार को रोजाना दो करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। जाहिर है प्रोडक्शन बंद होने से अडानी समूह को भी आर्थिक घाटा तो हो ही रहा है। अदाणी समूह का इन प्लांटों में अरबों का निवेश है। बहरहाल सवाल ये ही है कि जब सबको नुक्सान है तो समाधान क्यों नहीं हो पा रहा।
ये है मामला :
अदाणी समूह ने बीते 14 दिसंबर, 2022 को सीमेंट ढुलाई दरें अधिक होने का तर्क देकर एसीसी बरमाणा व अंबुजा प्लांट दाड़लाघाट को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया था। अब तक दोनों पक्षों के बीच कई दौर की वार्ता निष्फल रही है।
यहाँ अटका है पेंच :
अदाणी समूह की ओर से माल ढुलाई दरों को साढ़े आठ रुपये से 10 रुपये प्रति किलोमीटर तक रखा जाने का प्रस्ताव है, जिसे मानने पर ट्रक आपरेटर तैयार नहीं है। अंबुजा सीमेंट दाड़लाघाट से जुड़े आपरेटरों का कहना है कि वह 10.71 रुपये प्रति किलोमीटर से कम दर पर ढुलाई नहीं करेंगे। वहीँ एसीसी प्लांट से जुड़े आपरेटरों ने 12.04 रुपये किराये की मांग रखी है। ऐसे में सहमति नहीं बन पा रही है।
नोटिस थमा सकती है सरकार : जानकार मानते है कि नतीजा न निकलने पर हिमाचल प्रदेश सरकार कंपनी को कारपोरेट कानून के तहत नोटिस थमा सकती है। बताया जा रहा है कि इस संबंध में सरकार ने कानूनी राय ली है।