वंशवाद : पिता के बाद बेटे भी बने मुख्यमंत्री
वंशवाद भारत की राजनीति में किस हद तक हावी है, इसका नमूना अब करीबन हर राज्य और अधिकतर राजनीतिक दलों में दिखाई पड़ रहा है। लोकतंत्र के समानांतर राजशाही की झलक भी मिलने लगी है। हिंदुस्तान में वंशवाद को बढ़ाने का आरोप सबसे पहले नेहरू गांधी परिवार पर लगता है क्योंकि इस परिवार के तीन सदस्य, पंडित जवाहर लाल नेहरू, बेटी इंदिरा गांधी और इंदिरा के बेटे राजीव गांधी, देश के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। आज भी कांग्रेस में गांधी परिवार ही हावी है। राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी, बेटे राहुल गांधी और बेटी प्रियंका वाड्रा कांग्रेस की इस परंपरा को आगे बढ़ाने में जी जान से जुटे हैं। दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस की आलोचना करने वाले लगभग सभी राजनीतिक दल भी वंशवाद से गुरेज नहीं करते। आज वामपंथियों को छोड़ लगभग सभी दलों ने इसे बेझिझक वंशवाद को अपना कर एक नई प्रथा सी कायम कर दी है। हालहीं में एम के स्टालिन तमिलनाडु के मुख्यमंत्री बने हैं, जिनके पिता एम करूणानिधि भी तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे हैं। इनके अतिरिक्त भी देश में कई पिता - पुत्र की जोड़ियां रही हैं जिन्होंने बतौर मुख्यमंत्री अपने -अपने राज्यों में सत्ता भोगी हैं।
जम्मू-कश्मीर : तीन पीढ़िया पहुंची सत्ता के शीर्ष पर
अब केंद्र शासित प्रदेश बन चूका जम्मू कश्मीर देश का एकलौता ऐसा राज्य रहा हैं जहाँ तीन पीढ़ियां सत्ता के शीर्ष पर पहुंची हैं। अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियों ने मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य हासिल किया। शेख अब्दुल्ला 2 बार मुख्यमंत्री रहे और 1982 में उनके हटने के तुरंत बाद उनके बेटे फारुख अब्दुल्ला मुख्यमंत्री बन गए। वह तीन बार सीएम बने। इसके बाद फारुख के बेटे उमर अब्दुल्ला भी मुख्यमंत्री बने।
मध्यप्रदेश : प्रथम मुख्यमंत्री के बेटे भी बने मुख्यमंत्री
मध्यप्रदेश में प्रथम मुख्यमंत्री रविशंकर शुक्ल के बाद उनके पुत्र श्यामाचरण शुक्ल दो बार सीएम बने। दिलचस्प बात ये हैं कि रविशंकर शुक्ल 1 नवंबर 1956 से 31 दिसंबर 1956 तक सिर्फ 61 दिन तक मुख्यमंत्री रहे। इसी तरह उनके पुत्र श्यामाचरण शुक्ल भी एक बार 308 दिन के लिए और एक मर्तबा 128 दिन के लिए मुख्यमंत्री बने।
ओडिशा : पिता दो बार सीएम रहे, तो बेटा पांचवी बार नॉट आउट
ओडिशा में भी इस समय जो मुख्यमंत्री हैं वो भी पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए मुख्यमंत्री बने। राज्य में नवीन पटनायक इस समय मुख्यमंत्री हैं और उनसे पहले उनके पिता बिजू पटनायक भी मुख्यमंत्री रहे। नवीन पिछले 21 साल से राज्य में मुख्यमंत्री हैं। वे लगातार पांचवीं बार सत्ता में हैं, जबकि उनके पिता भी दो बार मुख्यमंत्री रहे।
उत्तर प्रदेश : यादव पिता - पुत्र की जोड़ी रही हैं मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश देश के जिक्र के बिना सियायत की हर चर्चा अधूरी हैं। इस राज्य में भी पिता-पुत्र की जोड़ी मुख्यमंत्री पद तक पहुंचने में कामयाब रही। मुलायम सिंह यादव के बाद उनके बेटे अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री बने, मुलायम सिंह 3 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे। वहीं अखिलेश अब तक एक बार मुख्यमंत्री रहे हैं।
झारखंड : राजनीतिक वंशवाद को धार दी सोरेन परिवार ने
झारखंड में भी पिता के बाद बेटे ने राज्य की कमान संभाली और राजनीतिक वंशवाद को नई ऊंचाई दी। शिबू सोरेन के बाद उनके बेटे हेमंत सोरेन भी मुख्यमंत्री बने। हेमंत सोरेन वर्तमान में भी मुख्यमंत्री हैं और इससे पहले एक बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। वहीं शिबू 3 बार राज्य के मुख्यमंत्री रहे।
हरियाणा : देवी लाल दो बार, ओम प्रकाश चौटाला पांच बार रहे सीएम
हरियाणा की सियासत में भी वंशवाद हावी रहा है। यहां भी देवी लाल के परिवार को दो पीढ़ियों ने सत्ता सुख हासिल किया। देवी लाल के बाद ओम प्रकाश चौटाला भी राज्य के मुख्यमंत्री बने। यहां देवी लाल की तुलना में ओम प्रकाश काफी कामयाब रहे और 5 बार राज्य के सीएम पद पर रहे। देवी लाल दो बार मुख्यमंत्री रहे थे। दिलचस्प बात ये हैं कि देवी लाल कि चौथी पीढ़ी के दुष्यंत चौटाला वर्तमान में हरियाणा के उप मुख्यमंत्री हैं।
कर्नाटक : पीएम बनने के लिए देवेगौड़ा ने दिया था इस्तीफा, बेटा भी रहा सीएम
कर्नाटक में एचडी देवेगौड़ा एक बार सीएम बने तो उनके बेटे एचडी कुमारस्वामी दो बार मुख्यमंत्री रहे हैं। रोचक बात ये हैं कि पिता और पुत्र दोनों ही बतौर मुख्यमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। हालांकि एचडी देवेगौड़ा देश के प्रधानमंत्री भी रहे हैं और पीएम पद ग्रहण करने हेतु उन्होंने बतौर मुख्यमंत्री इस्तीफा दिया था।
अरुणाचल प्रदेश : खांडू पिता-पुत्र रहे सीएम
अरुणाचल प्रदेश में वर्तमान मुख्यमंत्री पेमा खांडू भी राजनैतिक वंशवाद को आगे बढ़ा रहे हैं। उनके पहले उनके पिता दोरजी खांडू अरुणाचल के सीएम रह चुके हैं। दोरजी खांडू वर्ष 2007 से 2011 तक सीएम रहे। दिलचस्प बात ये हैं कि पेमा खांडू तीन बार अलग - अलग राजनीतिक दलों से सीएम बने हैं।
महाराष्ट्र : शंकरराव चव्हाण के बाद बेटे अशोक चव्हाण भी बने सीएम
महाराष्ट्र में चव्हाण परिवार की ओर से पिता के बाद बेटे ने मुख्यमंत्री पद संभाला। कांग्रेस के शंकरराव चव्हाण के बाद उनके बेटे अशोक चव्हाण ने राज्य की कमान संभाली। शंकरराव चव्हाण दो बात महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे, जबकि अशोक चव्हाण अब तक एक बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं।
आंध्रप्रदेश : पिता कांग्रेस से तो बेटा अपनी पार्टी बनाकर बना मुख्यमंत्री
आंध्रप्रदेश में बड़े नेता वाईएस राजशेखर रेड्डी दो बार मुख्यमंत्री बने तो उनके पुत्र वाईएस जगन मोहन रेड्डी आज की तारीख में वहां के मुख्यमंत्री हैं। वरिष्ठ कांग्रेस नेता रहे वाईएस राजशेखर रेड्डी 2004 में पहली बार मुख्यमंत्री बने और 2009 में लगतार दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। पर सितम्बर 2009 में एक विमान हादसे में उनकी मृत्यु हो गई। उनके बाद उनके पुत्र वाईएस जगन मोहन रेड्डी मुख्यमंत्री बनना चाहते थे लेकिन कांग्रेस ने उन्हें सीएम नहीं बनाया। जगन मोहन रेड्डी ने वाईएसआर कांग्रेस के नाम से नई पार्टी बनाई और 2019 में मिली शानदार जीत के बाद मुख्यमंत्री बन गए।
मेघालय : पीए संगमा के बाद बेटा भी बना मुख्यमंत्री
मेघालय के वर्तमान मुख्यमंत्री कोनराड संगमा के पिता पीए संगमा भी मेघालय के मुख्यमंत्री रहे थे। पीए संगमा लोकसभा अध्यक्ष भी रहे और उन्होंने 2012 में प्रणब मुखर्जी के खिलाफ राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ा था। कोनराड की बहन अगाथा संगमा पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार-2 में मंत्री थीं। अगाथा संगमा 15वीं लोकसभा में सांसद चुनी गई थीं। कोनराड के भाई जेम्स संगमा भी विधानसभा सदस्य हैं।
तमिलनाडु : एम करुणानिधि के बाद बेटे स्टालिन ने संभाली सत्ता
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में डीएमके को मिली भारी जीत के बाद पार्टी अध्यक्ष मुथुवेल करुणानिधि स्टालिन ने हाल ही में मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली हैं। स्टालिन पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं। जबकि उनके पिता एम करुणानिधि पांच बार तमिलनाडु के मुख्यमंत्री रहे।
जम्मू - कश्मीर : मुफ्ती मोहम्मद सईद और महबूबा रहे सीएम
देश की राजनीति में एक उदहारण ऐसा भी है जहां पिता और बेटी मुख्यमंत्री रहे। जम्मू - कश्मीर के राज्य होते हुए मुफ्ती मोहम्मद सईद दो बार सीएम बने और उनके बाद उनकी बेटी महबूबा मुफ्ती भी मुख्यमंत्री बनी। बाप - बेटी की ये एकलौती जोड़ी हैं जो हिंदुस्तान में मुख्यमंत्री रही हैं।
पिता उत्तर प्रदेश, तो बेटा उत्तराखंड में सीएम बना
हेमवती नंदन बहुगुणा दो बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। वे मूलरूप से वर्तमान उत्तराखंड से ताल्लुक रखते थे, पर उनके दौर में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश का ही हिस्सा हुआ करता था। जब उत्तराखंड राज्य अस्तित्व में आया तो उनके पुत्र विजय बहुगुणा उत्तराखंड लौट आये। विजय बहुगुणा 2012 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने।