स्लॉट बुकिंग की जद्दोजहद और वैक्सीन की आस
18 से 44 वर्ष तक के आयु वाले युवाओं के लिए काेविड वैक्सीन लगवा पाना अब किसी लक्ज़री से कम नहीं रहा। वैक्सीन लगवाने के लिए अपॉइंटमेंट लेने की प्रक्रिया इतनी जटिल है की घंटो इंतज़ार और कड़ी जद्दोजहद के बाद भी स्लॉट बुक होता है या नहीं ये आपकी किस्मत और ऑनलाइन एक्सपर्टीज पर निर्भर करता है। कोरोना के इस काल में जहां वैक्सीन को कोरोना से लड़ाई का एकमात्र हथियार माना जा रहा है, वहीं हिमाचल के युवाओं को कब आसानी से वैक्सीन लगेगी ये एक बड़ा सवाल है। केंद्र सरकार द्वारा तो जनता की सहूलियत के लिए ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन का प्रावधान किया गया मगर हिमाचल प्रदेश में वैक्सीन की कमी के चलते ये व्यवस्था लागु नहीं की गई थी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर द्वारा ये स्पष्ट किया गया था कि हिमाचल में वैक्सीन की वेस्टेज नहीं हो रही है और न ही यहां वैक्सीन की अधिक खेप उपलब्ध है, इसीलिए हिमाचल में ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन नहीं किया जा सकता। हालाँकि अब नेशनल हेल्थ मिशन के डायरेक्टर डा. निपुण जिंदल ने बताया है कि भारत सरकार के 18 से 44 वर्ष तक के आयुवर्ग के लिए ऑनसाइट पंजीकरण तथा अप्वाइंटमेंट की सुविधा के निर्णय को हिमाचल में लागू करने के बारे में जल्द निर्णय लिया जा सकता है। उन्होंने कहा की भारत सरकार ने स्थानीय परिस्थितियों के आधार पर ऑनसाइट पंजीकरण को खोलने के निर्णय को राज्य सरकारों तथा केन्द्र शासित राज्यों को सौंपा है, जिस पर जल्द ही निर्णय लिया जाएगा।
बता दें की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) से हिमाचल प्रदेश को सीमित टीके की ही आपूर्ति हो पाई है। राज्य में अब तक लगभग 19 लाख लोगों को कोविशील्ड की पहली खुराक दी जा चुकी है। हिमाचल में फिलहाल सिर्फ कोविशील्ड वैक्सीन ही लोगों को दी जा रही है, बाकि दो वैक्सीन की खरीद अभी नहीं की गई। हालांकि एसआईआई से कोविशील्ड की आपूर्ति धीमी होने की संभावना है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग अन्य निर्माताओं से स्पुतनिक और कोवैक्सिन खरीदने पर विचार कर रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने ने वैकल्पिक टीकों की खरीद की लागत पर काम किया है लेकिन सबसे बड़ी बाधा बड़ी धनराशि की आवश्यकता है। बता दें की 72 लाख कोवैक्सिन खुराक प्राप्त करने की लागत 600 रुपये प्रति खुराक की दर से 432 करोड़ रुपये होगी। वहीं, स्पुतनिक की 72 लाख डोज 948 रुपये प्रति डोज की दर से खरीदने पर राज्य को 682 करोड़ रुपये और व्यय करने होंगे।
इंटरनेट नहीं चलता तो कैसे बुक होगा स्लॉट
शिमला जिले के सुदूर डोदरा-क्वार क्षेत्र में, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी नहीं है, टीकाकरण (18-44 आयु वर्ग) के लिए 90 प्रतिशत से अधिक स्लॉट बाहरी लोगों द्वारा बुक किए गए हैं। लगभग 8,000 की आबादी वाले इस क्षेत्र में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी है, इसलिए प्रशासन ने कोविन पोर्टल पर स्थानीय लोगों को पंजीकृत करने की जिम्मेदारी ली है। पर इससे पहले की स्थानीय लोगों की बुकिंग हो पाती है अन्य क्षेत्रों के लोगों ने स्लॉट बुक कर लेते है। स्थिति को देखते हुए बीते दिनों रोहड़ू के एसडीएम ने भी सभी बाहरी लोगों से अपने स्लॉट रद्द करने का अनुरोध किया ताकि स्थानीय आबादी टीकाकरण से वंचित न रहे। प्रशासन चाहता है कि यहां के लोगों का जल्द से जल्द टीकाकरण हो, इसका एक और कारण यह है कि ऊंचे इलाकों में बर्फबारी होने पर यह इलाका महीनों तक बंद रहता है। अन्य कई क्षेत्रों में भी इसी तरह की परेशानी है।