कैंसर के मरीज़ों को अब इलाज के लिए नहीं करना पड़ेगा प्रदेश से बाहर का रुख
कैंसर के मरीज़ों को अमूमन अपने इलाज के लिए प्रदेश से बहार के अस्पतालों के चक्कर काटने पड़ते है, जिस कारण मरीज़ों को कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब मरीज़ो को अपने कैंसर के इलाज के लिए प्रदेश से बहार जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में कैंसर के इलाज के लिए लगभग 33 करोड़ के बजट से 2 मशीने लगाई जाएगी। इसमें लिनियर एक्सीलिटर मशीन जिसकी लागत 24 करोड़ है और सीटी साइमोलेटर मशीन जिसकी लागत 9 करोड़ की है बहुत जल्द नीदरलैंड से आएगी। इन मशीनों के लिए IGMC प्रशासन ने ऑर्डर दे दिए हैं। मशीन तैयार करने और शिमला पहुंचने में 2 से 3 महीने का समय लगेगा। जानकारी के अनुसार, अप्रैल तक यह मशीनें IGMC पहुंच जाएंगी, जिसके बाद मरीजों को इलाज के लिए बाहरी राज्यों के अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।
दोनों मशीनों के आने से कैंसर के मरीज़ों का इलाज़ और भी आसान हो जायेगा। लीनियर एक्सीलिटर मशीन से ट्यूमर वाले हिस्से पर सीधे रेडिएशन डाली जाती है, जो केवल कैंसर सेल को खत्म करती है और दूसरे सेल को नुक्सान नहीं पहुंचती। लीनियर एक्सीलिटर मशीन से दूसरी मशीनों के मुकाबले ज्यादा रेडिएशन निकलता है। इस मशीन को चलाने के लिए रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट का होना जरूरी है। वहीं सीटी साइमोलेटर मशीन सीटी स्कैन मशीन की तरह है, जिससे मरीज को इलाज में काफी मदद मिलेगी।
इस सन्दर्भ में IGMC प्रिंसिपल डॉ.सीता ठाकुर ने कहा कि मशीन आने से मरीजों को काफी राहत मिलेगी। प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पातल में यह मशीनें नहीं है, जिस कारण मरीज को बाहरी राज्य का रूख करना पड़ता है। मशीनें आ जाने से मरीजों का पैसा और समय दोनों बचेगा। कैंसर हॉस्पिटल में स्पेस की कमी थी जिस कारण IGMC प्रशासन मशीन नहीं खरीद पा रहा था। लेकिन अब IGMC प्रशासन ने स्पेशल मशीन रखने के लिए नई बिल्डिंग बनाई है। इसका काम प्रगति पर है, जो जल्द पूरा हो जाएगा और मशीन आने से पहले बिल्डिंग बनकर तैयार हो जाएगी।