शिमला पहुंची CBI की टीम, कई सवालों के जवाब का इन्तजार !

- जांच रिकॉर्ड कब्जे में लेने की कवायद शुरू
हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की मौत मामले की जांच के लिए सीबीआई की टीम शिमला पहुंच गई है। जांच अधिकारी ब्रजेंद्र प्रसाद सिंह की अगुवाई में सीबीआई से एक इंस्पेक्टर, एक स्टेनो व एक कांस्टेबल भी शिमला पहुंचे हैं। सीबीआई टीम केस से जुड़ा रिकॉर्ड कब्जे में लेने की कवायद में जुट गई है। इस मामले में 26 मई को सीबीआई ने नई दिल्ली स्थित विशेष अपराध शाखा में भारतीय न्याय संहिता का धाराओं 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज किया था। इस एफआईआर में पावर कॉरपोरेशन के तत्कालीन निदेशक रहे देसराज और तत्कालीन एमडी हरीकेश मीणा को भी नामजद किया है।
सीबीआई जांच पर सबकी निगाहें टिकी है। सीबीआई विमल नेगी के परिजनों सहित अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) ओंकार शर्मा, पुलिस महानिदेशक अतुल वर्मा, पुलिस अधीक्षक संजय गांधी और एसआईटी के सदस्यों से भी पूछताछ करेगी। इसके अलावा ओंकार शर्मा की ओर से हाईकोर्ट में दी गई रिपोर्ट में जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के बयान है, उनके भी बयान दर्ज होंगे।
- पेन ड्राइव प्रकरण पर से भी पर्दा उठने का इन्तजार है। एएसआई पंकज ने पेन ड्राइव किसके कहने पर गायब किया, पेन ड्राइव क्यों फॉर्मेट किया गया, और इसके पीछे कौन है; ये सवाल बने हुए है। सीबीआई जल्द एएसआई पंकज से भी पूछताछ कर सकती है।
- विमल नेगी मामले की जांच करने वाली एसआईटी की रिपोर्ट पर कई सवाल उठे थे। खासतौर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार विमल नेगी की मृत्यु और उनके गायब होने के बीच दो से तीन दिन का फासला है। इस दरमियान विमल नेगी कहाँ थे, इस दिशा में एसआईटी ने काम नहीं किया।
- डीजीपी अतुल वर्मा की रिपोर्ट में विमल नेगी की डायरी का भी जिक्र है। उक्त डायरी में क्या जानकारी है, इस पर से भी पर्दा उठने का इन्तजार है।
- इस मामले में देशराज की भूमिका पर सवाल है। उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया। विमल नेगी के परिजनों ने भी इस पर खुलकर सवाल उठाये और पुलिस पर उसे संरक्षण देने का आरोप जड़ा। मंशा पर सवाल इसलिए भी उठे क्यों की हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत रद होने के बाद देशराज ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका डाली, लेकिन सरकारी वकील ने उसका विरोध नहीं किया। क्या देशराज को बचाने की कोशिश की गई , इस पहलु से भी जांच होगी।
- ओंकार शर्मा की फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट में हिमाचल प्रदेश पावर कारपोरेशन के कई कर्मचारियों के ब्यान है जिन्होंने देशराज पर गंभीर आरोप लगाए है। इसमें उसके बर्ताव के अलावा एक निजी को सोलर पावर प्रोजेक्ट में गलत तरीके से लाभ देने का भी जिक्र है। सीबीआई उक्त सभी कर्मचारियों के ब्यान दर्ज कर, इस दिशा में भी जांच करेगी। पेखुबेला प्रोजेक्ट में वित्तीय लेने देने से संबंधित आशंका के चलते जांच में ED की एंट्री भी हो सकती है।