नालागढ़ में लगेगा देश का पहला एपीआई उद्योग
औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के समीप पलासड़ा में प्रस्तावित बल्क ड्रग यूनिट में एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआइ) यानी दवा उत्पादन के लिए जरूरी कच्चा माल बनाने का उद्योग लगेगा। सितंबर 2022 तक ट्रायल आधार पर इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा। मुंबई की किनवान कंपनी को उद्योग विभाग ने पलासड़ा में 350 बीघा भूमि आवंटित कर दी है। यहां उत्पादन शुरू होने के बाद बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) सहित देशभर के फार्मा उद्योगों को एंटीबायोटिक दवाओं का कच्चा माल आसानी से मिल सकेगा। वर्तमान में फार्मा उद्योग एपीआइ के लिए चीन पर निर्भर हैं और करीब 80 फीसद एपीआइ चीन से ही आपूर्ति हो रहा है। पलासड़ा में लगने वाले इस उद्योग की उत्पादन क्षमता 400 मीट्रिक टन प्रतिवर्ष होगी। यह देश का पहला एपीआई उद्योग होगा। यहां 576.12 बीघा भूमि विभाग के नाम हो चुकी है और मौजूदा समय में चयनित भूमि की डिमार्केशन को अंतिम रूप दिया जा रहा है। औद्योगिक क्षेत्र पलासड़ा में उद्योग लगाने के लिये कई कंपनियों ने इच्छा जाहिर की है, जिनमें से एक कंपनी को पलासड़ा में 342 बीघा भूमि प्रदान भी कर दी गई है।
बद्दी एशिया का सबसे बड़ा फार्मा हब है। पूरे प्रदेश में 750 फार्मा इकाइयां हैं, जिन्हें कच्चा माल दूसरे देशों से मंगवाना पड़ रहा है। अगर यहां पर दवा कंपनियों के लिए कच्चे माल का उद्योग खुल जाता है, तो एशिया के सबसे बड़े फार्मा हब बद्दी की दवा कंपनियों को फायदा होगा। देश की 30 फीसदी दवाओं का उत्पादन हिमाचल प्रदेश में होता है। देश का यह पहला उद्योग होगा, जिसमें एंटीबायोटिक दवाइयों का सॉल्ट तैयार होगा और प्रदेश का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है। अभी तक दवा उद्योग के लिए कच्चा माल चीन से आता था, लेकिन अब यहां पर एपीआई उद्योग खुलने से जहां बीबीएन के दवा निर्माताओं को सीधा लाभ होगा, वहीं देश के अन्य दवा निर्माता कंपनियों को भी बाहर से कच्चा माल नहीं मंगवाना पड़ेगा। नालागढ़ के पलासड़ा में बड़े-बड़े औद्योगिक घराने आने शुरू हो गए हैं। 850 करोड़ के इस प्रोजेक्ट से दो हजार युवाओं को रोजगार मिलेगा।
चीन पर निर्भरता खत्म होगी : गुप्ता
बीबीएन में निवेशकों के रुझान को मद्देनजर रखते हुए विभाग ने नालागढ़ के प्लासड़ा में नया औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया है, जहां कई कंपनियों ने निवेश कर कारखाना स्थापित करने की इच्छा जाहिर की है। नालागढ़ के इस पहले औद्योगिक क्षेत्र में विकास रफ्तार पकड़ेगा और कई बड़े उद्योग स्थापित होंगे। नालागढ़ के पलासड़ा में एक्टिव फार्मास्यूटिकल इनग्रेडिएंट (एपीआई) उद्योग स्थापित होने से दवा कंपनियों के लिए सबसे जयादा फायदा होगा। पूरे प्रदेश में 750 फार्मा इकाइयां हैं, जिन्हें कच्चा माल दूसरे देशों से मंगवाना पड़ता है। ऐसे में यदि (एपीआई) उद्योग स्थापित किया जाता है तो एंटीबायोटिक दवाओं का कच्चा माल आसानी से मिल सकेगा। वर्तमान में फार्मा उद्योग एपीआइ के लिए चीन पर निर्भर हैं और करीब 80 फीसद एपीआइ चीन से ही आपूर्ति हो रहा है।इसके अलावा आर्थिकी रूप से भी हमे काफी रिलीफ मिलेगा।
-विनोद गुप्ता ,अध्यक्ष फार्मास्युटिकल एसोसिएशन सोलन