सेब के दामों में गिरावट के चलते पटरी से उत्तर सकती है प्रदेश की अर्थव्यवस्था
सेब की कीमत गिरने से जहाँ बागवान परेशान है, वंही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर भी चिंतिति नजर आ रहे है। जम्मू-कश्मीर की बाद देशभर में हिमाचल दूसरे नंबर पर सेब का उत्पादन करता है। जम्मू कश्मीर जहा 70% सेब उत्पादन करता है तो हिमाचल 27 % ही उत्पादन कर पाता है। सालाना 5000 करोड़ के क्षमता रखना वाला हिमाचल अगर उम्मीद से कम उत्पादन करेगा तो यह चिंता का विषय है। सेब की पैदावार कम होने से प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ सकती है, हिमाचल के सात जिले सेब का उत्पादन करते है, जिसमें शिमला 70 % सेब उगाता है। इसके बाद कुल्लू और किन्नौर में सेब की अधिक पैदावार होती है।
हालाँकि अब मंडी, काँगड़ा, सिरमौर, चम्बा आदि के कुछ इलाकों भी सेब की पैदावार शुरू हो गई है। वंही, अगर मौजूदा समय की बात करे तो हिमाचल पर 60,000 करोड़ का ऋण है। रोजगार के अवसर ना मिल पाने की स्थिति में युवाओं का बागवानी की तरफ रुझान देखने को मिला है। राज्य के एक लाख परिवार बागवानी से जुड़े है, लेकिन सेब के उचित दाम ना मिलने से सभी बागवान मायूस है।