छलावा ! चुनाव खत्म और बढ़ गए दाम
पिछले दो महीने से देश के कई राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया चल रही थी। इसलिए, पिछले महीने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल महंगा होने के बावजूद देश में पेट्रोल-डीजल के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई। बल्कि, इस बीच कच्चा तेल सस्ता होने के बाद चार किस्तों में पेट्रोल-डीजल के दाम घटे थे। तब पेट्रोल 77 पैसे प्रति लीटर और डीजल 74 पैसे प्रति लीटर सस्ता हुआ था। पर जैसे ही चुनाव प्रक्रिया संपन्न हुई दाम बढ़ने शुरू हुए हैं। चुनाव के बाद ठहर-ठहर कर पेट्रोल 3.30 रुपये प्रति लीटर से अधिक महंगा हो चूका है। जबकि डीजल के दाम करीब 3.85 रुपये प्रति लीटर बढ़ चुके है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने बीते 26 फरवरी को अधिसूचना जारी की थी। इसके बाद सरकारी तेल कंपनियों ने अंतिम बार 27 फरवरी 2021 को डीजल के दाम में 17 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद दो महीने से भी ज्यादा दिनों तक इसके दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। पर चुनाव बीतने के बाद अब रूक-रूक कर डीजल का दाम 3.85 रुपये प्रति लीटर महंगा हो चुका है। डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट महंगा हुआ है जिसका सीधा असर उत्पादों की लागत पर पड़ रहा है। ऐसे में डीजल के दाम बढ़ना भी महंगाई का बड़ा कारण है।