आज फिर 800 करोड़ का कर्ज लेगी हिमाचल सरकार
75 हजार करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज के बोझ तले दबा हिमाचल प्रदेश आज फिर 800 करोड़ का कर्ज लेगा। राज्य सरकार एक हजार करोड़ रुपये के ओवर ड्राफ्ट में है और इसी के चलते सरकार बुधवार को 800 करोड़ रुपये का ऋण लेगी। मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य की गंभीर वित्तीय स्थिति पर चिंता जताई गई है।
विदित रहे कि केंद्र सरकार ने राज्य के कर्ज लेने की सीमा पर करीब पांच हजार करोड़ रुपये सालाना की कटौती कर दी है। साथ ही बाह्य सहायता प्राप्त प्रोजेक्टों के लिए आर्थिक मदद लेने की सीमा भी तय कर दी है। अब सरकार एक साल में तीन हजार करोड़ से अधिक के प्रोजेक्टों के लिए बाह्य सहायता प्राप्त नहीं कर सकेगी। वहीँ करीब 8500 करोड़ रुपये के बाह्य सहायता प्राप्त प्रोजेक्ट केंद्र के पास लंबित हैं। ऐसे में हिमाचल आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहा है।
निवेशकों से चर्चा करेंगे सीएम सुक्खू :
प्रदेश में जयराम सरकार के समय इन्वेस्टर मीट में करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश के एमओयू साइन हुए थे, लेकिन मौजूदा उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान का कहना है कि इनमे से धरातल पर सिर्फ 27 हजार करोड़ का निवेश उतरा है। अब सीएम सुक्खू निवेश बढ़ाने के उद्देश्य से पहले से लटके 1000 करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्टों पर दो दिन शिमला में निवेशकों से चर्चा करेंगे। इस दौरान ऊर्जा विभाग के 20, पर्यटन के 14 तथा उद्योग विभाग के 46 प्रस्तावों पर निवेशकों के साथ चर्चा होगी।
वाटर सेस के लिए बनाई कमेटी :
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट बैठक हुई में पंजाब, हरियाणा के विरोध के बाद वाटर सेस पर चर्चा के लिए कैबिनेट ने सचिव ऊर्जा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है।