हिमाचल में निजी बसों की पासिंग पर रोक, SRT जमा करने के बाद ही मिलेगी अनुमति
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हिमाचल प्रदेश परिवहन विभाग ने निजी बस ऑपरेटरों पर शिकंजा कस दिया है। अब राज्य में केवल उन्हीं निजी बसों को 'पासिंग' (फिटनेस जांच और परमिट नवीनीकरण) की अनुमति मिलेगी जिन्होंने अपना विशेष पथकर (SRT - Special Road Tax) जमा करा दिया है। परिवहन विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि SRT जमा होने की रसीद दिखाने के बाद ही बसों की पासिंग की जाएगी। परिवहन विभाग का निजी ऑपरेटरों पर लाखों रुपये का SRT बकाया है, और इसे वसूलने के लिए विभाग ने सख्त रुख अपनाया है। राज्य भर में कई निजी ऑपरेटरों को इस संबंध में नोटिस भी जारी किए गए हैं।
जिन वाहन मालिकों ने वर्ष 2021 से पहले का SRT जमा नहीं कराया है, उन्हें यह टैक्स अब आबकारी विभाग में जमा कराना होगा। आबकारी विभाग द्वारा ऑपरेटरों को NOC (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी होने के बाद ही वे परिवहन विभाग में SRT जमा करा सकेंगे।
हिमाचल में करीब 3 हजार निजी बसें चलती हैं। कई ऑपरेटर ऐसे हैं जो निर्धारित समय पर अपना टैक्स जमा नहीं करते। इस बार विभाग ने समय पर SRT जमा न कराने पर पेनल्टी लगाने की चेतावनी भी दी है। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने भी ऑपरेटरों से समय पर SRT जमा कराने की अपील की है। हाल ही में अतिरिक्त दंडाधिकारी की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में निजी बस ऑपरेटरों और एचआरटीसी अधिकारियों ने भाग लिया था। इस बैठक में निजी बस संचालकों ने सुझाव दिया कि एचआरटीसी को शहर के अंदर छोटी बसें चलाने के आदेश जारी किए जाएं और शिमला आने वाली 40 किलोमीटर से अधिक दूरी वाली बसों को आईएसबीटी (अंतरराज्यीय बस अड्डा) भेजा जाए। उन्होंने यह भी सलाह दी कि ऊपरी शिमला से आने वाली बसों को टॉलैंड से मोड़कर आईएसबीटी भेजा जाए। हालाँकि, इस संबंध में अभी विभाग की ओर से कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है।