Shimla: संजौली मस्जिद पर आयुक्त कोर्ट का कड़ा रुख, 3 मई तक अवैध निर्माण गिराने का अंतिम अल्टीमेटम

शिमला: राजधानी शिमला के संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण के मामले में नगर निगम आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद कमेटी को कड़ी फटकार लगाई है। तीन बार अतिरिक्त समय दिए जाने के बावजूद अवैध निर्माण को पूरी तरह से ध्वस्त करने में विफल रहने पर कोर्ट ने अब कमेटी को अंतिम मौका दिया है। आयुक्त भूपेंद्र अत्री की अदालत ने शनिवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि मस्जिद कमेटी को हर हाल में 3 मई तक सारा अवैध निर्माण तोड़ना होगा। ऐसा न करने पर कमेटी के अध्यक्ष मोहम्मद लतीफ को प्रतिदिन आयुक्त कार्यालय में पेश होना पड़ेगा। इस मामले की अगली सुनवाई 3 मई को निर्धारित की गई है। सुनवाई के दौरान आयुक्त ने मस्जिद कमेटी से अवैध निर्माण गिराने के काम की प्रगति रिपोर्ट तलब की। कमेटी के अध्यक्ष ने बताया कि अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन अभी भी एक मंजिल को गिराना बाकी है। उन्होंने रिहायशी भवनों से घिरी मस्जिद में निर्माण तोड़ने में लगने वाले समय का हवाला दिया और आसपास के लोगों को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए सावधानी बरतने की बात कही। कमेटी ने कोर्ट से इस कार्य को पूरा करने के लिए एक बार फिर अतिरिक्त समय मांगा। हालांकि, आयुक्त ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह अंतिम मोहलत है और इसके बाद कोई और समय नहीं दिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश हाईकोर्ट के छह सप्ताह के भीतर मामले की सुनवाई पूरी करने के आदेश का भी उल्लेख किया। इन आदेशों के अनुसार, 3 मई को सुनवाई होगी और उसके बाद प्रतिदिन आयुक्त कार्यालय में पेशी लगेगी। मामले की अंतिम सुनवाई 8 मई को होगी। मस्जिद कमेटी ने दावा किया कि 3 मई तक हर हाल में अवैध निर्माण गिरा दिया जाएगा। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने मस्जिद कमेटी से राजस्व रिकॉर्ड और निचली दो मंजिलों का नक्शा भी मांगा था। सुनवाई से ठीक एक दिन पहले, शुक्रवार को कमेटी ने नगर निगम को नक्शा सौंप दिया है, जिसका वास्तुकार शाखा अध्ययन कर रही है। वहीं, वक्फ बोर्ड ने मस्जिद का राजस्व रिकॉर्ड पेश करने के लिए समय मांगा है, यह कहते हुए कि रिकॉर्ड अभी अपडेट होना बाकी है। कोर्ट ने बोर्ड को 3 मई तक रिकॉर्ड पेश करने का आदेश दिया है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह जमीन अभी भी वक्फ बोर्ड के नाम पर दर्ज नहीं है और पूरी मस्जिद ही अवैध है। गौरतलब है कि आयुक्त कोर्ट ने पिछले साल 5 अक्टूबर को पांच मंजिला संजौली मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को अवैध घोषित करते हुए उन्हें गिराने का आदेश दिया था। इस अवैध निर्माण को दो महीने के भीतर गिराया जाना था, लेकिन मस्जिद कमेटी इसमें विफल रही। इसके खिलाफ शहर में प्रदर्शन भी हुए थे। इसके बाद कमेटी ने दो बार और अतिरिक्त समय मांगा। मार्च में पिछली सुनवाई में कोर्ट ने 26 अप्रैल तक इसे गिराने का अंतिम आदेश दिया था, लेकिन मौके पर काम अभी भी अधूरा है, और एक मंजिल अभी भी पूरी तरह से गिराई जानी बाकी है।