हिमाचल: बिना नक्शे वाले घरों को अब वापस देनी पड़ेगी बिजली सब्सिडी

हिमाचल प्रदेश में उन मकान मालिकों की अब खैर नहीं, जिन्होंने बिना नक्शा पास करवाए अपने घर तो खड़े कर लिए, लेकिन बिजली कनेक्शन घरेलू दरों पर ले लिया। विद्युत बोर्ड अब ऐसे उपभोक्ताओं से पिछले तीन सालों की बिजली बिलों पर दी गई सब्सिडी वसूलने की तैयारी में है। दरअसल, पहले नियम था कि बिजली का घरेलू कनेक्शन चाहिए तो नगर निकाय से भवन के नक्शे की एनओसी लाओ। जिनके पास नक्शा नहीं होता था, उन्हें महंगा अस्थायी कनेक्शन मिलता था। फिर मार्च 2022 में सरकार थोड़ी नरम हुई और बिना एनओसी के भी घरेलू कनेक्शन देने लगी। इसका फायदा उठाकर कई लोगों ने अपने अस्थायी कनेक्शन भी घरेलू में बदलवा लिए, खूब सब्सिडी भी ली। लेकिन अब बिजली नियामक आयोग ने 1 अप्रैल 2024 से नियम बदल दिए हैं। अब बिना नक्शे वाले घरों को घरेलू दरों का सबसे महंगा स्लैब (₹6.25 प्रति यूनिट) लगेगा और वो भी बिना किसी छूट के। इसका मतलब है कि इन उपभोक्ताओं को पहले मिली सब्सिडी की रकम अब लौटानी पड़ेगी। यह वसूली ₹1.03 से ₹3.53 प्रति यूनिट तक हो सकती है, जो कि उनके द्वारा इस्तेमाल की गई बिजली पर निर्भर करेगा। राजधानी शिमला में ही लगभग 20 हजार ऐसे घरेलू उपभोक्ता हैं जिन्होंने 2022 से अब तक अपने भवन के नक्शे की एनओसी विद्युत बोर्ड में जमा नहीं करवाई है। बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल 2024 से सब्सिडी बंद होने के बाद अब इन उपभोक्ताओं को ₹6.25 प्रति यूनिट के हिसाब से बिल भरना पड़ रहा है। गौर रहे कि पहले 0 से 125 यूनिट तक बिजली की दर ₹5.60 थी और ₹3.53 की सब्सिडी मिलती थी। 126 से 300 यूनिट पर दर ₹6 और सब्सिडी ₹1.83 थी, जबकि 300 यूनिट से ऊपर ₹6.25 की दर पर ₹1.03 की सब्सिडी मिलती थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि नियामक आयोग ने अगले वित्त वर्ष (2025-26) के लिए घरेलू उपभोक्ताओं के उच्चतम स्लैब की दर ₹6.25 से घटाकर ₹5.90 प्रति यूनिट कर दी है, यानी 35 पैसे प्रति यूनिट की कमी की गई है। लेकिन यह राहत सिर्फ उन्हीं के लिए है जिनके पास अब नक्शा है या जो अब नियमों का पालन करेंगे।