हिमाचल में अब डस्टबिन के बिना नहीं होगी व्यावसायिक वाहनों की पासिंग

हिमाचल प्रदेश में उन व्यावसायिक वाहनों को पासिंग नहीं दी जाएगी, जिनमें कूड़ा डालने के लिए डस्टबिन (कार बिन) नहीं होंगे। बुधवार को पूरे प्रदेश में इस नियम का सख्ती से पालन किया गया और सैकड़ों ऐसे वाहनों की पासिंग रोक दी गई। वाहन मालिकों को साफ हिदायत दी गई है कि वे अपने वाहनों में डस्टबिन लगवाकर ही पासिंग के लिए आएं। हालांकि, पहले दिन इन नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों का चालान नहीं किया गया। परिवहन विभाग का मकसद पहले लोगों को इस नए नियम के बारे में जागरूक करना है। इसके बाद, यदि कोई वाहन बिना डस्टबिन के पाया जाता है या सड़क पर कूड़ा फेंकता है, तो उस पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। बिना डस्टबिन के पकड़े जाने पर 10,000 रुपये और सड़क पर कूड़ा फेंकने पर 1,500 रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। सरकार का यह फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि हिमाचल प्रदेश में हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और अक्सर देखा जाता है कि व्यावसायिक वाहनों से कचरा सड़क किनारे फेंक दिया जाता है, जिससे पर्यावरण दूषित होता है। हिमाचल पथ परिवहन निगम तेजी से अपनी बसों में डस्टबिन लगवा रहा है, ताकि यात्रियों को कचरा फेंकने के लिए उचित स्थान मिल सके। इसके साथ ही, सरकार ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब प्रदेश के सभी सरकारी और निजी संस्थानों में 500 मिलीलीटर तक की प्लास्टिक पीईटी पानी की बोतलों का उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है। इनका इस्तेमाल बैठकों, सम्मेलनों और अन्य कार्यक्रमों में नहीं किया जा सकेगा। अब इनकी जगह कांच की बोतलें या अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्प इस्तेमाल किए जाएंगे।