न मेरे रिश्तेदारों के लिए पार्टी थी न मेरे जन्मदिन की, IAS अधिकारियों की पार्टी को लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने चुप्पी तोड़ी

हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में होली के दिन आईएएस अधिकारियों की एक पार्टी के बिल की चर्चा सियासी गलियारों में खूब हो रही है। इस आयोजन को लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना विपक्ष के हमलों का सामना कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस मुद्दे पर सरकार और नौकरशाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं, जिससे प्रदेश की राजनीति में खासी हलचल मच गई है। इस बीच, मनाली में एक महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेने पहुंचे मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आखिरकार इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उस पार्टी का आयोजन उनके द्वारा व्यक्तिगत रूप से नहीं किया गया था, बल्कि यह सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम था। सक्सेना ने विपक्ष के आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जो लोग उन पर आरोप लगा रहे हैं, उन्हें वास्तविकता की जानकारी नहीं है। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वे किसी भी तरह के आरोप लगाने से पहले तथ्यों की पूरी जानकारी हासिल कर लें।
दरअसल, पूरा विवाद मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना द्वारा होली के अवसर पर अपने अधिकारियों को दिए गए लंच के बिल को सरकार को भेजने से शुरू हुआ। खबरों के अनुसार, होटल हॉलिडे होम में आयोजित इस लंच में 75 अधिकारियों, उनके जीवनसाथियों और बच्चों ने भाग लिया था, जिसका कुल बिल ₹1 लाख 22 हजार आया और इसे GAD को भेज दिया गया। इस बिल में 22 चालकों के लंच का खर्च भी शामिल है। बिल के विवरण के अनुसार, 75 लंच और स्नैक्स के अलावा अन्य खाद्य पदार्थों पर ₹1 लाख 9 हजार 150 खर्च हुए, जबकि 22 चालकों के लंच का बिल ₹12,870 था। इस प्रकार, कुल बिल ₹1 लाख 22 हजार 20 बना, जो GAD को प्राप्त हो चुका है, हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि इसका भुगतान किया गया है या नहीं। मुख्य सचिव द्वारा दी गई इस लंच पार्टी का बिल और तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं। वर्तमान में 31 मार्च, 2025 से छह महीने के सेवा विस्तार पर चल रहे मुख्य सचिव के लिए यह बिल निश्चित रूप से मुश्किलें खड़ी कर सकता है। हैं.