हिमाचल प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों का पर्यटन कारोबार पर पड़ा प्रभाव
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामलें दिनोंदिन बढ़ते जा रहे है। इसका पर्यटन कारोबार पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। मनाली के सरकारी और निजी होटलों में ऑक्यूपेंसी 15 दिनों के अंदर 50 फीसदी तक गिर गई है। इसके चलते होटलों में एडवांस बुकिंग रद्द कर दी गई है। 15 से 20 फीसदी आक्यूपेंसी पहुंचने से मनाली का पर्यटन कारोबार छह माह के सबसे न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। इसके कारण पहले से नुकसान झेल रहे हजारों होटलियरों, टैक्सी यूनियन और वोल्वो यूनियन की चिंता बढ़ गई है।
मनाली और कुल्लू में लगभग तीन हजार होटल व होम स्टे हैं। इनमें से करीब 2200 होटल व होम स्टे खुल चुके है। जबकि बाकि बचे होटलों की मार्च और अप्रैल में खुलने की तैयारी थी। कुल्लू-मनाली में पर्यटन विकास निगम के सबसे अधिक होटल चल रहे हैं। यहाँ भी पिछले सप्ताह से सन्नाटा छाया है। पर्यटकों की संख्या में कमी आने से निगम के होटलों में 15 प्रतिशत ही कमरे लग रहे है। कई राज्य जैसे पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र में कोरोना के मामले बढ़ने से प्रदेश पर्यटन पटरी से निचे उतर गया है। पर्यटन विकास निगम के डीजीएम अनिल तनेजा ने कहा कि पर्यटन 60 फीसदी से घटकर 15 प्रतिशत तक आ गया है। ऑनलाइन बुकिंग के साथ एडवांस बुकिंग भी रद्द हो गई है।
गौरतलब है कि शिमला में हुई उच्च स्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि पर्यटकों के प्रदेश में आने पर रोक नहीं लगाई जाएगी। होटल व होम स्टे में सख्ती से मानव संचालन प्रक्रिया का पालन करने को कहा गया है, क्योंकि इस बार हालात बिगड़े तो रोजगार व आर्थिक स्थिति गड़बड़ा सकती है। वंही मरीजों की संख्या बढ़ने पर आगे के निर्णय लिए जाएंगे।