इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वामी रामदेव को दी खुली बहस की चुनौती
IMA और स्वामी रामदेव के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रह है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, उत्तराखंड ने स्वामी रामदेव को बहस करने की चुनौती दी है। आईएमए ने उनसे से ये सवाल भी पूछा है कि किस एलोपैथिक हॉस्पिटल में पतंजलि की दवाएं इलाज के लिए दी गईं। आईएमए ने स्वामी रामदेव से खुली बहस करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से स्वामी रामदेव को कानूनी नोटिस भी भेजा जा चुका है। इस पर स्वामी रामदेव ने दावा किया कि एलोपैथी ने महज 10 फीसदी गंभीर मरीजों का इलाज किया, वहीं बाकी 90 फीसदी संक्रमित योग और आयुर्वेद से ठीक हुए। स्वामी रामदेव ने कहा कि कोरोना संकट में लोगों को नेचुरोपैथी और योग की सबसे ज्यादा जरूरत है। इस कोरोना महामारी से लाखों लोगों की जान डॉक्टरों ने नहीं बल्कि नेचुरोपैथी और योग ने बचाई है। उन्होंने कहा कि ये एलोपैथी के खिलाफ मोर्चाबंदी नहीं है, बल्कि यह बीमारी को ठीक करने के लिए है। कमजोर लिवर-हार्ट, कमजोर फेफड़े, कमजोर नर्वस सिस्टम, कमजोर इम्यून सिस्टम और कमजोर इच्छाशक्ति इस बीमारी के बड़े कारण हैं, लेकिन एलोपैथी के पास इसका कोई इलाज नहीं है। वो सिर्फ सिम्प्टोमैटिक ट्रीटमेंट करते हैं।