दर - दर की ठोकरें खा रहे मानव भारती में शिक्षा लेने वाले निर्दोष छात्र
नियमित कक्षाएं लगाई, फीस भी दी, फिर सरकार इन छात्रों का क्या कसूर !
मानव भारती यूनिवर्सिटी में नियमित रूप से पढ़ाई करने वाले छात्र अब सड़कों पर आने को तैयार है। चार साल तक रोजाना कॉलेज जा कर पढ़ाई करने और लाखों रूपए फीस भरने के बावजूद अब तक इन छात्रों को डिग्री नहीं मिल पाई है। इन छात्रों का कहना है कि इन्हें दूसरों के बुरे कर्मों की सज़ा दी जा रही है। मानव भारती यूनिवर्सिटी पर फर्जी डिग्री का केस चलने की वजह से कई रेगुलर छात्रों का भविष्य भी थम सा गया है। मानव भर्ती यूनिवर्सिटी के ये छात्र हर तरफ से मजबूर हो गए है। न तो इन छात्रों को कहीं नौकरी मिल पा रही है और न ही आगे की पढ़ाई के लिए किसी अच्छे कॉलेज में एडमिशन। ये छात्र कई बार हिमाचल प्रदेश सरकार के आगे भी गुहार लगा चुके है, मगर अब तक इनके पक्ष में कोई फैसला नहीं लिया गया। इन छात्रों को अपनी पढ़ाई किये तीन साल से अधिक का समय बीत चूका ,है मगर अब तक इन्हें डिग्री न मिल पाने के कारण ये बेरोज़गार बनकर ठोकरें खा रहे है। ये छात्र हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग व है कोर्ट का दरवाज़ा भी खटखटा चुके है, मगर अब तक किसी ने इनकी नहीं सुनी। सरकार के आगे गुहार लगा लगा कर अब ये परेशान हो गए है और अब इन सभी छात्रों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने का फैसला लिया है। अब ये छात्र डिग्री न मिलने तक भूख हड़ताल करने को विवश है।
मानव भारती विश्विद्यालय से नियमित तौर पर शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र दुर्गेश, आशीष, सुजीत, भावना, संस्कार, तुषार, संजीव, निशा, दीक्षा, शुभम, रजत व् अन्य छात्रों का कहना है कि विश्विद्यालय में एडमिशन लेने से पहले उन सभी को इस यूनिवर्सिटी में हो रहे गलत कार्यों के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि वे सभी इस विश्विद्यालय में बड़ी उम्मीदों के साथ अपना करियर बनाने के लिए पहुंचे थे। इन्होंने चार साल तक नियमित तौर पर इस विश्वविद्यालय से शिक्षा ग्रहण की है, जैसे आम विश्वविद्यालयों के छात्र करते है। उन्होंने कहा की हमने नियमित तौर पर क्लास और लैब अटेंड की है, लाखों रुपए फीस भी जमा कराई है। यही नहीं विश्वविद्यालय में होने वाली एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज में भी भाग लिया है, मगर अब ये डिग्री न मिलने से बहुत परेशान है। पढ़ाई करने के बावजूद ये बेरोज़गार है और मानसिक तनाव से जूझ रहे है, जो की गलत है। उन्होंने कहा की हम सरकार से हमारी ओर देखने का आग्रह करते है ताकि हमारे अधर में लटके हुए भविष्य का कुछ हो सके। इन छात्रों ने सरकार से ये सवाल किया है कि जब हमने कक्षाएं समय पर लगाई है, फीस समय पर भरी है तो हमें डिग्री समय पर क्यों नहीं मिल रही ? छात्रों ने कहा कि अगर अब भी इनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो ये अनिश्चित काल तक भूख हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे, जिसकी ज़िम्मेदार हिमाचल सरकार होगी।
जेल में है राजकुमार राणा और उसके सहयोगी :
फर्जी डिग्री मामले के बाद मानव भारती विवि के सभी रिकॉर्ड पुलिस के कब्जे में हैं। ऐसे में डिग्रियां न मिलने से वर्तमान में विवि से पढ़ाई कर रहे और कर चुके करीब 3000 विद्यार्थियों ने आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है। जानकारी के अनुसार मानव भारती विवि में फर्जी डिग्री का खुलासा होने के बाद पुलिस ने विवि समेत विद्यार्थियों संबंधित तमाम रिकॉर्ड अपने कब्जे में ले लिया था। इसमें वर्ष 2009 से 2019 तक का रिकॉर्ड भी शामिल है। विद्यार्थियों को उनकी डिग्री समेत मार्कशीट न मिलने के कारण वह नौकरी सहित अन्य कार्य भी नहीं कर पा रहे हैं। बता दें की फर्जी डिग्री मामले में मानव भारती विवि के मालिक राजकुमार राणा, उसकी पत्नी समेत विवि के 20 अधिकारियों, कर्मचारियों और एजेंटों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई है। इनमें से कई इस वक्त जेल में है। फर्जी डिग्री बेचने के अलावा इस यूनिवर्सिटी के मालिक ने नियमित बच्चों का भविष्य भी खराब किया है।
इतने साल नियामक आयोग क्या करता रहा ?
बड़ा सवाल ये है कि मानव भारती यूनिवर्सिटी में जो कुछ भी हुआ उसकी भनक इतने सालों तक नियामक आयोग व अन्य संस्थाओं को कैसे नहीं लगी ? इतने साल नियामक आयोग क्या करता रहा ? इस दरमियान क्या कभी भी आयोग ने विवि की जांच की, रूटीन विजिट हुए ? अगर ऐसा किया गया तो आयोग को इसकी भनक कैसे नहीं लगी, ये बड़ा सवाल है। इस मामले के चलते आज सैकड़ों निर्दोर्ष छात्रों का भविष्य भी खराब होने की कगार पर है, आखिर उसका ज़िम्मेदार कौन है ?
छात्रों ने की थी राज्यपाल से मुलाकात
मानव भारती विश्वविद्यालय से डिग्री करने वाले कई छात्र राज्यपाल से मिले थे। छात्रों ने विश्वविद्यालय से नियमित पढ़ाई कर पास होने के बाद उनके साथ हो रही नाइंसाफी को रोकने के लिए नीति बनाने की मांग की थी। छात्रों ने विश्वविद्यालय की बदनामी की वजह से उनका रोजगार छीनने की भी शिकायत की थी।
शिक्षा मंत्री बोले, नहीं खराब होने देंगे छात्रों का भविष्य :
हिमाचल प्रदेश के शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह ठाकुर का कहना है कि उन्हें छात्रों की प्रस्तावित भूख हड़ताल की कोई जानकारी नहीं है, लेकिन हिमाचल सरकार छात्रों का भविष्य खराब नहीं होने देगी। ठाकुर ने कहा की सरकार हरसंभव समाधान को प्रतिबद्ध है।