सरकार मेहरबान : अब अनुबंध पर आ सकेंगे पीस मिल कर्मचारी
आखिर सरकार को पीस मिल कर्मचारियों पर रहम आ ही गया। 20 दिन की हड़ताल और कई सालों के निरंतर संघर्ष के बाद सरकार ने पीसमील वर्करों को अनुबंध पर लाने की घोषणा की है। हिमाचल पथ परिवहन निगम के निदेशक मंडल की बैठक में पीसमील वर्कर के लिए योग्यता निर्धारित की गई है। जिस पीसमील वर्कर ने आईटीआई पास की है और पांच साल का अनुभव है और नॉन आईटीआई वालों के पास छह साल का अनुभव है उनकी योग्यता बनती है। सभी वैकेंसी के हिसाब से अनुबंध पर लिए जाएंगे। 1 दिसंबर 2021 तक पीसमील वर्कर के 663 पद खाली हैं और योग्य पीसमील वर्कर 755 हैं। 1 दिसंबर 2021 से 663 पीसमील वर्करों को अनुबंध पर लिया जाएगा। इसी के साथ ये भी फैसला लिया गया कि करूणामूलक नौकरी तीन माह के भीतर दी जाएगी। क्लास थ्री और क्लास फोर पोस्ट पर इन्हें लगाया जाएगा।
बता दें कि पीस मिल वर्कर टूल डाउन हड़ताल कर रहे थे और उनके समर्थन में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के तकनीकी कर्मचारी भी उतर आए थे। इससे प्रदेश भर में एचआरटीसी की 28 वर्कशॉप में एक हजार बसें बिना मरम्मत खड़ी हो गई थी। एचआरटीसी ने कई रूटों को क्लब कर दिया था और करीब 200 रूट ठप हो गए थे, जिससे यात्रियों की दिक्कतें बढ़ गई थी। प्रदेश में परिवहन व्यवस्था चरमराने लगी थी, मगर समय रहते सरकार ने मुद्दे को सुलझाने के लिए एक पहल की। सरकार की इस पहल का कर्मचारियों ने स्वागत किया है।
हिमाचल प्रदेश में साल 2008 से पीस मिल वर्करों की भर्ती की जा रही है, जब प्रदेश में भाजपा की सरकार थी और प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल मुख्यमंत्री थे। उस वक्त इन कर्मचारियों के लिए 8 साल के बाद अनुबंध पर लाने की पालिसी बनाई गई थी। यानी 8 सालों तक सेवाएं देने के बाद इन कर्मचारियों को अनुबंध पर लाया जाता था और अनुबंध काल पूरा होने के बाद इन्हें बतौर नियमित कर्मचारी नियुक्ति दी जाती थी। तदोपरांत पिछली सरकार में परिवहन मंत्री रहे जीएस बाली द्वारा बनाई गई नीति के अनुसार आईटीआई डिप्लोमा धारकों को 5 साल बाद और गैर डिप्लोमा धारकों को 6 वर्षों के बाद अनुबंध पर लेने की नीति बनाई गई। कायदे से होना भी ऐसा ही चाहिए लेकिन जयराम सरकार ने अपने कार्यकाल में ये अवधि पूरी कर चुके लोगों को कॉन्ट्रैक्ट पर नियुक्ति नहीं दी। इसीलिए ये कर्मचारी लगातार संघर्ष कर रहे थे।
सरकार ने इन कर्मचारियों को पहले भी आश्वासन दिए थे मगर मांग पूरी नहीं हो पाई थी। सरकार के साथ हुई पहले की बातचीत के दौरान आश्वासन दिया गया था कि इन कर्मचारियों को अनुबंध पर लाने के लिए नीति बनाई जाएगी। इसके लिए 25 नवंबर तक का समय भी दिया गया था, लेकिन 25 नवंबर तक नीति नहीं बनी। कर्मचारियों की इस मांग के संबंध में 18 अक्तूबर 2021 को अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन के साथ हुई वार्ता में अक्तूबर 2021 के अंत तक इसके बारे में निर्णय लेने का आश्वासन मिला था। इसके उपरांत 16 नवंबर 2021 को प्रबंध निदेशक के साथ हुई बैठकमें 26 नवंबर तक मामले को अंतिम रूप देने बारे आश्वासन मिला था। परिवहन मंत्री द्वारा समय-समय पर कर्मियों के साथ बैठक इन्हें अनुबंध पर लाने का आश्वासन दिया गया। परंतु हर स्तर पर अनेक बार आश्वासन दिए जाने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हो पाया था। अब घोषणा हुई है, उम्मीद है कि सरकार इसे जल्द पूरा करेगी।