टूलकिट केस में दिल्ली पुलिस का बड़ा खुलासा, जानिए पूरा मामला
किसान आंदोलन के नाम पर देश को बदनाम करने वाली टूलकिट पर बड़े खुलासे हो रहे है। दिशा रवि को 5 दिन की रिमांड पर लेने के बाद चौंका देने वाले तथ्य सामने आ रहे है। साजिश की इस टूलकिट का जाल कनाडा में बैठे खालिस्तानी आकाओं के इशारे पर बुना गया है। दिल्ली पुलिस का कहना है कि निकिता, दिशा,शांतनु समेत कई लोग दिसंबर 2020 के पहले सप्ताह से पुनीत के माध्यम से पोएटिक फाउंडेशन के साथ सक्रिय रूप से साजिश रच रहे थे।
टूलकिट को शांतनु के बनाए ई-मेल अकाउंट से क्रिएट किया गया। दिशा और निकिता ने इस डॉक्यूमेंट में एडिट करके इसमें चीज़ें जोड़ी थीं और आगे शेयर किया। दिशा, निकिता और शांतनु खालिस्तानी समर्थक संगठन पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन के संपर्क में थे। PJF के मो धालीवाल ने कनाडा की रहने वाली पुनीत नाम की महिला के ज़रिए इन लोगों से संपर्क किया था।
मो धालीवाल का मकसद इस आंदोलन को बड़ा बनाना और किसानों के बीच असंतोष फैलाना था। यानी टूलकिट के ज़रिए जो एक्शन प्लान बनाया गया था, उसे अमल में लाने के लिए दिशा, निकिता, शांतनु जैसे लोगों के साथ खालिस्तानी ताकतें लगी थीं। खालिस्तानी समर्थकों के साथ मीटिंग के बाद टूलकिट तैयार की गई थी।