एक गारंटी पूरी, दो के लिए कैबिनेट सब कमेटियों का गठन
"पांच साल में सारे वादे, सारे वचन पूरे होंगे।" कांग्रेस घोषणा पत्र में शामिल सभी वादों को पूरा करने की बात एक बार फिर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दोहराई है। सीएम सुक्खू ने कहा कि पुरानी पेंशन बहाली के साथ ही सरकार ने पहली गारंटी पूरी कर दी है, वहीं एक साल में दो और गारंटियों को पूरा किया जायेगा। महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने का वादा भी जल्द पूरा होगा और रोजगार देने का भी। अन्य सभी वादों को पूरा करने के लिए सरकार के पास पांच साल का वक्त है और प्रदेश के वित्तीय हालत बेहतर कर हर वादा पूरा होगा। बीते दिनों हुई कैबिनेट बैठक में कांग्रेस पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र को सरकार के नीति दस्तावेज के रूप में अपनाने का भी निर्णय लिया गया है और सभी संबंधित मंत्री व सचिव और विभागाध्यक्ष इसे अक्षरशः लागू करेंगे। वहीं इस दौरान महिलाओं को 1500 रुपये प्रतिमाह देने के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी का भी गठन किया गया है जिसमें चौधरी चंद्र कुमार, कर्नल धनीराम शांडिल और अनिरुद्ध सिंह शामिल है। ये कमेटी 30 दिन में इस वादे को पूरा करने के लिए ब्लू प्रिंट सौपेंगी। वहीं माना जा रहा है कि इसके बाद इसे चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा सकता है। इसके साथ एक अन्य कैबिनेट सब कमेटी का भी गठन किया गया है जो प्रदेश की नई रोजगार नीति बनाने के लिए आगामी 30 दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में पारदर्शी भर्ती नीति बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सीएम ने कहा कि हिमाचल में युवा दर दर भटकते हैं। ऐसा रोजगार नहीं देना चाहते, जहां पेपर पहले ही बिक जाता हो या लीक हो जाता हो। मेरिट की उपेक्षा न हो, इस दृष्टि से काम करना चाहते हैं।
क्या कामकाजी महिलाओं को रखा जाएगा योजना से बाहर ?
प्रदेश की महिलाओं को 1500 रु माह देने का वादा सुक्खू सरकार कैसे पूरा करेगी ये देखना दिलचस्प होगा। बेशक सरकार ने इसके लिए कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया हो लेकिन एक साथ सभी महिलाओं के लिए ये योजना लागू होगी, ऐसा मुश्किल लगता है। सम्भवतः सरकार इसे चरणबद्ध तरीके से लागू करेगी। इस योजना के दायरे से कामकाजी महिलाओं को क्या बाहर रखा जायेगा, ये देखना भी रोचक होगा।
निजी उद्योगों में हिमाचलियों को नौकरी की सख्त नीति संभव
कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में पांच साल में पांच लाख रोजगार देने का वादा किया है। हर साल एक लाख नौकरियां देने का वादा किया गया है। अब सुक्खू सरकार इस वादे को कैसे पूरा करेगी, ये देखना रोचक होगा। अब तक सरकार ने भर्ती पॉलिसी में पारदर्शिता लाने को लेकर प्रतिबद्धता दिखाई है लेकिन नए रोजगार कहाँ से और कैसे उत्पन्न होंगे, ये बड़ा सवाल है। जाहिर है ये रोजगार सरकारी और गैर सरकारी दोनों क्षेत्रों में मिलाकर दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है, पर सरकार किस नीति के साथ आगे बढ़ेगी इस पर निगाह रहने वाली है। माहिर मान रहे है कि प्रदेश के निजी उद्योगों में हिमाचलियों को रोजगार देने के लिए सख्त नीति बनाकर उसे सख्ती से लागू करने की दिशा में सुक्खू सरकार आगे बढ़ेगी।