सुक्खू राज में घटा मंडी संसदीय क्षेत्र का सियासी वजन
021 में मंडी संसदीय उपचुनाव जीतने वाली कांग्रेस के लिए 2024 में प्रदर्शन दोहराना मुश्किल हो सकता है। प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस की वापसी के बाद मंत्रिमंडल में मंडी संसदीय क्षेत्र को उचित तवज्जो मिलती नहीं दिखी है। हालांकि विधानसभा चुनाव में मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा था और पार्टी 17 में से सिर्फ 5 सीटें ही जीती पाई थी। जो पांच विधायक जीते उनमें से दो मंत्री पद के प्रबल दावेदार थे, किन्नौर से जगत सिंह नेगी और कुल्लू से सुंदर सिंह। इनमें से जगत सिंह नेगी को तो मंत्री पद मिल गया लेकिन सुंदर ठाकुर को सीपीएस बनाकर एडजस्ट किया गया है। वहीं अगले कैबिनेट विस्तार में शेष तीन विधायकों में से किसी को भी मंत्री पद मिलेगा, ये मुश्किल लगता है। यानी ये लगभग तय है कि सुक्खू कैबिनेट में मंडी संसदीय क्षेत्र को सिर्फ एक ही मंत्री पद मिलेगा। गौरतलब है कि जयराम सरकार में मंडी संसदीय क्षेत्र से खुद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अलावा दो मंत्री थे। मनाली से विधायक रहे गोविन्द सिंह ठाकुर और लाहुल स्पीति से विधायक डॉ राम लाल मारकंडा को मंत्री पद मिला था। वहीं करीब डेढ़ वर्ष तक मंडी सदर विधायक अनिल शर्मा भी मंत्री रहे थे। वहीं इससे पहले वीरभद्र सरकार में मंडी संसदीय क्षेत्र से पांच मंत्री थे।
विधानसभा चुनाव में कमजोर था कांग्रेस का प्रदर्शन
बीते विधानसभा चुनाव में मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस का प्रदर्शन कमजोर रहा है। संसदीय क्षेत्र के अधीन जिला मंडी की 9 सीटें आती है और सभी पर कांग्रेस परास्त हुई। वहीँ कुल्लू की चार में से पार्टी को दो सीटें ही मिली। कुल्लू सदर सीट से सुंदर सिंह जीते और मनाली सीट से भुवनेश्वर गौड़। मंडी संसदीय क्षेत्र में आने वाली जिला चम्बा की इकलौती सीट भरमौर में भी कांग्रेस हार गई। हालांकि किन्नौर में कांग्रेस के जगत सिंह नेगी, लाहुल स्पीति में रवि ठाकुर और जिला शिमला की रामपुर सीट पर नंदलाल जीत दर्ज करने में कामयाब रहे।
अगले कैबिनेट विस्तार में भी संभावना नहीं !
अब तक सुक्खू कैबिनेट में मंडी संसदीय क्षेत्र की किन्नौर सीट से विधायक जगत सिंह नेगी को मंत्री बनाया गया है। जबकि कुल्लू सदर से विधायक सुंदर सिंह सीपीएस बने है। होली लॉज खेमे से रामपुर विधायक नंदलाल के लिए भी मंत्री पद की मांग थी लेकिन उन्हें मंत्री पद नहीं मिला। जिला शिमला को पहले ही तीन मंत्री पद मिल चुके है, ऐसे में उन्हें अगले विस्तार में भी मंत्री पद मिलने की कोई संभावना नहीं दिखती। वहीं जनजातीय जिला किन्नौर को भी मंत्री पद मिल चुका है, ऐसे में दूसरे जनजातीय जिला लाहुल स्पीति को मंत्री पद मिलना बेहद मुश्किल है। जिला कुल्लू को भी मंत्री पद मिलने की सम्भावना नहीं है। हालांकि शेष तीन विधायकों को बोर्ड -निगमों के नियुक्ति दी जा सकती है।