पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी का ऐलान, किसानों पर दर्ज केस होंगे रद्द
केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी संघर्ष के दौरान पंजाब में किसानों पर दर्ज सभी केस रद्द किए जाएंगे। यह एलान बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 32 किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद किया। उन्होंने आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों व मजदूरों के परिजनों को सरकारी नौकरी व तय मुआवजा देने के लिए संयुक्त मोर्चा से सूची मांग ली है। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने 32 किसान संगठनों के साथ बैठक के बाद यह एलान किया कि केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ जारी संघर्ष के दौरान पंजाब में किसानों पर दर्ज सभी केस रद्द किए जाएंगे। इसके साथ ही पंजाब के सरकारी दफ्तरों में केवल पंजाबियों को ही नौकरी देने के लिए राज्य सरकार एक हफ्ते में नया कानून ला रही है। पंजाब भवन में संयुक्त मोर्चा के साथ बैठक के बाद प्रेस वार्ता में मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने किसानों के हित में कई अन्य बड़े एलान किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों की पूर्ण कर्जमाफी की मांग पर किसान यूनियनों के साथ बैठकर में विचार-विमर्श किया जाएगा और उसके आधार पर अंतिम फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यूनियनों की बाकी 17 मांगों को मान लिया गया है। इसके तहत, राज्य में पराली जलाने को लेकर अब तक किसानों पर जितने भी केस दर्ज किए गए हैं, उन सभी को रद्द करने का फैसला लिया गया है। इसके साथ ही किसानों से भविष्य में पराली न जलाने की अपील भी की।मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछली विधानसभा में किसान यूनियनों द्वारा सरकार से मांग की गई थी कि तीन काले कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव लाया जाए। उसे स्वीकार करते हुए सरकार ने प्रस्ताव ही पारित नहीं किया बल्कि उसमें दो लाइनें यह जोड़ दी हैं कि पूरा सदन और सारे विधायक सर्वसम्मति से सरकार को हिदायत करते हैं कि यह कानून पंजाब में लागू न किए जाएं। इसके चलते अब पंजाब में यह कानून लागू नहीं हो सकेंगे।