Recap 2022 : 2022 में भी रिवाज जीता और राज हारा
साल 2022 में रिवाज़ बरकरार रहा और कांग्रेस पार्टी सत्तासीन हुई। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में न सिर्फ सत्ता परिवर्तन हुआ बल्कि हिमाचल में एक नए राजनीतिक युग की शुरुआत भी हुई। इस चुनाव ने प्रदेश की सियासत की तस्वीर भी बदली और कई दिग्गजों को आईना भी दिखा दिया। एक लम्बे समय बाद प्रदेश के दो दिग्गज नेता 2022 के चुनावी मैदान में नहीं थे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के निधन के बाद जहाँ कांग्रेस करीब 37 साल बाद बिना वीरभद्र सिंह के चुनावी मैदान में उतरी तो वहीं भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल भी चुनावी मैदान में नहीं उतरे। हालांकि कांग्रेस का चुनाव प्रचार वीरभद्र सिंह के इर्द गिर्द ही घूमता दिखाई दिया, जिसका लाभ कांग्रेस को मिला। डबल इंजन की सरकार कई दावों के बावजूद भी रिपीट नहीं कर पाई। हिमाचल प्रदेश भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का गृह राज्य है, इसके बावजूद यहाँ भाजपा सत्ता से बाहर हुई। कांग्रेस ने 40 सीटों पर जीत हासिल की तो वहीं भाजपा 25 सीटों पर सिमट गई।
इस चुनाव में जहां भारतीय जनता पार्टी के 8 मंत्री चुनाव हार गए तो वहीँ कांग्रेस में सीएम की रेस में शामिल 3 बड़े नेता कौल सिंह ठाकुर, आशा कुमारी और रामलाल ठाकुर भी चुनाव नहीं जीत सके। इस चुनाव की एक और ख़ास बात ये रही की सिर्फ एक महिला ही चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंची। इस बार कांग्रेस की तरफ से तीन महिला प्रत्याशी मैदान में थी तो वहीँ भाजपा की तरफ से 6 महिला प्रत्याशी मैदान में उतरी थी, मगर जीत सिर्फ पच्छाद से भाजपा प्रत्याशी रीना कश्यप की हुई। हिमाचल प्रदेश में चार लोकसभा क्षेत्र है, और दिलचस्प बात ये है कि इन चार के चार लोकसभा क्षेत्रों के सांसद अपने अपने क्षेत्रों में अपनी पार्टी को लीड नहीं दिला पाए है। चारो सांसदों के क्षेत्रों में उनकी पार्टी पिछड़ी है। हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग ठाकुर, कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के सांसद किशन कपूर और शिमला संसदीय क्षेत्र के सांसद सुरेश कश्यप अपने क्षेत्रों में भारतीय जनता पार्टी को बढ़त नहीं दिला पाए और सांसद प्रतिभा सिंह के मंडी संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस पिछड़ गई। इस चुनाव में सांसदों की परफॉर्मेंस के बाद चुनाव में इनका प्रभाव विश्लेषण का विषय बन गया है।