Recap 2022: दुनिया को अलविदा कह गए आज़ाद हिन्दुस्तान के पहले मतदाता श्याम सरन नेगी
आजाद हिंदुस्तान के पहले वोटर, 106 साल के श्याम सरन नेगी दुनिया को अलविदा कह गए। श्याम सरन नेगी को भारतीय लोकतंत्र का लीविंग लीजेंड भी कहा जाता था। 2022 के लिए श्याम सरन नेगी ने पोलिंग बूथ पर जाकर वोट डालने की इच्छा जताई थी, लेकिन तबियत खराब होने के कारण उन्होंने घर से ही पोस्टल बैलट पेपर से मतदान किया था। मतदान के बाद श्याम सरन नेगी ने कहा था कि मतदान लोकतंत्र का महापर्व होता है और हम सभी को मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। श्याम सरन नेगी का जन्म 1 जुलाई 1917 को हिमाचल प्रदेश के कल्पा में हुआ। वह एक रिटायर्ड स्कूल मास्टर थे। उन्होंने पहली बार जब वोट किया था, तब वह 33 साल के थे। हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले के कल्पा गांव निवासी स्कूल टीचर श्याम शरन नेगी को अपने गांव से अलग प्रशासन द्वारा मतदान केंद्र प्रभारी बनाया गया था। नेगी एक वोट के मूल्य को समझते थे। वे मतदान शुरू होने से एक घंटे पहले यानि सुबह 6:00 बजे ही अपने गांव के प्राथमिक विद्यालय के मतदान केंद्र पर पहुंच गए। वहां उन्होंने अधिकारियों को बताया की उन्हें जल्द अपने स्कूल भी पहुंचना है। तैनात अधिकारी ने उन्हें 6:30 बजे मतपत्र दिया और नेगी पहले मतदाता बन गए। श्याम सरन नेगी ने 1951 के बाद से हर आम चुनाव में मतदान किया है।