शिमला : पेपर लीक मामला, पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा रद्द
प्रदेशभर में 27 मार्च को हुई पुलिस भर्ती की लिखित परीक्षा से पहले ही प्रश्नपत्र लीक होने के बाद अब सरकार ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया है। शिमला में पत्रकारों को जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा की 27 मार्च को हुई परीक्षा में पेपर लीक होन के बाद सरकार ने यह निणर्य लिया गया है। इस मोके पर उन्होंने कहा की सरकार इस परीक्षा को दोबारा जल्द करवाएगी। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा की इस बार ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के हिसाब से यह परीक्षा होगी। बता दें की हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबलों के 1334 पदों के लिए 27 मार्च को भर्ती परीक्षा हुई थी। इनमें 932 पुरुष, 311 महिला कांस्टेबल, 91 पुरुष कांस्टेबल बतौर चालक पदों के लिए 5 अप्रैल 2022 को परिणाम घोषित हुआ, लेकिन पेपर लीक होने के बाद अब सरकार ने इस परीक्षा को रद्द कर दिया है।
पेपर लीक की जांच के लिए एसआईटी बनाई गई है। डीआईजी मधुसूदन एसआईटी के प्रमुख होंगे। टीम जांच कर तथ्य जुटाएगी और उसके बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है कि पुलिस की भर्ती पारदर्शिता के साथ पूरी हो सके और किसी को अंगुली उठाने की गुंजाइश न रहे।
74 हजार ने दी थी लिखित परीक्षा
हिमाचल प्रदेश पुलिस कांस्टेबलों के 1334 पदों के लिए 27 मार्च को भर्ती परीक्षा हुई थी। इनमें 932 पुरुष, 311 महिला कांस्टेबल, 91 पुरुष कांस्टेबल बतौर चालक पदों के लिए 5 अप्रैल 2022 को परिणाम घोषित हुआ। पहले चरण में लिखित परीक्षा का आयोजन प्रदेश में निर्धारित 81 केंद्रों पर किया गया था। लिखित परीक्षा में कांस्टेबल पुरुष के पदों के लिए 60 हजार से अधिक और कांस्टेबल महिला पदों के लिए 14 हजार से अधिक उम्मीदवार शामिल हुए थे।
भर्ती परीक्षा में पाए 90 में से 70 अंक
5 अप्रैल को लिखित परीक्षा का परिणाम निकलने के बाद पास हुए अभ्यर्थियों को पुलिस ने दस्तावेजों की जांच के लिए प्रदेशभर में बुलाया। इसके बाद नियुक्ति होनी थी। दस्तावेजों की जांच के दौरान एसपी कांगड़ा खुशहाल चंद शर्मा को तीन युवाओं पर शक हुआ। तीनों युवाओं के 90 में से 70 अंक थे। लेकिन दसवीं की कक्षा में उनके अंक 50 फीसदी भी नहीं थे। एसपी ने तीनों युवाओं से अलग-अलग कड़ी पूछताछ की। पुलिस पूछताछ में तीनों युवा फंस गए और उन्होंने माना कि लिखित परीक्षा से पहले ही 6 से 8 लाख रुपये देकर उन्हें टाइप्ड प्रश्नों के उत्तर मिल गए थे। उन्हें उत्तर रटने को कहा गया था।