डीपीई के पद स्वीकृत न होने से शारीरिक शिक्षक खफा
* गुहार : आचार सहिंता लगने से पहले सुध ले सरकार
प्रदेश में सेवाएं दे रहे शारीरिक शिक्षक वर्तमान सरकार की कार्यशैली से नाराज है। इनका कहना है कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में विभाग ने वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में एक भी पद डीपीई का स्वीकृत नही किया है, जिसका खामियाजा शारीरिक शिक्षको को भुगतना पड़ रहा है। वहीं 180 के लगभग शारीरिक शिक्षक पिछले दो वर्षों से अपनी पदोन्नति की राह देख रहे है, लेकिन पद स्वीकृत नहीं होने की वजह से पदोन्नत नहीं हो पा रहे है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के 375 वरिष्ठ माध्यमिक पाठशालाओं में डीपीई पद स्वीकृत ही नहीं है, जबकि 90 के लगभग विद्यालयों में डीपीई के पद रिक्त चले हुये है। इतने बड़े पैमाने पर पद खाली होने के कारण शारीरिक अध्यापकों के पदोन्नति के मार्ग भी बंद हो गए है। वहीं इन स्कूलों में शारीरिक विषय पढ़ने वालों बच्चों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
राजकीय अध्यापक संघ हिमाचल प्रदेश के राजकीय उपाध्यक्ष सतीश पुंडीर, नरेश कुमार, सुरेश कुमार व नूतन कुमार का कहना कि सभी विषयों के अध्यापकों की पदोन्नति सूची विभाग जारी करता है लेकिन पीईटी से डीपीई की पदोन्नति को के लिये विभाग का उदासीन रवैया है, जोकि शारीरिक अध्यापक वर्ग के साथ अन्याय है। बार बार शारीरिक शिक्षक अपनी बात सरकार व विभाग पहुंचाते रहे है, लेकिन विभाग हर बार पद स्वीकृत नही होने कारण बता देता है। इनकी मांग है कि आचार सहिंता लागू होने से पहले सरकार इस संदर्भ में आवश्यक निर्णय ले।