सियासत नहीं इंसानियत: इक तवज्जोह चाहिए इंसां को इंसां की तरफ, ब्लेम गेम की सियासत में एक ताजा हवा का झोंका है सुधीर का प्रयास
सियासत का कोई धर्म कोई वक्त नहीं होता, ये तो बस कुर्सी के लोभ से प्रेरित हो बेवक्त चलती रहती है। इंसानियत पर भारी पड़ती सियासत के नमूने तो इस कोरोना काल में बहुत दिखे, मगर सियासत को छोड़ इन्सानियत का हाथ बढ़ाने वाले बेहद कम है। कोरोना के मामले बढ़ते ही सियासी दलों के बीच ब्लेम गेम शुरू हो जाता है, आरोप तो सभी लगाते है मगर कोई भी मदद करने को राज़ी नहीं। अपवाद मिलेंगे भी तो बहुत कम, बाकी तो मदद कम और दिखावा ज्यादा। इस वैश्विक आपदा में हिमाचल प्रदेश में कुछ नेता ऐसे भी है जो कोरोना को गंभीरता से ले रहे है और बढ़चढ़कर ज़रूरतमंद लोगों की सहायता कर रहे है। इन नेताओं में से एक कांग्रेस के राष्ट्रिय सचिव व पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा भी है जो निरंतर लोगो की सेवा कर रहे है।
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और सबसे बुरी स्थिति कांगड़ा जिले में है। काँगड़ा में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। आलम यह है कि कोविड मरीजों से अस्पताल भर रहे हैं। ऐसे सुधीर शर्मा ने अपने आलिशान मकान को कोविड सेंटर बनाने का प्रस्ताव रखा था, हालांकि इसे प्रशासन द्वारा मंज़ूरी नहीं दी गई। प्रशासन की शर्तों एवं प्रोटोकॉल के चलते यह संभव नहीं हो पाया है। तमाम सुविधाएं के बाद ही सुधीर के घर को कोविड सेंटर बनाया जा सकता था मगर इन शर्तों की लम्बी फेहरिस्त को पूरा कर पाना आसान नहीं था। कांगड़ा प्रशासन द्वारा जो पत्र लिखा गया था उसके अनुसार सुधीर को अपने घर को कोविड केयर -ऑक्सीजन युक्त 50 बेड का प्रबंध करने के लिए कहा गया। साथ ही रोगियों के लिए खाने की व्यवस्था का इंतजाम भी उन्ही को करना था। इसके अलावा, कोविड केयर सेंटरों के डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, वार्ड ब्वॉयज और सफाई कर्मचारियों की लिस्ट भी प्रशासन को दी जानी थी। ये सभी इंतजाम तीन दिन के भीतर करने के लिए कहा गया था जो संभव नहीं हो पाया।
सुधीर निश्चित तौर पर कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में अपना श्रेष्ठ देना चाहते है सो उन्होंने अलग रास्ता निकाल लिया। अब सुधीर ने अपने घर में बिस्तरों की व्यवस्था की और इसे क्वारंटाइन सेंटर बना दिया। किसी व्यक्ति के घर में यदि रहने की व्यवस्था नहीं है तो वह यहां पर क्वारंटाइन रह सकता है। पूर्व मंत्री ने अपने घर में प्राइवेट नर्सेज का भी इंतज़ाम किया है और एक एम्बुलेंस भी 24 घंटे उनके घर पर उपलब्ध रहती है। सिर्फ ये ही नहीं पूर्व मंत्री सुधीर शर्मा ने लोगों की सहायता के लिए शक्ति हेल्पलाइन भी शुरू की है। इसके माध्यम से लोगों को एंबुलेंस की सुविधा व होम आइसोलेट व्यक्ति तक भोजन पहुंचाया जा रहा है। इस बुरे वक्त में सुधीर की ये सुखद पहल सचमुच काबिल ए तारीफ़ है।
मुझसे जो होगा मैं करूँगा : सुधीर
बिगड़ते कोरोना के हालात में राजनीति से ऊपर उठकर मानव जाति को बचाने के लिए आगे आने का समय आ गया है। जहाँ आवश्यक है वहां सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाना भी जरूरी है क्यों कि जो सत्ता में है पहली जवाबदेही उसकी है। पर अब ये हम सबकी निजी लड़ाई बन चुकी है। ये मानवता की लड़ाई है और सबको अपनी क्षमता अनुसार इसमें योगदान करना चाहिए। इसी कड़ी में 24/7 शक्ति हेल्पलाइन सभी जरूतमंदो की सेवा में तत्पर है। हमने एक अलगाव केंद्र बनाया है, एम्बुलेंस सेवा मुहैया करवा रहे है, होम क्वारंटाइन के लिए तीन बार पैक भोजन की व्यवस्था कर रहे है, जरूरतमंदो के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था कर रहे है। मुझसे जो हो सकेगा मैं करूँगा, ये मेरे लिए सियासत का विषय नहीं है, आत्म संतोष का विषय है।