टारगेट किलिंग और बिगड़ते हालात, आतंक को मिलेगा मुहतोड़ जवाब
कश्मीर के हालात बिगड़ते जा रहे है। हर दिन खौफजदा लाचार कश्मीरी हिन्दुओं के पलायन की तस्वीरें सामने आ रही है। जो हिन्दुस्तान के लोगों ने हाल ही में आई फिल्म कश्मीर फाइल्स के ज़रिये पर्दे पर देखा उसकी एक झलक फिर कश्मीर में दिख रही है। दहशतगर्द फिर कश्मीर को 90 के दशक में वापस धकेलने का प्रयास कर रहे है। खासतौर से बीते एक माह में वहां लगातार हत्याएं हो रही है। गम, गुस्सा, बेबसी के बीच कश्मीरी पंडितों ने घाटी में हो रहे प्रदर्शन भी स्थगित कर दिए है, अब बस उम्मीद है। टारगेट किलिंग के इस बेपाक सिलसिले के चलते कश्मीरी हिन्दू डर में है कि न जाने कब, कौन, कहां से किसे गोली मार दे। हालांकि सुरक्षाबलों ने कई आतंकी भी ढेर कर दिए हैं, लेकिन बावजूद इसके टारगेट किलिंग की घटनाएं नहीं रुक रही हैं।
पिछले साल अक्टूबर में आतंकियों ने केमिस्ट एमएल बिंद्रू की हत्या कर दी थी। उसके बाद से ही आतंकी लगातार विशेषकर गैर-मुस्लिमों को निशाना बना रहे हैं। कश्मीर पुलिस ने इन सभी हत्याओं के लिए चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया है। बीते दिनों एक बैंक मैनेजर और मजदूर की हत्या कर दी गई। इसके दो दिन पहले ज़िला कुलगाम के गोपालपुरा में जम्मू की रहने वाली एक हिन्दू शिक्षिका रजनी की उनके स्कूल में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उससे पहले बुड़गाम के ही एक कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की उनके दफ़्तर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। फेहरिस्त लम्बी है और चिंता का सबब ये है कि ये सिलसिला थम नहीं रहा। बता दें कि प्रधानमंत्री के विशेष पुनर्वास पैकेज के तहत भर्ती किए गए करीब 4 हजार कश्मीरी हिन्दू यहां कार्यरत हैं।
प्रॉक्सी वॉर ही है पाकिस्तान की रणनीति :
पाकिस्तान अच्छी तरह जानता है कि आमने -सामने की लड़ाई में भारत का मुकाबला करने की उसकी औकात नहीं है। युद्ध में मैदान में पाकिस्तान ने हर बार भारत के आगे घुटने टेके है। इसीलिए वो दशकों से प्रॉक्सी वॉर की रणनीति पर आगे बढ़ रहा है। आतंकियों को बढ़ावा देकर पाकिस्तान कश्मीर को लहूलुहान करने में लगा है।
आतंकियों को मुहतोड़ जवाब देने की तैयारी :
श्रीनगर के विभिन्न इलाकों में तैनात कश्मीरी पंडितों का जिला मुख्यालय में ट्रांसफर या फिर समायोजन कर दिया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बीते शुक्रवार को एक हाई लेवल मीटिंग की थी। मीटिंग में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के अलावा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, जम्मू-कश्मीर के डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस दिलबाग सिंह, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक कुलदीप सिंह और सीमा सुरक्षा बल के प्रमुख पंकज सिंह भी मौजूद थे। केंद्र सरकार ने आतंकियों के खिलाफ रणनीतिक चक्रव्यूह तैयार करने का फैसला किया है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के पूरे ढांचे को बदलने की तैयारी है। 'सॉफ्ट टारगेट' हत्याओं को रोकने के लिए पुलिस तंत्र को मजबूत करने पर फोकस किया गया है। जाहिर है केंद्र सरकार कोई कसार नहीं छोड़ रही है और आतंकियों को मुहतोड़ जवाब देने की तैयै है।